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Written By WD Feature Desk
Last Modified: शुक्रवार, 31 मई 2024 (16:33 IST)

Vastu Tips : यदि घर में इस तरह बनाएंगे रोटी तो घर में आएगी दरिद्रता

Vastu Tips : यदि घर में इस तरह बनाएंगे रोटी तो घर में आएगी दरिद्रता - Gin kar roti banana chahiye ya nahi
Bhojan ki thali me Roti: रोटी बनाने और परसने के कुछ वास्तु और ज्योतिष नियम है। यदि उन नियमों के तहत रोटी नहीं बनाएंगे तो घर में दरिद्रता आने लगेगी और आप कंगाल हो सकते हैं। घर की बरकत चली जाती है। चलिए जान लेते हैं कि क्या है रोटी बनाने और परोसने के नियम।
1. थाली में कभी एक साथ तीन रोटी न रखें: कई नियमों में एक नियम यह भी है कि भोजन की थाली भोजन परोसते वक्त एक साथ 3 रोटियां नहीं रखते हैं। कहते हैं कि तीन तिगाड़ा, काम बिगाड़ा। और भी कई बातें हैं। आओ जानते हैं विस्तार से इस संबंध में।  थाली में कभी भी तीन रोटी, पराठे या पूड़ी नहीं परोसी जाती है। इसके पीछे पहली मान्यता यह है कि तीन एक विषम संख्‍या है जो अच्छी नहीं मानी जाती। जहां पर भी तीन होते हैं वहां पर त्रिकोणी संघर्ष की बात भी कही गई है। मान्यता यह है कि यदि किसी मृतक को भोग लगा रहे हैं तो उसकी थाली में तीन कोल या तीन या पांच रोटी रखी जाती है। थाली में 3 रोटी तब रखी जाती है जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है और उसके त्रयोदशी संस्कार से पहले उसके नाम की थाली लगाई जाती है, उस दौरान 3 रोटियां रखी जाती हैं। इसमें पहली कोई अग्नि और देव के लिए दूसरा अर्यमा और पितरों के लिए और तीसरा गाय, कुत्ते और कौवे के लिए। इसीलिए भी थाली में नहीं रखते हैं।
2. रोटी कभी भी गिनकर न बनाएं : हिंदू शास्त्रों, वास्तु शास्त्र और ज्योतिष के अनुसार रोटियां कभी भी गिनकर नहीं बनाई जाती है। पहली रोटी गाय की, दूसरी कौवे की और तीसरी कुत्ते की रोटी बनने के पहले रोटी का एक टुकड़ा अग्नि को होम किया जाता है। इसके बाद जितना भी आटा गूंथा है उसकी रोटी बना लें। गिनकर रोटी बनाने से बरकत चली जाती है। गिनकर रोटी बनाने से मां अन्नपूर्णा नाराज हो जाती है। इसी के साथ किसी से पूछकर भी रोटी नहीं बनाना चाहिए कि आप कितनी खाएंगे। रोटी बनाते, खिलाते या खाते वक्त गिनना अच्छी आदत नहीं मानी जाती है। रोटी का संबंध सूर्यदेव से होता है इसलिए उनका भी अपमान होता है।
 
3. इन दिनों नहीं बनाते रोटी : शीतलाष्टमी, नागपंचमी, शरद पूर्णिमा, दिवाली और घर में किसी की मृत्यु होने पर रोटी नहीं बनाते हैं। हिंदू धर्म में वर्ष में 5 दिन या कहें कि 5 त्योहार ऐसे होते हैं जबकि तवे पर रोटी नहीं बनाई जाती है। यदि कोई ऐसा करता है तो यह मान्यता है कि उसके घर से माता लक्ष्मी रूठकर हमेशा के लिए चली जाती है। 
4. क्यों बनाते हैं गिनकर रोटियां : पहले के समय में सभी लोग संयुक्त परिवार में रहते थे। तब सभी लोग साथ बैठकर भोजन करते थे और तब महिलाएं कभी भी गिनकर रोटी नहीं बनाती थी। रोटी बच जाती थी तो उसे शाम को खा लिया जाता था या घर में मेहमानों का आना जाना लगा रहता था तो सभी की पूर्ति हो जाती थी। लेकिन आजकल एकल परिवार हो चले हैं। ऐसे में हर सदस्य के हिसाब से गिनकर रोटियां बनाई जानें लगी ताकि रोटी बचे नहीं। लेकिन ज्योतिष और वस्तु के अनुसार इसे उचित नहीं माना जाता। 
 
5. रोटियां गिनकर नहीं बनाएं : वास्तु शास्त्र के अनुसार गिनकर रोटियां बनाना अशुभ माना गया है। इससे जहां सुख-समृद्धि प्रभावित होती है। वहीं माना जाता है कि ग्रह नक्षत्र भी प्रभावित होते हैं और सेहत के लिए यह हानिकारक है। कहते हैं कि गेहूं सूर्य का दाना है। सूर्य के कारण ही व्यक्ति का जीवन प्रभावित हो रहा है। गिनकर बनाने से सूर्य देव का अपमान माना जाता है। इसी तरह दूसरे अनाज, दाल आदि भी किसी न किसी ग्रहों के कारक है।
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