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Written By WD Feature Desk
Last Modified: मंगलवार, 28 मई 2024 (11:42 IST)

Vastu Tips : यदि घर की दक्षिण दिशा में ये एक कार्य किया तो लक्ष्मी रूठ जाएगी, यमराज होंगे प्रसन्न

Maa Lakshmi Pujan
Vastu Tips :हर दिशा के अलग महत्व है, इनके ग्रह और देवता भी अलग अलग है। पूर्व के सूर्य-इंद्र, पूर्व-दक्षिण के शुक्र-अग्नि, दक्षिण के मंगल-यम, दक्षिण पश्चिम के राहु-नैऋती, पश्‍चिम के शनि-वरुणदेव, पश्‍चिम उत्तर के चंद्रमा-पवनदेव और उत्तर के बुध-कुबेर, उत्तर पूर्व के बृहस्पति-विष्णु देव है। दक्षिण दिशा को मंगल ग्रह और यमराज की दिशा मानी गई है। इस दिशा में एक कार्य नहीं करना चाहिए अन्यथा माता लक्ष्मी रूठ जाती है।
दक्षिण में दीपक नहीं जलाते हैं : दक्षिण दिशा में कभी भी दीपक नहीं जलाना चाहिए। कहते हैं कि इस दिशा में दीपक जलाने से माता लक्ष्मी रूठ जाती है। लेकिन यदि आप दक्षिण दिशा में दीपक जलाते हैं तो यह दीपक यमराज को लगता है। दीपक नहीं भी जलाएं लेकिन यदि उसकी लो यानी ज्योति दक्षिण दिशा में रखी है तो धन की हानि होगी। 
उत्तर में जलाते हैं दीपक : दीपक जलाने का स्थान उत्तर और ईशान दिशा है। उत्तर दिशा कुबेर और माता लक्ष्मी की दिशा है और ईशान दिशा बृहस्पति ग्रह और श्रीहरि विष्णु की दिशा है। इस दिशा में दीपक जलाने से कुबेरे के साथ ही माता लक्ष्मी और विष्णुजी प्रसन्न होते हैं। 
दक्षिण में दीपक जलाने का प्रायोजन : यमराज के निमित्त नकर चतुर्दशी, दीपावली, अमावस्या या यम द्वितीया के दिन ही किसी विशेष प्रायोजन से ही दीपक लगाते हैं। दक्षिण दिशा में 2 मुखी आटे का दीपक जलाने से अकाल मृत्यु का योग टल जाता है। मंगल ग्रह कुंडली में मजबूत होते हैं। हनुमानजी के निमित्त भी दीपक लागने से दक्षिण के बुरे प्रभाव दूर होते हैं। दीपक लगाने को दीप दान कहते हैं।
दीपदान करने के फायदे :
1. अकाल मृत्यु से बचने के लिए करते हैं दीपदान।
2. अपने मृ‍तकों की सद्गति के लिए करते हैं दीपदान।
3. लक्ष्मी माता और भगवान विष्णु को प्रसन्न कर उनकी कृपा हेतु करते हैं दीपदान।
5. यम, शनि, राहु और केतु के बुरे प्रभाव से बचने के लिए करते हैं दीपदान।
6. सभी तरह के अला-बला, गृहकलह और संकटों से बचने के लिए करते हैं दीपदान।
7. जीवन से अंधकार मिटे और उजाला आए इसीलिए करते हैं दीपदान।
8. मोक्ष प्राप्ति के लिए करते हैं दीपदान।
9. किसी भी तरह की पूजा या मांगलिक कार्य की सफलता हेतु करते हैं दीपदान।
10. घर में धन समृद्धि बनी रहे इसीलिए भी कहते हैं दीपदान।
11. कार्तिक माह में भगवान विष्णु या उनके अवतारों के समक्ष दीपदान करने से समस्त यज्ञों, तीर्थों और दानों का फल प्राप्त होता है।
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