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Last Modified: गुरुवार, 1 फ़रवरी 2018 (19:18 IST)

गरीबों, किसानों को सौगात, वेतनभोगी निराश

गरीबों, किसानों को सौगात, वेतनभोगी निराश - Budget 2018-19, Arun Jaitley, Farmer
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने बजट में गरीबों, किसानों और छोटे तथा मध्यम उद्योगों के लिए सौगातों का पिटारा खोलते हुए मध्यम वर्ग, विशेष रूप से वेतनभोगियों और निवेशकों को निराश कर उन पर कर का बोझ बढ़ा दिया।
 
 
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को संसद में 2018-19 का आम बजट पेश किया। इसमें आगामी खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत का डेढ़ गुना करने, उज्ज्वला योजना के लिए मुफ्त गैस कनेक्शन का लक्ष्य बढ़ाकर आठ करोड़ करने तथा विश्व की सबसे बड़ी सरकारी स्वास्थ्य योजना के तहत 10 करोड़ परिवारों (करीब 50 करोड़ लोगों) को प्रति परिवार पांच लाख रुपए सालाना चिकित्सा कवर देने की घोषणा की गई है।
 
किसानों को आगामी वित्त वर्ष में ऋण देने की राशि बढ़ाकर 11 लाख करोड़ रुपए करने का लक्ष्य रखा गया है। सौभाग्य योजना के तहत 16 हजार करोड़ रुपए से चार करोड़ गरीबों के घरों को बिजली के कनेक्शन देने और आगामी वित्त वर्ष में '2022 तक अपना घर' कार्यक्रम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 51 लाख मकान बनाने की भी घोषणा की गई। योजना के तहत अब तक इतने की मकानों का निर्माण किया जा चुका है। 
 
करों में राहत की उम्मीद लगाए वेतन भोगियों को बजट से निराशा हाथ लगी। सरकार ने निजी आयकर स्लैब में कोई बदलाव न करते हुए शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए उपकर तीन से बढ़ाकर चार प्रतिशत कर दिया। स्वास्थ्य और परिवहन खर्च के लिए 40 हजार रुपए की मानक छूट का प्रावधान किया गया है। वरिष्ठ नागरिकों को राहत देते हुए उनकी ब्याज से होने वाली कर मुक्त आय की सीमा 10 हजार रुपए से बढ़ाकर 15 हजार रुपए कर दी गई है। 
 
इक्विटी बाजार में निवेशकों को भी सरकार ने झटका दिया है। एक लाख रुपए से ज्यादा दीर्घावधि पूंजीगत लाभ पर 10 प्रतिशत कर का प्रस्ताव किया गया है। वित्त मंत्री ने 70 लाख नए रोजगार मुहैया कराने की भी घोषणा की और बजट में रेल तथा सड़क क्षेत्र के लिए अब तक का सबसे बड़ा आवंटन किया है।
 
बजट में स्वच्छ भारत मिशन के तहत दो करोड़ नए शौचालय बनाने का प्रस्ताव है। स्वराज योजना को प्रोत्साहन देने के लिए तीन लाख करोड़ रुपए की राशि रखी गई है। दस करोड़ गरीब परिवारों के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना तथा डेढ़ लाख वेलनेस केंद्रों के लिए 12 हजार करोड़ रुपए का आवंटन किया जाएगा। 
 
रेलवे में सुधार के लिए कई कदमों की घोषणा करते हुए इसके लिए आवंटन को एक लाख 41 हजार करोड़ रुपए से बढ़ाकर एक लाख 48 हजार 528 करोड़ रुपए किया गया है। सुरक्षा के लिहाज से सभी ट्रेनों में सीसीटीवी कैमरे और वाई-फाई की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। कुल 3,600 किलोमीटर पटरियों का नवीनीकरण किया जाएगा और अगले दो साल में 4267 मानव-रहित रेलवे क्रॉसिंग को समाप्त किया जाएगा। 
 
बजट में मुद्रा योजना के लिए तीन लाख करोड़ रुपए, अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए 56,619 करोड़ रुपए और अनुसूचित जनजाति कल्याण के लिए 39,135 करोड़ रुपए आवंटित करने का प्रस्ताव किया गया है। गंगा किनारे के 115 जिलों को आदर्श जिलों के रूप में विकसित किया जाएगा। 
 
बजट में टीबी मरीजों के पौष्टिक आहार के लिए 600 करोड़ रुपए, जबकि बांस की खेती को बढ़ावा देने के लिए 1,290 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया है। आलू, टमाटर और प्याज के लिए ऑपरेशन ग्रीन योजना के तहत 500 करोड़ रुपए का प्रस्ताव है। 
 
प्रदूषण की समस्या पर विशेष ध्यान देते हुए सरकार ने दिल्ली के पड़ोसी राज्यों को पराली जलाने के लिए रियायती दर पर मशीन देने का बजटीय प्रस्ताव रखा है। जेटली ने जब-जब गरीबों और किसानों के लिए बजटीय प्रस्तावों की घोषणा की, तब-तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खुलकर मेज थपथपाई। (वार्ता)
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