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Last Modified: गुरुवार, 1 फ़रवरी 2018 (19:10 IST)

विपक्ष ने बताया चुनावी बजट बताया, सत्तापक्ष ने किसान, गरीबों का

विपक्ष ने बताया चुनावी बजट बताया, सत्तापक्ष ने किसान, गरीबों का - Budget 2018-19, Arun Jaitley, Congress
नई दिल्ली। कांग्रेस समेत सभी प्रमुख विपक्षी दलों ने मोदी सरकार के पांचवें बजट को दिशाहीन और 'चुनावी' तथा 'सपने दिखाने वाला' करार देते हुए कहा है कि इसमें जनता को गुमराह करने वाले खोखले वादे किए गए हैं जबकि सत्ता पक्ष ने इसे गरीब, किसान एवं वंचित समाज का बजट बताया और कहा कि इसमें समाज के हर तबके का ख्याल रखा गया है।
 
 
लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस प्रवक्ता राज बब्बर, सुष्मिता देव, रेणुका चौधरी, शशि थरूर, पीएल पुनिया, तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी, राष्ट्रीय जनता दल के जयप्रकाश नारायण यादव, भाकपा के डी राजा आदि ने वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा संसद में पेश 2018-19 के आम बजट की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि इसमें 'मुंगेरी लाल के हसीन सपने दिखाकर' एक बार फिर जनता को भरमाने की कोशिश की गई है।
 
इन नेताओं ने कहा कि यह अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखकर बनाया गय है। बजट घोषणाओं को धरातल पर उतारने का कोई खाका नहीं पेश किया गया है। कुछ विपक्षी सदस्यों ने इसे 'पकौड़ा बजट' बताया और कहा कि इसमें रोजगार सृजन की कोई बात नहीं है।
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कृषि मंत्री राधामोहनसिंह, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री प्रकाश जावडेकर, ग्रामीण विकास राज्यमंत्री रामकृपाल यादव और हेमामालिनी आदि ने बजट की तारीफ करते हुए इसे किसानों, गरीबों और वंचित तबके का ख्याल रखने वाला बताया है और कहा है कि इससे विकास की गति को तेजी मिलेगी और देश में ढांचागत सुविधाओं का विकास होगा।
 
कांग्रेस नेता खड़गे ने भी इसे चुनावी बजट करार देते हुए कहा कि मोदी सरकार ने जब चार साल में किसानों के लिए कुछ नहीं किया तो वह अगले नौ-दस महीने में क्या कर पाएगी, यह निश्चित तौर पर संदेह के घेरे में है। उन्होंने इसे महज सरकार का छलावा करार दिया। 
 
पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली ने बजट को निराशाजनक करार देते हुए कहा कि मोदी सरकार के चार वर्ष पूरे हो रहे हैं, लेकिन जनता के लिए 'अच्छे दिन' नहीं आए। आयकर स्लैब में कोई बदलाव न किए जाने से मध्यम वर्ग निराश हुआ है। 
 
पूर्व केंद्रीय नेता शशि थरूर ने कहा कि बजट में कुछ भी नया नहीं है। पुरानी कुछ योजनाओं को नए रूप में पेश कर दिया गया है। राज बब्बर ने कहा कि बजट में सिर्फ लोकलुभावन चुनावी वादे हैं और मंहगाई कम करने तथा रोजगार सृजन का कोई जिक्र नहीं है। पूनिया ने बजट को रस्मअदायगी करार देते हुए कहा कि इसमें शौचालय बनाने की बात तो है, लेकिन सिर पर मैला ढोने की समस्या से निपटने का कोई जिक्र नहीं है।
 
असम प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य रिपुन बोरा ने रोजगार के अवसर बढ़ाए जाने को लेकर बजट में कुछ विशेष प्रबंध नहीं किए जाने के लिए सरकार की आलोचना की। कांग्रेस की रेणुका चौधरी ने कहा कि बजट में महिलाओं और रोजगार के लिए कुछ भी नहीं है। 
 
तृणमूल कांग्रेस के नेता और पूर्व रेलमंत्री दिनेश त्रिवेदी ने बजट पर तंज कसते हुए कहा यह तो 'दावोस' का बजट है। इसमें सिर्फ हवा-हवाई वायदे हैं और हकीकत कुछ भी नहीं है। बजट में रेलवे के लिए किए गए आवंटन पर उन्होंने कहा कि रेलवे में कोई सुधार नहीं हो रहा है और वह दिवालिया होने जा रही है। बुलेट ट्रेन जैसी योजनाएं गरीबों के लिए नहीं अमीरों के लिए हैं। आम आदमी पार्टी के संजयसिंह ने इसे 'पकौड़ा' बजट करार देते हुए कहा कि इसमें आम आदमी के लिए कुछ नहीं है।
 
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल और बीजू जनता दल के कलिकेश सिंह देव ने इसे खराब बजट करार दिया। समाजवादी पार्टी के नेता अमरसिंह ने इसे मोदी सरकार का अब तक का बेहतरीन बजट करार देते हुए कहा कि इसमें आम आदमी के कल्याण पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि यदि इस बजट का पूर्णांक 10 हो तो इसमें से मैं सरकार को नौ अंक देना पसंद करूंगा। भाजपा सांसद रीति पाठक ने कहा कि बजट में हर क्षेत्र के लिए प्रावधान है। (एजेंसियां)
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