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Last Updated : रविवार, 22 जून 2025 (11:04 IST)

अमेरिका ने बंकर बस्टर बम से तबाह की न्यूक्लियर साइट्स, ट्रंप ने कहा ईरान में शांति होगी या त्रासदी

अमेरिका की सेना ने रविवार तड़के ईरान के तीन परमाणु केंद्रों पर हमले किए।

bunker buster bomb
US entry in iran israel war : ईरान के परमाणु कार्यक्रमों को रोकने के लिए इजराइल के हमलों में उसका साथ देते हुए अमेरिका की सेना ने रविवार तड़के ईरान के तीन परमाणु केंद्रों पर हमले किए। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमलों की जानकारी देते हुए कहा कि ईरान के परमाणु केंद्र पूरी तरह से नष्ट कर दिए गए हैं। साथ ही उन्होंने ईरान को चेतावनी दी कि यदि उसने जवाबी कार्रवाई की तो उसके खिलाफ और अधिक हमले किए जा सकते हैं। ALSO READ: अमेरिकी हमले में परमाणु साइट्स को कितना हुआ नुकसान, क्या बोला ईरान?
 
ट्रंप ने व्हाइट हाउस से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि ईरान में या तो शांति होगी या फिर त्रासदी होगी, जो पिछले आठ दिनों में देखी गई त्रासदी से कहीं अधिक घातक होगी। ट्रंप ने ईरान को पश्चिम एशिया में दादागिरी करने वाला देश बताया और चेतावनी दी कि अगर वह शांति का मार्ग नहीं अपनाता है तो अमेरिका और भी हमले कर सकता है।
अमेरिका ने किया इन हथियारों का इस्तेमाल : एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी सेना ने ईरान में पर्वतीय क्षेत्र में बनाए गए फोर्दो परमाणु ऊर्जा संवर्धन संयंत्र पर ‘बंकर-बस्टर’ बमों का से हमला किया। करीब 30,000 पाउंड वजनी ‘बंकर-बस्टिंग’ अमेरिकी बम को ‘जीबीयू-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनिट्रेटर’ के रूप में जाना जाता है, जिसका इस्तेमाल जमीन के भीतर लक्ष्य को भेदने और विस्फोट में किया जाता है। ईरान के परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर हमले के लिए बी-2 स्टील्थ बॉम्बर का इस्तेमाल भी किया गया। ALSO READ: ईरान में तबाही मचा सकता है अमेरिका का बंकर बस्टर बम, क्यों है इजराइल के लिए जरूरी?
 
एक अन्य अमेरिकी अधिकारी ने भी बताया कि अमेरिकी पनडुब्बियों ने भी ईरान में हमलों में भाग लिया और जमीनी हमला करने में सक्षम लगभग 30 ‘टॉमहॉक’ मिसाइलें दागीं। यह स्पष्ट नहीं है कि उन मिसाइलों का लक्ष्य क्या था। फोर्दो के अलावा इस्फहान और नतांज, दो ईरानी परमाणु केंद्रों पर भी हमला किया गया।
 
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि हमने ईरान के परमाणु केंद्रों फोर्दो, इस्फहान, नतांज पर सफलतापूर्वक हमले किए। उन्होंने कहा कि इन केंद्रों को निशाना बनाने के बाद सारे विमान ईरान के हवाई क्षेत्र से बाहर आ चुके हैं।
 
नेतन्याहू के साथ एक टीम के रूप में काम किया : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उन्होंने ईरान पर हमला करने के लिए इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ एक टीम के रूप में काम किया। ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका के अलावा दुनिया की कोई भी सेना इस तरह के हमले को अंजाम नहीं दे सकती थी।
 
ईरान को कितना नुकसान : ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन ने फोर्दो, इस्फहान और नतांज परमाणु केंद्रों पर हमलों की पुष्टि की और जोर देकर कहा कि अपने दुश्मनों की बुरी साजिशों के बावजूद वह अपने हजारों क्रांतिकारी और प्रतिबद्ध वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों के प्रयासों से उठ खड़ा होगा। संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था के साथ ही ईरान और सऊदी अरब ने भी साफ कहा कि ईरान के परमाणु केंद्रों पर अमेरिकी हवाई हमलों के बाद ‘विकिरण के कोई संकेत’ नहीं मिले।
 
अमेरिका के मानवाधिकार संगठन ‘ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स’ ने कहा कि ईरान पर इजराइल के हमलों में कम से कम 865 लोगों की मौत हो गई और 3,396 अन्य घायल हो गए। संगठन ने कहा कि मृतकों में 363 नागरिक और 215 सुरक्षा बल के जवान शामिल हैं।
edited by : Nrapendra Gupta