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Last Modified: गुरुवार, 11 सितम्बर 2025 (19:46 IST)

ग़ाज़ा: इसराइली कार्रवाई में तेज़ी, पश्चिमी तट के हिस्से को जबरन हड़पने की आशंका पर चिन्ता

Israel Hamas war
Israeli action in Gaza: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) ने उत्तरी ग़ाज़ा में इसराइली सैन्य अभियान में आई तेज़ी पर गहरी चिन्ता जताई है और पश्चिमी तट के हिस्सों को जबरन हड़पने की किसी भी कोशिश के विरुद्ध चेतावनी जारी की है। क़ाबिज़ फ़लस्तीनी इलाक़े में OHCHR कार्यालय प्रमुख अजीत सुंघे ने यूएन न्यूज़ को बताया कि इसराइली कार्रवाई में आई तेज़ी से उत्तरी ग़ाज़ा गवर्नरेट, और ग़ाज़ा सिटी के पूर्वोत्तर इलाक़ों में रिहायशी इमारतों को नुक़सान पहुंचा है।
 
हिंसा में बड़ी संख्या में आम नागरिकों के हताहत होने, उनके जबरन विस्थापित होने की ख़बरे हैं। स्थानीय स्वास्थ्य प्रशासन के अनुसार, 26 अगस्त से 1 सितम्बर के दौरान 816 फ़लस्तीनियों की जान गई है, जोकि उससे पहले के सप्ताह की तुलना में दोगुनी संख्या है।
 
बचने के लिए कोई स्थान नहीं : एक अनुमान के अनुसार, क़रीब 10 लाख फ़लस्तीनी ग़ाज़ा के उत्तरी हिस्से में हैं, जो हर दिन छोटे से हिस्से में सिकुड़ते जा रहे हैं। अजीत सुंघे ने कहा कि बहुत से लोग वहां से कहीं और जाने में असमर्थ हैं। यहां कोई इलाक़ा सुरक्षित नहीं है और आवाजाही भी ख़तरनाक है। अन्य लोग अब भी पूर्वी ग़ाज़ा सिटी में फंसे हुए हैं और मानवीय सहायताकर्मी उन तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।
 
इस बीच, ग़ाज़ा में मदद की तलाश में जुटे आम फ़लस्तीनियों पर इसराइली सैन्य हमले होने की ख़बर है, जबकि राहतकर्मियों को ज़रूरतमन्दों के लिए सामान जुटाने व उसे वितरित करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। OHCHR ने संयुक्त राज्य अमेरिका और इसराइल द्वारा संचालित ‘ग़ाज़ा मानवतावादी फ़ाउंडेशन’ के केन्द्रों के नज़दीक 2,146 मौतों पर जानकारी जुटाई है। सहायता वितरण की इस व्यवस्था को मई के अन्तिम दिनों में शुरू किया गया था। 
 
पश्चिमी तट के लिए चेतावनी : अजीत सुंघे ने कुछ रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इसराइली सरकार की योजना, क़ाबिज़ पश्चिमी तट के कुछ हिस्सों में अपनी सम्प्रभुता बढ़ाने या फिर उन्हें एक तरह से जबरन हड़प लेने की है। उन्होंने ध्यान दिलाया कि जुलाई में, अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने स्पष्टता से कहा था कि इसराइल ने पहले ही क़ाबिज़ फ़लस्तीनी इलाक़े के बड़े हिस्सों को अपने में मिला लिया है, विशेष रूप से पूर्वीय येरूशलम और ‘एरिया सी’ को जहाँ अधिकाँश बस्तियाँ स्थित हैं। कोर्ट के अनुसार, इस क़दम को जबरन हड़पने की श्रेणी में रखा जा सकता है।
 
अजीत सुंघे ने कहा कि इसराइल ने यह पहले भी किया है और अब भी ऐसा किया जा रहा है। बस्तियों और बुनियादी ढाँचे में विस्तार बदस्तूर जारी है, क़ाबिज़ पश्चिमी तट के बड़े इलाक़े से हज़ारों फ़लस्तीनियों को जबरन हस्तांतरित किया गया है और इस पर अब इसराइली सैन्य बलों व बस्तियों के निवासियों का नियंत्रण है। 
 
OHCHR के वरिष्ठ अधिकारी ने सचेत किया कि पश्चिमी तट पर किसी भी तरह से सम्प्रभुता के विस्तार की घोषणा के फ़लस्तीनियों के लिए भयावह नतीजे होंगे। न केवल स्व-निर्धारण के उनके अधिकार पर, बल्कि दैनिक जीवन में भी। इससे बस्तियों का विशाल स्तर पर विस्तार किया जा सकेगा और बिना किसी पाबन्दी के, इसराइल का प्राकृतिक संसाधनों पर पूरी तरह से नियंत्रण होगा।
 
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