Israel-Iran war : ईरान पर शुक्रवार तड़के इसराइल के हमला करने से कुछ ही घंटे पहले, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को यह उम्मीद थी कि तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर लंबे समय से चल रहा विवाद सैन्य कार्रवाई के बिना हल हो सकता है। अब राइजिंग लायन नामक इसराइली सैन्य अभियान शुरू हो गया है- जिसके बारे में इसराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि यह अभियान जितना भी दिन लगेगा, जारी रहेगा। ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप के उस चुनावी वादे की गंभीर परीक्षा होगी, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह अमेरिका को दूसरे देशों के बीच युद्धों और झगड़ों से दूर रखेंगे।
ट्रंप ने शुक्रवार सुबह सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, मैंने ईरान को समझौता करने के लिए कई मौके दिए। मैंने कड़े शब्दों में उनसे कहा, यह कीजिए, लेकिन चाहे उन्होंने कितनी भी कोशिश की हो, चाहे वे कितने भी करीब क्यों न पहुंच गए हों, वे इसे पूरा नहीं कर पाए।
इसराइली हमले पर, ट्रंप प्रशासन की पहली प्रतिक्रिया अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से नहीं, बल्कि विदेश मंत्री मार्को रुबियो की ओर से आई, जो उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी हैं। उन्होंने यह स्पष्ट करने की कोशिश की कि अमेरिका इसमें शामिल नहीं है और रिपब्लिकन पार्टी की सरकार की मुख्य चिंता क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य बलों की सुरक्षा करना है।
रुबियो ने एक बयान में कहा, इसराइल ने हमें बताया कि उसका मानना है कि यह कार्रवाई उसकी आत्मरक्षा के लिए जरूरी थी। बयान में कहा गया है, राष्ट्रपति ट्रंप और उनके प्रशासन ने हमारे सैन्य बलों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए हैं और हमारे क्षेत्रीय भागीदारों के साथ निकट संपर्क में बने हुए हैं। मैं स्पष्ट कर दूं कि ईरान को अमेरिकी हितों या कर्मियों को निशाना नहीं बनाना चाहिए।
नाम न बताने की शर्त पर दो अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि अमेरिका अब पश्चिम एशिया में जहाजों सहित सैन्य साजो सामान को स्थानांतरित कर रहा है, ताकि वह तेहरान के संभावित जवाबी हमले से बच सके। नौसेना ने विध्वंसक युद्धपोत यूएसएस थॉमस हडनर को पूर्वी भूमध्यसागर की ओर रवाना होने का आदेश दिया है और एक दूसरे विध्वंसक पोत को भी आगे बढ़ने का निर्देश दिया गया है, ताकि यदि व्हाइट हाउस से अनुरोध किया जाए तो वह तैनाती के लिए उपलब्ध रह सके।
हाल के हफ्तों में जब इसराइल ने हमलों की योजना बनाई, तो ईरान ने संकेत दिया था कि इसराइली हमले की स्थिति में अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। यह चेतावनी ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने दी, जब वह तेहरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम पर ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ के साथ बातचीत कर रहे थे।
बृहस्पतिवार को हमलों से कुछ घंटे पहले, ट्रंप ने तर्क दिया था कि कूटनीति के लिए अभी भी समय है लेकिन यह समय खत्म हो रहा है। व्हाइट हाउस ने रविवार को अराघची के साथ अगले दौर की वार्ता के लिए विटकॉफ को ओमान भेजने की भी योजना बनाई थी।
अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, विटकॉफ इस सप्ताहांत तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत के लिए ओमान जाने की योजना बना रहे हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि ईरानी अधिकारी इसमें भाग लेंगे या नहीं। ट्रंप ने शुक्रवार को सुझाव दिया कि इसराइली हमले को चाहिए ईरान के लिए स्पष्ट चेतावनी के तौर पर देखा जाना चाहिए, जो उसे शायद, दूसरा मौका प्रदान कर सकते हैं।
राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान से अपने परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए अपने आह्वान को नवीनीकृत करने के लिए अमेरिकी टेलीविजन समाचार एंकरों को कई कॉल भी किए। सीएनएन की डाना बैश ने कहा कि ट्रंप ने उनसे कहा कि ईरानियों को अब वार्ता की मेज पर आना चाहिए और एक समझौता करना चाहिए।
बैश के अनुसार, ट्रंप ने कहा, उनके लिए बहुत देर हो चुकी होगी। आप जानते हैं कि जिन लोगों से मैं निपट रहा था, वे कट्टरपंथी लोग मर चुके हैं। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि वह किन ईरानी अधिकारियों की बात कर रहे थे। ट्रंप ने वॉल स्ट्रीट जर्नल को बताया कि हमले से पहले इसराइलियों ने व्हाइट हाउस को बताया था कि बड़े पैमाने पर हमले होने वाले हैं।
इस बीच, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि उन्होंने ट्रंप से उभरती स्थिति के बारे में बात की है। इस बीच, ट्रंप ने शुक्रवार को ईरान से अपील की कि वह परमाणु समझौता कर ले, इससे पहले कि कुछ भी न बचे और जिसे कभी ईरानी साम्राज्य के रूप में जाना जाता था, उसे बचा ले।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, अब और मौत नहीं, अब और विनाश नहीं, बस कर डालिए, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए। ट्रंप शुक्रवार को सिचुएशन रूम में अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के साथ बैठक करने वाले हैं, ताकि आगे की मुश्किल राह पर चर्चा की जा सके।
ईरानी अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि वे निर्णायक कार्रवाई के साथ जवाबी कार्रवाई करने का इरादा रखते हैं, क्योंकि इसराइली हमलों में ईरान के नातान्ज़ में मुख्य संवर्धन केंद्र और देश के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के साथ-साथ शीर्ष परमाणु वैज्ञानिकों और अधिकारियों को निशाना बनाया गया। सीनेटर टिम कैन ने कहा, मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि इसराइल ने इस समय हमला क्यों किया, जबकि वह जानता है कि इस सप्ताहांत अमेरिका और ईरान के बीच उच्चस्तरीय कूटनीतिक चर्चा निर्धारित है।
राष्ट्रपति ने ईरान से फिर से समझौते पर बातचीत करने की अपील की। उन्होंने आगाह किया कि इसके बिना पश्चिम एशिया में बड़ा संघर्ष छिड़ सकता है। बाद में, उन्होंने सोशल मीडिया पर इस बात पर जोर दिया कि उनके पूरे प्रशासन को ईरान के साथ बातचीत करने का निर्देश दिया गया है।
डिफेंस प्रायोरिटीज में पश्चिम एशिया कार्यक्रम निदेशक रोजमेरी केलानिक ने कहा कि ट्रंप और उनकी टीम के लिए आगे का काम अमेरिकी सैन्य बलों की रक्षा करना है, जिन पर ईरानी जवाबी कार्रवाई का अत्यधिक जोखिम है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour