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Last Modified: रविवार, 24 अक्टूबर 2021 (20:58 IST)

गवाह का दावा, आर्यन खान की रिहाई के लिए मांगे 25 करोड़ रुपए, समीर वानखेड़े ने कहा- मुझे फंसाने की साजिश

गवाह का दावा, आर्यन खान की रिहाई के लिए मांगे 25 करोड़ रुपए, समीर वानखेड़े ने कहा- मुझे फंसाने की साजिश - Twist In Aryan Khan Case : Witness Claims Payoff, Anti-Drugs Agency Denies
मुंबई। मुंबई के अपतटीय इलाके में क्रूज ड्रग्स मामले में स्वतंत्र गवाह ने रविवार को दावा किया कि स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (NCB) के अधिकारी और कुछ अन्य लोगों ने बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान से मामले में गिरफ्तार बेटे आर्यन खान को रिहा करने के लिए 25 करोड़ रुपए की मांग की। खबरों के मुताबिक एनसीबी के जोनल निदेशक समीर वानखेड़े ने मुंबई कमिश्नर को चिट्ठी लिखी है जिसमें उन्होंने कहा उन्हें फंसाने की साजिश की जा रही है। 
 
मामले में गवाह प्रभाकर सैल ने मीडिया को बताया कि एनसीबी अधिकारियों ने उनसे 9 से 10 कोरे कागजों पर हस्ताक्षर करने के लिए भी कहा। हालांकि एनसीबी अधिकारी ने आरोपों से इनकार करते हुए इसे ‘पूरी तरह से झूठ और दुर्भावनापूर्ण’ बताया है। एनसीबी के जोनल निदेशक समीर वानखेडे के नेतृत्व में इस महीने की शुरुआत में एजेंसी ने क्रूज पोत पर ‘नशे’ का भंडाफोड़ किया था और उसके बाद मामले में तीन अक्टूबर को आर्यन खान को गिरफ्तार किया था। इस समय आर्यन मुंबई के आर्थर रोड जेल में कैद हैं।
हाल में पुणे पुलिस ने क्रूज पोत मादक पदार्थ मामले में एनसीबी के एक और गवाह के. पी. गोसावी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था जो वर्ष 2018 के धोखाधड़ी मामले में कथित तौर लोगों को विदेश में नौकरी की पेशकश करता था। सैल ने रविवार को आरोप लगया कि एनसीबी के अधिकारी, गोसावी और सैम डिसूजा नाम के एक अन्य व्यक्ति ने शाहरुख खान से उनके बेटे को छोड़ने के एवज में 25 करोड़ रुपए की मांग की थी।
 
सैल, गोसावी के निजी अंगरक्षक के तौर पर काम करता था और छापेमारी की रात उसके साथ था। उसने दावा किया कि आर्यन खान को एनसीबी के कार्यालय लाए जाने के बाद गोसावी ने डिसूजा से मुलाकात की। सैल ने दावा किया उसने गोसावी को फोन पर डिसूजा को 25 करोड़ रुपए की मांग के बारे में बात करते हुए सुना था और मामला 18 करोड़ पर तय हुआ था क्योंकि उन्हें‘ ‘आठ करोड़ रुपए समीर वानखेडे को देने थे। 
 
इस बीच एनसीबी ने कहा कि वानखेड़े ने आरोपों को सिरे से खारिज किया है। एजेंसी ने कहा कि मामला अदालत में विचाराधीन है और सैल को अगर कुछ कहना है तो अदालत में अर्जी देनी चाहिए। मुंबई में एनसीबी के उप महानिदेशक (डीडीजी) मुथा अशोक जैन ने बयान जारी कर कहा कि सोशल मीडिया के जरिये उन्हें पता चला है कि सैल मामले में गवाह है।
 
बयान में उन्होंने कहा कि जैसा कि वह (सैल) मामले में गवाह हैं और मामला माननीय अदालत के समक्ष विचाराधीन है, उन्हें कुछ कहना है तो अदालत के समक्ष अनुरोध करना चाहिए, बजाय कि सोशल मीडिया के जरिये बात कहने की। उन्होंने कहा कि हलफनामे में कुछ लोगों के खिलाफ सतर्कता (विजिलेंस) संबंधी आरोप भी हैं जो प्रभाकर सैल द्वारा दूसरे लोगों से सुनी गई बातों पर आधारित है।
 
बयान में कहा गया कि मुंबई के जोनल निदेशक समीर वानखेडे ने विशेष तौर पर इन आरोपों को खारिज किया है। हलफनामे की कुछ सामग्री सतर्कता से जुडी है, इसिलए हम उन्हें एनसीबी निदेशक को भेज रहे हैं और उनसे आगे की जरूरी कार्रवाई करने का अनुरोध कर रहे हैं।
एसआईटी जांच की मांग : क्रूज पोत पर मादक पदार्थ की बरामदगी मामले को लगातार ‘फर्जी’ बता रहे महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि सैल का दावा ‘बहुत गंभीर’ है और उन्होंने इसकी जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराने की मांग की। बीड में पत्रकारों से बातचीत में मलिक ने अपने आरोप को दोहराया कि वानखेडे ‘‘मुंबई फिल्म उद्योग से वसूली करने और आतंकित करने में शामिल हैं। ’उन्होंने कहा कि वह सैल के दावे की एसआईटी जांच की मांग को लेकर मुख्यमंत्री और गृह मंत्री से सोमवार को मुलाकात करेंगे।
 
शिवसेना ने भी साधा निशाना : शिवसेना सांसद संजय राउत ने ट्वीट किया ‍कि आर्यन खान मामले में गवाह से एनसीबी द्वारा कोरे कागज पर हस्ताक्षर करवाना स्तब्ध करने वाला मामला है। ऐसी भी खबर है कि बड़ी राशि की मांग की गई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि ये मामले महाराष्ट्र को बदनाम करने के लिए बनाए गए हैं। ऐसा लग रहा है कि यह सच साबित हो रहा है। पुलिस को स्वत: संज्ञान लेना चाहिए।’’
 
महाराष्ट्र में कांग्रेस के प्रवक्ता अतुल लोंधे ने कहा कि सैल के आरोप पार्टी के दावे को पुख्ता करते हैं कि केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्षी पार्टियों के खिलाफ किया जा रहा है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया वह एजेंसियों के राजनीतिक दुरुपयोग के खिलाफ उचित कार्रवाई करे। (एजेंसियां)
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