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Last Modified: रविवार, 24 अक्टूबर 2021 (15:41 IST)

क्या 25 करोड़ रुपए देते तो ड्रग्स केस से बच जाते आर्यन खान?

क्या 25 करोड़ रुपए देते तो ड्रग्स केस से बच जाते आर्यन खान? - aryan khan drug case twist witness claim deal was fixed in so many crores
बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान इन दिनों ड्रग्स केस में जेल में बंद हैं। वहीं अब इस केस में नई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।

 
आर्यन खान ड्रग केस के पंचनामे में एनसीबी के गवाह केपी गोसावी के बॉडीगार्ड रहे प्रभाकर सेल ने एक हलफनामें में कई चौंकाने वाले दावे किए हैं। प्रभाकर ने बताया कि केपी गोसावी ने आर्यन खान को छोड़ने के लिए 25 करोड़ रुपए की मांग की थी। ये मांग गोसावी ने एनसीबी चीफ समीर वानखेड़े की ओर से की थी।
 
प्रभाकर सेल ने यह भी आरोप लगाया कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने उनसे एक खाली पंचनामे पर डरा-धमकाकर साइन कराया था। गोसावी वही शख्स है जिसके साथ आर्यन खान की एक सेल्फी वायरल हुई थी और जिसे एनसीबी ने बाद में मामले में स्वतंत्र गवाह बताया था।
 
खबरों के अनुसार प्रभाकर सेल ने अपने हलफनामे में बताया कि वह गोसावी के बॉडीगार्ड के तौर पर काम करते थे। मुंबई में क्रूज पर पड़े छापे से पहले उसे और गोसावी को एक कोरे पंचनामे पर साइन करने के लिए मजबूर किया गया था। ये वही कोरा पंचनामा है जिसे बाद में आर्यन के केस में इस्तेमाल किया गया है।
 
सेल ने दावा किया की उन्होंने गोसावी और सैम नाम के एक शख्स को एनसीबी के दफ्तर के पास मिलते देखा था। सैम से मुलाक़ात के बाद गोसावी किसी से फोन पर बात कर रहा था जिसमें 25 करोड़ का बम रखने का जिक्र था और डील 18 करोड़ पर सेटल की जानी थी जिसमें से 8 करोड़ समीर वानखेड़े को मिलने थे। इस बातचीत में शाहरुख खान की मैनेजर पूजा डडलानी से ये पैसे लेने का जिक्र था।
 
प्रभाकर सेल ने आगे बताया कि छापेमारी के दौरान उन्होंने बड़ी सावधानी से कुछ वीडियो और तस्वीरें ली थीं। एक वीडियो में साफ़ नज़र आ रहा है कि गोसावी ने हिरासत में लिए जाने से पहले आर्यन खान की किसी से फोन पर बात कराई थी उसने इसके पीछे बड़ी साजिश का शक भी जाहिर किया है। 
 
सेल ने यह भी बताया कि उसे पंच विटनेस बनाने के लिए समीर वानखेडे और एनसीबी के अधिकारियों ने करीब 7 से 8 पेज पर उसका साइन लिया जो ब्लैंक पेज थे। समीर वानखेड़े से उसे खतरा है, क्योंकि उसकी भी इंक्वायरी शुरू है। प्रभाकर ने दावा किया कि एनसीबी ने गोसावी को मजबूर कर मामले में गवाह बनाया था।
 
प्रभाकर के मुताबिक इस साजिश के पीछे वह आदमी है जिससे गोसावी ने आर्यन की फोन पर बात कराई थी। इस बातचीत के बाद ही आर्यन को हिरासत में ले लिए गया था। प्रभाकर ने सैम नाम के शख्स का भी पता लगाने की अपील की है जिससे गोसावी रेड से ठीक पहले मिला था।
 
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