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राजेश साहनी की मौत हत्या या आत्महत्या, क्या सीबीआई जांच में आएगा सच

राजेश साहनी की मौत हत्या या आत्महत्या, क्या सीबीआई जांच में आएगा सच - Rajesh Sahni, PPS officer Rajesh Sahni, CBI investigating
लखनऊ। 1992 बैच के तेजतर्रार, जांबाज पीपीएस अधिकारी और एटीएस के एएसपी राजेश साहनी जैसे पुलिस अधिकारी आत्महत्या कर सकते हैं? कहीं उनकी एक बड़ी साजिश के तहत हत्या तो नहीं की गई है? कहा जा रहा है कि 29 जून को एटीएस मुख्यालय गोमतीनगर में उन्होंने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली।


इसी प्रकार पिछले दिनों मुम्बई पुलिस में सुपर कॉप के रूप में फेमस एडीजी हिमांशु राय ने खुदकुशी कर ली थी, किन्तु राजेश साहनी के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। आला पुलिस अधिकारियों के बयानों में विसंगति के कारण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की सीबीआई से जांच के आदेश दे दिए। प्रश्न उठ रहे हैं कि राजेश साहनी 28 मई से 7 जून तक अवकाश पर थे तो ऐसे में उन्हें 29 मई को किस अधिकारी ने और किस उद्देश्य से एटीएस मुख्यालय बुलाया था? किस उच्चाधिकारी के बुलावे पर और किस उद्देश्य से वे एटीएस मुख्यालय बुलाए गए थे, इसका खुलासा किया जाना आवश्यक है। पुलिस मैनुवल के तहत छुट्टी के दौरान किसी पुलिस अधिकारी को हथियार इश्यू नहीं होता, फिर उनके पास सर्विस रिवॉल्वर कैसे आई? उनके पास से कोई सुसाइड़ नोट क्यों नहीं मिला? गोली लगने के चार घंटे बाद भी किसी अस्पताल में क्यों नहीं ले जाया गया?

यह सभी प्रश्न अनुत्तरित हैं। एटीएस अपर पुलिस अधीक्षक राजेश साहनी ने कुछ दिनों पूर्व ही इस्लामिक स्टेट खुरासन माड्यूल का खुलासा किया था। राजेश साहनी का नाम उत्तरप्रदेश पुलिस के बेहद तेजतर्रार अफसरों में शामिल रहा है। पिछले सप्ताह ही उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट रमेश सिंह को गिरफ्तार करने में आपने अहम भूमिका निभाई थी।

साहनी की हत्या के पीछे रमेश सिंह गैंग का हाथ होने की भी संभावना व्यक्त की जा रही है, क्योंकि रमेश सिंह का कई बड़े नेताओं व आला अधिकारियों से संबंध है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2006 में तत्कालीन सत्तारुढ़ दल के 7 भाइयों ने कार से कुचलकर इनकी हत्या करने की कोशिश की थी लेकिन राजेश साहनी तब जीप के बोनट को पकड़कर लटक गए और बदमाश इन्हें मारने के लिए लखनऊ शहर में कई किलोमीटर तक अपनी कार दौड़ाते रहे। तब वे केसरबाग पुलिस उपाधीक्षक पद पर तैनात थे।

पीपीएस एसोसिएशन के एक गुट का मानना है कि एटीएस के एएसपी राजेश साहनी द्वारा अपनी सर्विस रिवॉल्वर से एटीएस मुख्यालय गोमतीनगर में मंगलवार को गोली मारकर आत्महत्या करने की कहानी मनगढंत है। मुख्यमंत्री ने यद्यपि राजेश साहनी की आत्महत्या के मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं, किन्तु यह भी वैसी ही जांच साबित न हो जैसी स्टेट गेस्ट हाउस लखनऊ में एक आईएएस की संदेहास्पद मौत के मामले में चल रही है।