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Last Updated : शुक्रवार, 17 जनवरी 2025 (21:39 IST)

MUDA scam में ED की बड़ी कार्रवाई, CM सिद्धारमैया की 300 करोड़ की प्रॉपर्टी जब्त

MUDA scam में ED की बड़ी कार्रवाई, CM सिद्धारमैया की 300 करोड़ की प्रॉपर्टी जब्त - MUDA scam  ED attaches Rs 300 crore worth assets in case involving Karnataka CM Siddaramaiah
कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री सिद्धारमैया की 300 करोड़ कीमत की अचल संपत्तियां जब्त की हैं। जांच एजेंसी ने कुल 142 प्रॉपर्टियां सीज की हैं। ये एक्शन मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लिया गया है।
 क्या कहा एजेंसी ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को कहा कि उसने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) से जुड़े धनशोधन मामले में लगभग 300 करोड़ रुपए मूल्य की 140 से अधिक अचल संपत्तियां कुर्क की हैं। इस मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और अन्य भी शामिल हैं।
यह कुर्की एमयूडीए द्वारा भूमि आवंटन में कथित अनियमितताओं की धनशोधन जांच का हिस्सा है। संघीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि कुर्क की गई संपत्तियां विभिन्न व्यक्तियों के नाम पर पंजीकृत हैं, जो रियल एस्टेट व्यवसायी और एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं।
 
इसमें कहा गया है कि आरोप है कि सिद्धरमैया ने एमयूडीए द्वारा अधिग्रहीत तीन एकड़ 16 गुंटा भूमि के बदले अपनी पत्नी बीएम पार्वती के नाम पर 14 भूखंडों के लिए मुआवजा पाने के लिए अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल किया।’’इसमें आरोप लगाया गया है, ‘‘मूल रूप से यह भूमि एमयूडीए द्वारा 3,24,700 रुपये में अधिग्रहीत की गई थी। इस पॉश इलाके में 14 भूखंडों के रूप में दिया गया मुआवजा 56 करोड़ रुपए का है।’’
 
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से इस मामले में कर्नाटक लोकायुक्त ने पूछताछ की है। मुख्यमंत्री ने बार-बार अपने या अपने परिवार द्वारा किसी भी तरह के गलत काम से इनकार किया है और कहा है कि विपक्ष उनसे ‘‘डरा हुआ’’ है और ये आरोप राजनीति से प्रेरित हैं। एजेंसी ने कहा कि एमयूडीए के पूर्व आयुक्त डी बी नटेश की भूमिका पार्वती को मुआवजा स्थलों के अवैध आवंटन में मुख्य रूप से सामने आई है।
 
बेनामी और डमी लोगों को आवंटित : इसने दावा किया है कि इस प्रकार अर्जित लाभ को वैध स्रोतों से प्राप्त दिखाया गया है। एजेंसी ने आरोप लगाया कि प्रभावशाली लोगों और रियल एस्टेट कारोबारियों के नाम पर ‘बेनामी और डमी’ लोगों को भूखंड आवंटित किए गए हैं। एजेंसी ने आरोप लगाया कि यह भी पाया गया है कि एमयूडीए के पूर्व आयुक्त जीटी दिनेश कुमार के रिश्तेदारों के नाम पर संपत्ति, लग्जरी वाहन आदि की खरीद के लिए एक सहकारी समिति के माध्यम से धन भेजा गया था।