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Last Modified: बुधवार, 26 जुलाई 2023 (23:24 IST)

Manipur violence : मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, मोरेह में भीड़ ने 30 घरों में लगाई आग, कांगपोकपी में बसों को निशाना बनाया

Manipur violence
इंफाल। Manipur Violence : मणिपुर में एक बार हिंसा भड़क गई है। मणिपुर के मोरेह जिले में बुधवार को भीड़ ने कम से कम 30 मकानों और दुकानों को आग लगा दी और सुरक्षा बलों पर गोलियां चलाईं। खाली पड़े ये मकान म्यांमार की सीमा के करीब मोरेह बाजार क्षेत्र में थे। भीड़ ने मोरेह में ‘फॉरेस्ट गेस्ट हाउस’ को भी आंशिक रूप से आग लगा दी। आगजनी के बाद भीड़ और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी भी हुई। सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर कर दिया।
 
अधिकारियों ने बताया कि यह आगजनी कांगपोकपी जिले में भीड़ द्वारा सुरक्षा बलों की दो बसों को आग के हवाले करने की घटना के एक दिन बाद हुई।
 
यह घटना सपोरमीना में उस समय हुई, जब बसें मंगलवार शाम दीमापुर से आ रही थीं। इस दौरान किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
 
अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय लोगों ने मणिपुर की पंजीकरण संख्या वाली बस को सपोरमीना में रोक लिया और कहा कि वे इस बात की जांच करेंगे कि बस में कहीं दूसरे समुदाय का कोई सदस्य तो नहीं है। अधिकारियों ने बताया कि उनमें से कुछ लोगों ने बसों में आग लगा दी।
 
पुलिस ने बुधवार रात को बताया कि बसों को आग लगाने की घटना के संबंध में एक नाबालिग समेत 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
 
इस बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि इंफाल के सजीवा और थाउबल जिले के याइथिबी लोकोल में अस्थायी घरों का निर्माण पूरा होने वाला है।
 
सिंह ने एक ट्वीट कर कहा कि बहुत जल्द पीड़ित परिवार राहत शिविरों से इन घरों में जा सकेंगे। राज्य सरकार हाल की हिंसा से प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए पहाड़ियों और घाटी दोनों में हर संभव उपाय कर रही है।
 
मुख्यमंत्री ने पिछले महीने कहा था कि पूर्वोत्तर राज्य में जातीय संघर्ष के कारण अपना घर छोड़ने वाले लोगों के लिए तीन से चार हजार मकान बनाएगी।
 
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में 3 मई को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान हिंसा भड़कने के बाद से राज्य में अब तक 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं तथा कई अन्य घायल हुए हैं।
 
राज्य में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे अधिकतर पर्वतीय जिलों में रहते हैं।
 
मीडिया कवरेज के लिए टीम : ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ ने बुधवार को कहा कि वह स्थानीय और राष्ट्रीय मीडिया स्तर पर मणिपुर में जातीय हिंसा की कवरेज का दस्तावेजीकरण करने के लिए एक तथ्यान्वेषी मिशन के वास्ते वरिष्ठ पत्रकारों की एक टीम गठित कर रहा है। 
 
गिल्ड ने एक बयान जारी कर 3  मई से मणिपुर में शुरू हुई जातीय हिंसा की मीडिया कवरेज में ‘‘स्पष्ट पूर्वाग्रह’’ पर अपनी ‘‘गहरी चिंता’’ व्यक्त की।
 
बयान में कहा गया कि टीम का प्राथमिक उद्देश्य स्थानीय और राष्ट्रीय मीडिया दोनों स्तर द्वारा हिंसा की खबरों का निष्पक्ष और सटीक विश्लेषण प्रदान करना और प्रेस के आचरण के संबंध में अधिक जवाबदेही को बढ़ावा देना होगा।
 
गिल्ड ने, ‘खबरों की पक्षपातपूर्ण कवरेज, पहले से ही संघर्षग्रस्त मणिपुर में विभाजन और हिंसा को और बढ़ावा दे रही है।’ एजेंसियां Edited By : Sudhir Sharma
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