Maharashtra politics : क्या महाराष्ट्र में होने वाला है बड़ा खेला, फडणवीस और उद्धव ठाकरे की मुलाकात के सियासी मायने
अगर उद्धव ठाकरे पाला बदलते हैं तो एकनाथ शिंदे क्या करेंगे। राजनीतिक गलियारों में खबरें हैं कि सीएम फडणवीस और डिप्टी सीएम शिंदे के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।
Maharashtra politics News : हाल ही में महाराष्ट्र की सियासत से जुड़ा एक वीडियो वायरल हुआ था। यह महाराष्ट्र के विधायकों का फोटो सेशन था। इसमें मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस फडणवीस उद्धव ठाकरे को खाली पड़ी कुर्सी पर बैठने के इशारा करते हैं। वह खाली कुर्सी एकनाथ शिंदे के पास है। एकनाथ शिंदे, नीलम गोरहे के बगल में बैठे थे, इसलिए उद्धव ठाकरे उस कुर्सी पर बैठने की बजाय नीलम गोरहे के बगल वाली चंद्रशेखर बावनकुले की कुर्सी पर बैठ गए।
एकनाथ शिंदे ने भी नीलम गोरहे को हाथ से कुर्सी पर जल्दी बैठने के लिए कहा। हालांकि राजनीतिक विश्लेषक यह अनुमान लगा रहे हैं कि क्या महाराष्ट्र की सियासत में फिर एक बड़ा उलटफेर होने जा रहा है। अब इस अनुमान को हवा दी है फडणवीस और उद्धव की मुलाकात ने। दोनों ने बंद कमरे में करीब 20 मिनट तक मुलाकात की। तो क्या इस मुलाकात के बाद अब महाराष्ट्र में फिर नए समीकरण बनने वाले हैं।
फडणवीस ने कहा- इधर-उधर पैर मत मारो
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बीते दिन पूर्व मुख्यमंत्री एवं शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को सत्तापक्ष में आने का ऑफर दिया था। मौका विधान परिषद में नेता विरोधी दल अंबादास दानवे का विदाई समारोह था। वह शिवसेना (यूबीटी) के नेता हैं। उनके विदाई समारोह में हिस्सा लेने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी उपस्थित थे। इसी मौके पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मजाकिया लहजे में उद्धव ठाकरे को संबोधित करते हुए कहा कि उद्धवजी 2029 तक मेरी तो उस तरफ (विपक्ष की ओर) आने की कोई संभावना है नहीं। आप इधर आना चाहें, तो रास्ता निकाला जा सकता है। लेकिन उसके लिए कुछ अलग तरीके से सोचना पड़ेगा। फडणवीस की बातों से ऐसा लगा जैसे वे उद्धव ठाकरे को ये समझाने की कोशिश कर रहे हों कि इधर-उधर हाथ पैर मारने से कोई फायदा नहीं होने वाला है।
शिंदे को साइडलाइन करना चाहते हैं फडणवीस
अगर उद्धव ठाकरे पाला बदलते हैं तो एकनाथ शिंदे क्या करेंगे। राजनीतिक गलियारों में खबरें हैं कि सीएम फडणवीस और डिप्टी सीएम शिंदे के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। कुछ समय पहले शिंदे फडणवीस की बुलाई बैठकों में भी शामिल नहीं हो रहे थे। भाजपा की अगुआई में शिवसेना (शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) के साथ मिलकर सरकार बनाने के 3 महीने बाद ही सत्तारूढ़ महायुति में दरार की खबरें आने लगी थीं। एक बार तो फडणवीस को सफाई देनी पड़ी थी कि शिंदे ने अमित शाह से मेरी शिकायत नहीं की है। तो क्या फडणवीस शिंदे को साइडलाइन करने की तैयारी कर रहे हैं।
पाला बदलकर शिंदे से बदला लेंगे उद्धव
2022 में शिंदे की बगावत के कारण शिवसेना में फूट पड़ी थी और उसके दो टुकड़े हो गए थे। शिंदे ने बागी विधायकों को लेकर भाजपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बना ली और उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे, वहीं उद्धव को अपने पिता द्वारा स्थापित पार्टी और उसका निशान तक नहीं मिला।
उद्धव एक बार फिर से भाजपा के पाले में आ जाते हैं तो शिंदे अकेले पड़ जाएंगे। शिंदे की राजनीति की गाड़ी हिचकोले खा सकती है। शिंदे को को अपनी राजनीति चलाने के लिए निश्चित ही अपने लिए नई सियासी गाड़ी ढूंढनी पड़ सकती है। अंदाजा यह भी लगा या जा रहा है कि उद्धव पाला बदलकर शिंदे से बदला ले सकते हैं। हालांकि उद्धव अपने पत्ते इतनी जल्दी नहीं खोलते हैं।
हाल ही में उन्होंने अपने चचरे भाई मनसे प्रमुख राज ठाकरे के साथ एक बड़ा राजनीतिक शो किया था, जो सरकार के हिन्दी भाषा पर बैकपुट पर आने को लेकर था। मराठी मानुष के मुद्दे पर ठाकरे ब्रदर्स 20 साल बाद साथ आए। समारोह में राज ठाकरे ने यह भी कहा कि जो काम बाला साहब ठाकरे नहीं कर सके वह फडणवीस ने कर दिया। हालांकि यह सरकार के फैसला वापसी पर कटाक्ष था। अब सभी की नजरें सियासी बिसात पर उद्धव की अगली चाल पर है, जो महाराष्ट्र की राजनीति में नया भूचाल ला सकती है। Edited by : Sudhir Sharma