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Last Modified: रविवार, 28 मई 2023 (21:43 IST)

मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, 40 उग्रवादियों का एनकाउंटर, CM बोले- वे M-16, AK-47 जैसे हथियार लिए थे

Manipur violence
इंफाल। Violence in Manipur : मणिपुर में एक बार फिर हिंसा भड़क गई। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि राज्य के विभिन्न इलाकों में लोगों पर गोलीबारी और उग्रवादियों तथा सुरक्षा बलों के बीच झड़पों की अलग-अलग घटनाओं में रविवार को 2  लोगों की मौत हो गई और 12 अन्य घायल हो गए। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने रविवार को कहा कि सुरक्षा बलों ने राज्य में शांति कायम करने के लिए अभियान शुरू करने के बाद से घरों में आगजनी और लोगों पर गोलीबारी करने में शामिल लगभग 40 सशस्त्र उग्रवादियों को मार गिराया है। मीडिया खबरों के मुताबिक इंफाल में गाड़ियों में आग लगाई गई।
 
उन्होंने बताया कि इंफाल पश्चिम जिले के फयेंग में संदिग्ध कुकी उग्रवादियों की गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया। अधिकारियों ने बताया कि सुगनू में हुई गोलीबारी में 1 पुलिसकर्मी की मौत हो गई जबकि एक अन्य घायल हो गया। सुगनू में 6 और सेरौ में 4 अन्य लोग घायल हो गए।
 
अधिकारियों ने बताया कि ताजा संघर्ष तब शुरू हुआ जब सेना ने शांति कायम करने के लिए समुदायों को हथियारों से मुक्त करने को लेकर तलाशी अभियान शुरू किया।
 
मुख्यमंत्री सिंह ने कहा कि सुरक्षा बलों ने राज्य में शांति कायम करने के लिए अभियान शुरू करने के बाद से घरों में आगजनी और लोगों पर गोलीबारी करने में शामिल लगभग 40 सशस्त्र उग्रवादियों को मार गिराया है।
 
राज्य सचिवालय में मीडियाकर्मियों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने दावा किया कि हालिया दौर की ‘झड़प समुदायों के बीच नहीं बल्कि कुकी उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई है।’
 
सिंह ने यह भी कहा कि सशस्त्र उग्रवादियों द्वारा एके-47, एम-16 और स्नाइपर राइफल से लोगों पर गोलीबारी करने के मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई में इन उग्रवादियों को निशाना बनाया।
 
मुख्यमंत्री ने लोगों से सुरक्षाकर्मियों की आवाजाही में बाधा नहीं डालने की अपील की और उनसे ‘सरकार में विश्वास रखने और सुरक्षा बलों का समर्थन करने’ का आग्रह किया। 
 
सिंह ने कहा कि ‘हमने इतने लंबे समय तक कठिनाइयों का अनुभव किया है और हम राज्य को कभी भी बिखरने नहीं देंगे।’’
 
उन्होंने कहा कि आम नागरिकों की हत्याओं और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने तथा घरों में आगजनी में शामिल कई कुकी उग्रवादियों को जाट रेजीमेंट ने पकड़ लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ‘दोनों पक्षों में लोगों के हताहत होने से काफी दुखी है’ और उन्होंने‘स्थिति सामान्य करने के लिए हरसंभव कदम उठाने’ का आश्वासन दिया।
 
उन्होंने कहा कि इंफाल घाटी के आसपास के इलाकों में आम लोगों के घरों पर हिंसक हमलों की घटनाओं में तेजी सुनियोजित लगती है। 
 
सिंह ने इसे ‘अत्यंत निंदनीय’ बताया विशेष रूप से तब जब केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय मणिपुर में हैं और अमन-चैन के लिए शांति मिशन बनाए जा रहे हैं।
 
सिंह ने कहा कि 38 संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की गई है और राज्य पुलिस वहां अभियान चला रही है।
 
एक शीर्ष सुरक्षा अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि पश्चिम इंफाल के उरीपोक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक ख्वाइरकपम रघुमणि सिंह के आवास में तोड़फोड़ की गई और उनके दो वाहनों में आग लगा दी गई।
 
उन्होंने कहा कि प्रतिद्वंद्वी जातीय उग्रवादी समूहों के साथ-साथ उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच कई स्थानों पर तड़के झड़प हुई। अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारी जानकारी के मुताबिक, काकचिंग में सुगनू, चूड़ाचांदपुर में कांगवी, इंफाल पश्चिम में कांगचुप, इंफाल पूर्व में सगोलमंग, बिशेनपुर में नुंगोईपोकपी, इंफाल पश्चिम में खुरखुल और कांगपोकपी में वाईकेपीआई से गोलीबारी की सूचना मिली है।’’
 
अधिकारी ने कहा कि काकचिंग थाने से मैतेई समूह द्वारा हथियार लूटे जाने की भी अपुष्ट सूचना मिली है। उन्होंने कहा कि काकचिंग जिले के नपाट, सेरौ और पास के सुगनू में उग्रवादियों ने मैतेई समुदाय के लगभग 80 घरों में आगजनी की, जिसके कारण ग्रामीणों को आधी रात को भागना पड़ा।
 
मणिपुर घाटी के पूर्वी हिस्से में, इंफाल पूर्वी जिले के याईंगंगपोकपी में हथियारबंद उग्रवादियों ने हमला किया और दो घरों में आग लगा दी और ग्रामीणों पर गोलीबारी की।
 
इंफाल पश्चिम जिले के सेकमाई में, सशस्त्र उग्रवादियों ने हमला किया, जिसके कारण दोनों ओर से गोलीबारी हुई। बिष्णुपुर जिले में, सशस्त्र कुकी उग्रवादियों ने शनिवार रात फौगकचाओ इखाई, तोरबंग और कांगवई क्षेत्रों पर हमला किया, जिसमें मैतेई समुदाय के तीस से अधिक घर आग के हवाले कर दिए।
 
पिछले कुछ घंटों में हुई हिंसा के कारण जिला अधिकारियों ने इंफाल पूर्वी और पश्चिमी जिले में कर्फ्यू में 11 घंटे की छूट को घटाकर केवल साढ़े छह घंटे का कर दिया।
 
मैतेई समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद मणिपुर में जातीय झड़पों में 75 से अधिक लोगों की मौत हो गई।
 
आरक्षित वन भूमि से कुकी ग्रामीणों को बेदखल करने पर पहले से तनाव गहराया हुआ था। मैतेई मणिपुर की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं।
 
राज्य में हालात सामान्य करने के लिए अर्धसैनिक बलों के अलावा सेना और असम राइफल्स की लगभग 140 टुकड़ियां तैनात करनी पड़ी, जिनमें 10,000 से अधिक कर्मी शामिल हैं। भाषा Edited By : Sudhir Sharma
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