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Last Modified: पटना , रविवार, 28 मई 2023 (14:55 IST)

दूरसंचार विभाग ने बिहार, झारखंड में 9 से अधिक कनेक्शन वाले ग्राहकों के 17000 अतिरिक्त सिम किए रद्द

दूरसंचार विभाग ने बिहार, झारखंड में 9 से अधिक कनेक्शन वाले ग्राहकों के 17000 अतिरिक्त सिम किए रद्द - Department of Telecommunications cancels 17000 additional SIMs of customers having more than 9 connections in Bihar, Jharkhand
पटना। बिहार और झारखंड में 9 से अधिक कनेक्शन रखने वाले ग्राहकों के 21800 सिम कार्ड में से अब तक कुल 17000 को अप्रैल और मई में निष्क्रिय कर दिया गया है। डीओटी के मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार, एक ग्राहक भारत में सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं से अधिकतम कुल 9 मोबाइल कनेक्शन प्राप्त कर सकता है। जम्मू-कश्मीर, असम और उत्तर पूर्वी राज्यों में ग्राहकों के लिए यह सीमा 6 है।

एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने 21,800 कनेक्शन में से लगभग 17,000 ऐसे मोबाइल नंबरों को निष्क्रिय कर दिया है। डीओटी के मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार, एक ग्राहक भारत में सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं से अधिकतम कुल नौ मोबाइल कनेक्शन प्राप्त कर सकता है। जम्मू-कश्मीर, असम और उत्तर पूर्वी राज्यों में ग्राहकों के लिए यह सीमा छह है।

विशेष महानिदेशक दूरसंचार, डीओटी (लाइसेंस सेवा क्षेत्र-एलएसए-बिहार) के कार्यालय में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, अप्रैल और मई के महीने में टेलीकॉम सिम सब्सक्राइबर वेरिफिकेशन विश्लेषण के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड फेशियल रिकॉग्निशन पावर्ड सॉल्यूशन ने खुलासा किया कि बिहार और झारखंड में एक उपभोक्ता को अनुमति से अधिक नौ से ज्यादा कनेक्शन देकर कुल 21,800 मोबाइल कनेक्शन जारी किए गए।

उन्होंने कहा, ऐसे करीब 17000 नंबर के कनेक्शन काट दिए गए हैं। इस तरह के नंबरों की पहचान करने के लिए और विश्लेषण किया जा रहा है। झारखंड भी डीओटी के एलएसए (बिहार) के अधिकार क्षेत्र में आता है। डीओटी ने अप्रैल और मई के महीने में बिहार और झारखंड के लगभग सात करोड़ ग्राहकों का फेशियल विश्लेषण किया और पाया कि 21,800 मोबाइल कनेक्शन स्वीकृत सीमा से अधिक जारी किए गए थे।

अधिकारी ने कहा, डीओटी ने हाल में मोबाइल ग्राहकों को सशक्त बनाने, उनकी सुरक्षा को मजबूत करने और केंद्र सरकार की नागरिक केंद्रित पहलों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक डिजिटल पोर्टल ‘संचार साथी’ शुरू किया है।

यह पोर्टल नागरिकों को उनके नाम पर जारी किए गए कुल मोबाइल नंबरों का पता लगाने और उनके खोए हुए फोन का पता लगाने/ब्लॉक करने की सुविधा प्रदान करता है। यह उन्हें उन मोबाइल कनेक्शन की रिपोर्ट करने में भी सुविधा प्रदान करता है, जिनकी या तो आवश्यकता नहीं है या उपभोक्ता द्वारा नहीं लिया गया है।

उन्होंने कहा कि डीओटी पहले ही अप्रैल और मई के महीने में बिहार और झारखंड में 2.30 लाख से अधिक मोबाइल नंबरों को निष्क्रिय कर चुका है, क्योंकि उनके अधिकांश सिम कार्ड कथित रूप से अवैध तरीकों से खरीदे गए थे। दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने 2900 प्वाइंट ऑफ सेल्स (पीओएस) को भी काली सूची में डाल दिया है, जो सिम कार्ड जारी करते समय अनैतिक और अवैध कार्यों में शामिल पाए गए थे।

अधिकारी ने कहा कि दूरसंचार सेवा प्रदाता फर्जी पीओएस के साथ-साथ उपभोक्‍ताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर रहे हैं। उन्होंने कहा, डीओटी, पटना कार्यालय भी राज्य पुलिस के संपर्क में है और एएसटीआर विश्लेषण से तैयार की गई खुफिया जानकारी को साझा किया है। राज्य पुलिस ने यह भी आश्वासन दिया है कि सिम धोखाधड़ी करने वालों (पीओएस/उपभोक्ता) के खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई शुरू की जाएगी।

बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के बाद पूर्वी भारत में साइबर अपराधों में वृद्धि देखी जा रही है। राज्य में छह जिले- पटना, नवादा, नालंदा, गया, शेखपुरा और जमुई साइबर अपराध के ‘हॉटस्पॉट’ हैं। राज्य के नवादा, गया, नालंदा, जमुई और शेखपुरा जिलों में स्थित साइबर अपराधी राजस्थान, दिल्ली, झारखंड और पश्चिम बंगाल से संचालित अंतरराज्‍यीय गिरोहों के लिए सहयोगी के रूप में काम कर रहे हैं।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)
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