अदालत ने शुभेंदु अधिकारी की जीत के खिलाफ ममता की चुनाव याचिका विचारार्थ स्वीकार की
कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने नंदीग्राम विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी की जीत को चुनौती देने वाली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चुनाव याचिका सुनवाई के लिए बुधवार को स्वीकार कर ली और इससे जुड़े सभी रिकॉर्ड प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।
न्यायमूर्ति शम्पा सरकार ने निर्देश दिया कि बनर्जी की याचिका पर 12 अगस्त को सुनवाई होगी। पीठ ने इस बीच पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया। अदालत ने नंदीग्राम सीट पर हुए चुनाव से जुड़े सभी रिकॉर्ड और उपकरणों को सुरक्षित रखने का आदेश दिया। हाईप्रोफाइल नंदीग्राम सीट पर हुए विधानसभा चुनाव में अधिकारी ने 1,956 मतों के अंतर से बनर्जी को हराया था।
न्यायमूर्ति सरकार ने निर्देश दिया कि इस मामले में फैसला होने तक इस अदालत में जिस चुनाव को चुनौती दी गई है, उससे जुड़े सभी दस्तावेजों, चुनावी पत्रों, उपकरणों और वीडियो रेकॉर्डिंग आदि को संबंधित और सक्षम प्राधिकार/अधिकारियों द्वारा सुरक्षित रखा जाए। न्यायमूर्ति सरकार ने कहा कि उच्च न्यायालय प्रशासन द्वारा उनकी पीठ को मिली रिपोर्ट के अनुसार चुनाव याचिका जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों के तहत दायर की गई है।
पीठ ने कहा कि कार्यालय से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार चुनाव याचिका में जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 के प्रावधान 86(1) के हिसाब से कोई गड़बड़ी नहीं है। अदालत ने रजिस्ट्रार को आदेश दिया है कि वे आदेश की एक प्रति पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भी भेजें। गौरतलब है कि न्यायमूर्ति कौशिक चंदा ने तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था जिसके बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल ने मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सरकार की पीठ को सौंपी।
ममता ने की धनखड़ से मुलाकात : पश्चिम बंगाल में राजभवन और राज्य सरकार में जारी तनाव के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बुधवार को मुलाकात की और राज्य से जुड़े अनेक विषयों पर 1 घंटे तक चर्चा की। राज्यपाल ने एक ट्वीट में कहा कि सहयोगियों की मौजूदगी के बिना बैठक हुई। उनके ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज राजभवन में राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की। दोनों ने सहयोगियों के बिना एक घंटे तक बातचीत की।
सूत्रों के अनुसार दोनों ने विधान परिषद के गठन के लिए राज्य विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव पर चर्चा की। पश्चिम बंगाल विधानसभा ने पिछले सप्ताह एक समिति की रिपोर्ट का समर्थन करते हुए प्रस्ताव पारित किया था। रिपोर्ट में भाजपा के कड़े विरोध के बावजूद विधान परिषद के गठन की वकालत की गई थी।
एक अधिकारी ने कहा कि बैठक में राज्य से जुड़े अनेक विषयों पर चर्चा हुई। बैठक बहुत सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। धनखड़ और ममता के बीच बढ़ते तनाव के दौर में यह बैठक हुई। मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों कहा था कि वे 3 बार केंद्र को पत्र लिखकर राज्यपाल को वापस बुलाने का अनुरोध कर चुकी हैं।(भाषा)