शनिवार, 21 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. अन्य खेल
  3. समाचार
  4. Two-time Olympic gold medalist Keshav Dutt passes away
Written By
Last Updated : बुधवार, 7 जुलाई 2021 (12:06 IST)

दो बार के ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट केशव दत्त का निधन, ममता बनर्जी ने भी जताया शोक

दो बार के ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट केशव दत्त का निधन, ममता बनर्जी ने भी जताया शोक - Two-time Olympic gold medalist Keshav Dutt passes away
ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम का दो बार हिस्सा रहे केशव दत्त का आयु संबंधित बीमारियों के कारण बुधवार को निधन हो गया। 95 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपनी अंतिम सांसे ली।

पूर्व सेंटर हाफबैक दत्त ने कोलकाता के संतोषपुर में अपने निवास पर देर रात साढ़े बारह बजे अंतिम सांस ली।

दत्त 1948 में लंदन खेलों में भारतीय टीम का हिस्सा थे जहां भारत ने स्वतंत्रता के बाद पहली बार हॉकी में स्वर्ण पदक जीता। वह हेलसिंकी ओलंपिक में 1952 में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम का भी हिस्सा रहे।

हॉकी इंडिया के अध्यक्ष ज्ञानेंद्रो निंगोमबम ने बयान में कहा, ‘‘आज तड़के दिग्गज हाफबैक केशव दत्त के निधन के बारे में सुनकर हम सभी को काफी दुख हुआ। वह 1948 और 1952 ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीमों के एकमात्र जीवित सदस्य थे और आज ऐसा लग रहा है कि एक युग का अंत हो गया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम सब स्वतंत्र भारत के लिए ओलंपिक में उनके यादगार मुकाबलों की शानदार कहानियां सुनते हुए बड़े हुए और उन्होंने देश में हॉकी खिलाड़ियों की पीढ़ियों को प्रेरित किया।’’

 
उन्होंने कहा, ‘‘हॉकी इंडिया उनके निधन पर शोक जताता है और महासंघ की ओर से मैं उनके परिवार के प्रति संवेदानाएं जाहिर करता हूं।’’

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी उनके निधन पर शोक जताया।

ममता ने ट्वीट किया, ‘‘हॉकी जगत ने आज एक वास्तविक महान खिलाड़ी को खो दिया। केशव दत्त के निधन से दुखी हूं। वह 1948 और 1952 में ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीमों का हिस्सा थे। भारत और बंगाल के चैंपियन। उनके परिवार और मित्रों के प्रति संवेदनाएं।’’

 
भारतीय टीम का अहम हिस्सा रहे दत्त ने 1951-1953 और फिर 1957-1958 में मोहन बागान की हॉकी टीम की अगुआई की।

उनकी मौजूदगी वाली मोहन बागान की टीम ने 10 साल में हॉकी लीग का खिताब छह बार और बेटन कप तीन बार जीता।

उन्हें 2019 में मोहन बागान रत्न से नवाजा गया और वह यह सम्मान पाने वाले पहले गैर फुटबॉलर बने।
ये भी पढ़ें
रन आउट करने का ये हुनर बनाता था धोनी को और भी खास (वीडियो)