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Last Modified: लखनऊ , शुक्रवार, 25 अक्टूबर 2024 (23:31 IST)

योगी सरकार का बड़ा कदम, जिलाधिकारियों और कमिश्नरों की निवेश प्रगति की होगी मॉनिटरिंग

योगी सरकार का बड़ा कदम, जिलाधिकारियों और कमिश्नरों की निवेश प्रगति की होगी मॉनिटरिंग - Chief Minister Yogi's big step regarding investment
Uttar Pradesh News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। जिलाधिकारी और मंडलायुक्त की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (ACR) में निवेश और लोन प्रगति का विवरण अनिवार्य होगा। इस रिपोर्ट के आधार पर अधिकारियों को ग्रेडिंग दी जाएगी, जिससे उनकी कार्यक्षमता का निष्पक्ष मूल्यांकन किया जा सकेगा। यह निर्णय रोजगार और विकास के नए अवसरों के सृजन की दिशा में है और उत्तर प्रदेश इस प्रक्रिया को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा।

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने आज इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि अब जिलाधिकारी और मण्डलायुक्त को अपने क्षेत्र में निवेश लाने के प्रयासों की रिपोर्ट बनानी होगी। इसमें निवेशकों की सुरक्षा, सुविधाएं और सहूलियतों को ध्यान में रखते हुए किए गए प्रयासों का भी मूल्यांकन होगा, जिससे ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा।
साथ ही उद्यमियों के लिए समयबद्ध तरीके से लैण्ड अलॉटमेंट, लैण्ड सब्सिडी, लैण्ड यूज चेंज, लैण्ड क्लियरेंस समेत लैण्ड बैंक को तैयार कर उसकी मॉनिटरिंग और रेगुलर अपडेशन किए जाने का भी मूल्यांकन किया जाएगा। यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि जनपदों में निवेश लाने और उसे प्रोत्साहित करने के लिए अधिकारी अपनी भूमिका को जिम्मेदारी से निभाएं।

जिन जनपदों के जिलाधिकारी बेहतर प्रदर्शन करेंगे और अधिक निवेश आकर्षित करेंगे, उन्हें उच्च ग्रेडिंग और विशेष सम्मान दिया जाएगा। इससे अधिकारियों के बीच प्रतिस्पर्धा और जिम्मेदारी बढ़ेगी। जिलों में निवेश बढ़ाने के प्रयास में जिलाधिकारी और मण्डलायुक्त की जवाबदेही को ध्यान में रखते हुए कार्यकाल के दौरान उनके प्रदर्शन का आकलन किया जाएगा।
रिपोर्ट में उनके द्वारा उठाए गए कदम, निवेश के प्रयास और सीडी रेशियो में हुए सुधार का विस्तृत उल्लेख होगा। यह नई व्यवस्था आने वाले दो-तीन हफ्तों में लागू कर दी जाएगी। इससे अधिकारियों की जवाबदेही बढ़ेगी और उन्हें अपने क्षेत्र में विकास के प्रयासों को और तेजी से अंजाम देने का प्रोत्साहन मिलेगा। प्रदेश में निवेश बढ़ने से न केवल आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

मुख्य सचिव के अनुसार, उत्तर प्रदेश का क्रेडिट डिपॉजिट (सीडी) रेशियो वर्ष 2017 में 47 प्रतिशत था। वहीं वित्तीय वर्ष 2023-24 में इसने उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज करते हुए 60.32 प्रतिशत का आंकड़ा छू लिया है। वर्तमान सरकार चालू वित्तीय वर्ष के अन्त तक 65 प्रतिशत के सीडी रेशियो के लक्ष्य को तय करके आगे बढ़ रही है। इस रेशियो का बढ़ना राज्य में आर्थिक स्थिरता और निवेश के लिए अनुकूल वातावरण का संकेत है।
ज्ञातव्य है कि वर्तमान सरकार ने एग्रीकल्चर सेक्टर में सुधार के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। इसके तहत किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने और उत्पादन को बढ़ाने के लिए नई योजनाएं लाई गई हैं। इण्डस्ट्रियल सेक्टर में भी सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे उद्योगों को प्रदेश में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में क्रमशः सम्भल, अमरोहा, बदायूं, रामपुर, कासगंज, एटा और मुरादाबाद जनपदों का सीडी रेशियो सर्वाधिक है। वहीं उन्नाव, बलरामपुर, श्रावस्ती जैसे जनपदों का सीडी रेशियो कम है। ऐसे जनपदां में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने और सीडी रेशियो सुधारने के लिए विशेष योजनाएं बनाई जाएंगी।
जिलाधिकारी और मण्डलायुक्त को हर वर्ष अप्रैल माह में अपने जनपद का सीडी रेशियो बताया जाएगा, ताकि वह निवेश बढ़ाने के प्रयासों को और बेहतर तरीके से अंजाम दे सकें। उन्होंने बताया कि सरकार के इस कदम का उद्देश्य न केवल निवेश को आकर्षित करना है, बल्कि प्रदेश के विकास में अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका को भी बढ़ाना है।