रविवार, 29 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. प्रादेशिक
  4. Blue Whale challange
Written By
Last Modified: कराईकल , बुधवार, 6 सितम्बर 2017 (14:35 IST)

खौफनाक! ब्लू व्हेल खेलने वाले की रोंगटे खड़े करने वाली कहानी...

खौफनाक! ब्लू व्हेल खेलने वाले की रोंगटे खड़े करने वाली कहानी... - Blue Whale challange
कराईकल। तमिलनाडु के कराईकल जिले में घातक ब्लूव्हेल गेम खेलते समय बचाए गए 22 वर्षीय युवक ने अपने भयावह अनुभव को आज साझा किया और युवाओं से किसी भी हाल में इस गेम को नहीं खेलने की अपील की।
 
जिले के नेरावी निवासी अलेक्जेंडर को मंगलवार को पुलिस ने बचा लिया। उसने आज संवाददाताओं से कहा कि उसने इस खेल से जुड़े खतरों के बारे में मीडिया में बात करने और अन्य लोगों को इसे नहीं खेलने की सलाह देने का विकल्प चुना।
 
अलेक्जेंडर ने खुलासा किया कि उसके सहकर्मियों ने एक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया था जिस पर दो सप्ताह पहले उसे यह गेम खेलने के लिए लिंक मिली और जब वह छुट्टी पर नेरावी आया, तो उसने यह गेम खेलना शुरू किया।
 
अलेक्जेंडर ने कहा कि यह गेम खेलना शुरू करने के बाद वह ड्यूटी पर चेन्नई वापस नहीं गया। उसने कहा, 'इस ऐप या गेम को डाउनलोड नहीं किया जाना चाहिए... यह ऐसा लिंक है जिसे ब्लूव्हेल एडमिन यह गेम खेलने वाले लोगों के अनुसार बनाता है।'
 
अलेक्जेंडर ने कहा, 'एडमिन जो टास्क देता है, उसे हर रोज देर रात दो बजे के बाद ही पूरा करना होता है.. पहले कुछ दिन उसने निजी जानकारी और फोटो पोस्ट करने को कहा जो ब्लूव्हेल एडमिन ने एकत्र कर लीं।'
 
कुछ दिनों बाद अलेक्जेंडर से आधी रात को पास के एक कब्रिस्तान में जाने को कहा गया और एक सेल्फी लेकर उसे ऑनलाइन पोस्ट करने को कहा गया। उसने कहा, 'मैं करीब आधी रात को अक्काराईवत्तम कब्रिस्तान गया, मैंने सेल्फी ली और उसे पोस्ट किया.. मुझे रोजाना अकेले डरावनी फिल्में देखनी होती थीं, ताकि पीड़ितों का डर दूर किया जा सके।'
 
अलेक्जेंडर ने कहा, 'मैं घर में लोगों से बात करने से कतराने लगा और अपने ही कमरे में बंद रहने लगा.. यह दिमाग को बुरी तरह प्रभावित करने वाला था.. हालांकि मैं इस गेम को खेलना बंद करना चाहता था, मैं ऐसा नहीं कर सका।'
 
अलेक्जेंडर के भाई अजीत का ध्यान उसके व्यवहार में आए बदलावों पर गया। उसने पुलिस को इस बारे में सूचित किया। पुलिस अलेक्जेंडर के घर मंगलवार सुबह चार बजे पहुंची और अलेक्जेंडर को उस समय बचा लिया, जब वह अपनी बाजू पर चाकू से मछली की छवि बनाने वाला था।
 
अलेक्जेंडर ने बताया कि वह काउंसलिंग मुहैया कराए जाने के बाद अब वह स्थिर है। उसने युवाओं से अपील की कि वे कभी खेल को खेलने की कोशिश नहीं करें। यह वास्तव में मौत का जाल है... वह अत्यंत पीड़ादायक अनुभव है। (भाषा) 
ये भी पढ़ें
भारत ने म्यांमार से आठ एमओयू पर दस्तखत किए