चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह शुक्रवार को उस कार्यक्रम में शामिल होंगे जहां नवजोत सिंह सिद्धू औपचारिक रूप से प्रदेश कांग्रेस प्रमुख के रूप में पदभार संभालेंगे। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार ने कार्यक्रम में उनके जाने की पुष्टि की।
मुख्यमंत्री के साथ अपने मतभेदों को दूर करने का प्रयास करते हुए सिद्धू ने भी एक पत्र लिखकर अमरिंदर सिंह से कार्यक्रम में आने का आग्रह किया और कहा कि उनका कोई निजी एजेंडा नहीं है।
सिद्धू ने कहा कि पंजाब के मुद्दों पर मेरे संकल्प और प्रतिबद्धता तथा प्रत्येक पंजाबी के कल्याण के लिए आलाकमान के जनहितैषी 18 सूत्री एजेंडे को पूरा करने से आप और सभी परिचित हैं। सिद्धू ने लिखा कि हमारे पंजाब कांग्रेस परिवार में सबसे बड़े होने के नाते मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया आएं और नयी टीम को अपना आशीर्वाद दें।
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार के ट्वीट के पहले, पार्टी की प्रदेश इकाई के नवनियुक्त चार कार्यकारी अध्यक्षों में से कुलजीत सिंह नागरा और संगत सिंह गिलजियान ने मुख्यमंत्री को पदभार संभालने के कार्यक्रम के लिए औपचारिक निमंत्रण दिया। निमंत्रण पत्र पर 55 से ज्यादा विधायकों ने हस्ताक्षर किए।
पिछले कुछ समय से सिद्धू और अमरिंदर का टकराव चलता रहा है। अमृतसर (पूर्व) के विधायक सिद्धू ने पवित्र ग्रंथ की बेअदबी के मामले के लिए मुख्यमंत्री पर निशाना साधा था। मुख्यमंत्री ने सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने का भी विरोध किया था और कहा था कि जब तक सिद्धू उनके खिलाफ अपमानजनक ट्वीट के लिए माफी नहीं मांगेंगे वह उनसे नहीं मिलेंगे।
कांग्रेस नेताओं ने गुरुवार को अमरिंदर सिंह से मुलाकात की। इसके बाद मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार ने एक ट्वीट में कहा, पंजाब के मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी कांग्रेस विधायकों, सांसदों और पार्टी पदाधिकारियों को शुक्रवार को दिन में 10 बजे चाय के लिए पंजाब भवन आमंत्रित किया है। इसके बाद सभी साथ मिलकर नयी पीपीसीसी टीम के कार्यभार संभालने के कार्यक्रम के लिए पंजाब कांग्रेस भवन जाएंगे।
नागरा ने संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री कार्यक्रम में आएंगे। नागरा ने कहा, मुख्यमंत्री को प्रधान साहब (पीपीसीसी अध्यक्ष), मंत्रियों और विधायकों की ओर से न्योता दिया गया है। उन्होंने निमंत्रण स्वीकार कर लिया है और आशीर्वाद देने के लिए वहां पहुंचेंगे। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) में पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत के भी इस कार्यक्रम में शामिल होने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के कड़े विरोध के बावजूद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार को सिद्धू को पार्टी की पंजाब इकाई का नया अध्यक्ष नियुक्त किया था। कांग्रेस अध्यक्ष ने अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर सिद्धू की सहायता के लिए संगत सिंह गिलजियान, सुखविंदर सिंह डैनी, पवन गोयल और कुलजीत सिंह नागरा को प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया। बुधवार को सिद्धू का समर्थन करने वाले कई विधायकों ने कहा था कि उन्हें अमरिंदर सिंह से माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं है।
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा 2015 के कोटकपूरा पुलिस गोलीबारी मामले की जांच रिपोर्ट को खारिज करने के बाद इस साल अप्रैल में मुख्यमंत्री और सिद्धू के बीच तनाव बढ़ गया था। सिद्धू ने 2015 में बेअदबी और उसके बाद पुलिस की गोलीबारी की घटनाओं में न्याय में कथित देरी के मुद्दे पर अपने ट्वीट के जरिए मुख्यमंत्री पर निशाना साधा था।
सिद्धू ने 2019 में स्थानीय निकाय विभाग वापस लिए जाने के बाद मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) छोड़कर सिद्धू कांग्रेस में शामिल हो गए थे। (भाषा)