लद्दाख में सोनम वांगचुक को पुलिस ने उपवास करने से क्यों रोका, क्या है उनकी मांग?
लेह। लद्दाख बचाने के लिए माइनस 40 डिग्री तापमान में उपवास कर रहे इंजीनियर और इनोवेटर सोनम वांगचुक ने पुलिस पर उन्हें नजरबंद करने का आरोप लगाया। हालांकि आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि वांगचुक को भूख हड़ताल करने से रोका गया है। सोनम 26 जनवरी से उपवास कर रहे थे।
बॉलीवुड फिल्म 3 इडियट्स के रेंचो नामक चरित्र को प्रेरित करने वाले प्रमुख इंजीनियर एवं नवाचारी सोनम वांगचुक ने दावा किया है कि उन्हें यहां उनके संस्थान में नजरबंद रखा गया है। हालांकि, पुलिस ने वांगचुक के आरोप को खारिज किया है। पुलिस ने कहा कि वांगचुक को केवल खारदुंग ला दर्रे पर पांच दिन की भूख हड़ताल करने से रोका गया।
वांगचुक ने लद्दाख के लोगों की मांगों पर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए 26 जनवरी से 18,380 फुट ऊंची चोटी पर पांच दिवसीय भूख हड़ताल कर रहे थे। रमन मेगसेसे अवार्ड से सम्मानित सोनम ने इसे जलवायु उपवास का नाम दिया है।
क्या है सोनम वांगचुक की मांग : वांगचुक की मांगों में संविधान की छठी अनुसूची का विस्तार और अनियंत्रित औद्योगिक एवं वाणिज्यिक विस्तार से पर्यावरण का संरक्षण भी शामिल है। भाजपा को छोड़कर लेह और करगिल दोनों जिलों में लगभग सभी प्रमुख राजनीतिक दल, सामाजिक और धार्मिक समूह और छात्र संगठन मांगों के समर्थन में आ गए हैं।
क्या बोली पुलिस : लेह की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पी.डी. नित्या ने कहा कि उन्हें (वांगचुक) खारदुंग ला दर्रे पर पांच दिन की भूख हड़ताल करने की अनुमति प्रशासन द्वारा नहीं दी गई क्योंकि वहां तापमान शून्य से 40 डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया। जब सोनम ने खारदुंग ला दर्रे की ओर बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस ने रोका और उनसे लौटने का अनुरोध किया लेकिन उन्होंने प्रतिरोध जताया, जिसके चलते कानूनी कार्रवाई के तहत उन्हें उनके संस्थान में वापस लाया गया।