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Last Modified: नई दिल्ली , सोमवार, 23 अक्टूबर 2023 (19:56 IST)

Delhi Air Pollution : दिल्ली में लगातार खराब हो रही हवा, प्रदूषण पर रोक के लिए चलेगा यह अभियान

Delhi Air Pollution : दिल्ली में लगातार खराब हो रही हवा, प्रदूषण पर रोक के लिए चलेगा यह अभियान - This campaign will be run to reduce air pollution in Delhi
Air pollution issue in Delhi : दिल्ली सरकार वाहन प्रदूषण पर रोक लगाने के उद्देश्य वाले एक अभियान को 26 अक्टूबर को फिर से शुरू करेगी, जिस पर उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने एक साल पहले इसके असर पर सवाल उठाते हुए रोक लगा दी थी।
 
दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग के सूत्रों के अनुसार, इस साल ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान के लिए उप राज्यपाल की मंजूरी जरूरी नहीं होगी क्योंकि प्रतिभागियों को इस बार कोई मानदेय नहीं मिलेगा। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि अभियान 26 अक्टूबर को शुरू होगा।
 
हालांकि उन्होंने कहा कि इस समय ‘ऑड-इवन’ नंबर के आधार पर कार चलाने की योजना पर विचार नहीं किया जा रहा। ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान सबसे पहले 16 अक्टूबर, 2020 को शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य चालकों को यातायात सिग्नल पर हरी बत्ती जलने तक इंतजार करते समय अपनी गाड़ियों का इंजन बंद करने के लिए प्रोत्साहित करके वाहन प्रदूषण कम करना था।
 
केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान द्वारा 2019 में कराए गए एक अध्ययन में दावा किया गया था कि किसी यातायात सिग्नल पर गाड़ी के रुके होने के दौरान उसके इंजन को चालू रखने से प्रदूषण का स्तर नौ प्रतिशत से अधिक बढ़ता है।
 
वहीं केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ (पीसीआरए) द्वारा भीकाजी कामा प्लेस चौराहे पर किए गए एक अन्य अध्ययन से पता चला कि 62 प्रतिशत से अधिक लोगों ने इस तरह के अभियान के बाद अपने वाहनों को बंद करना शुरू कर दिया।
 
8 और सर्वाधिक प्रदूषित क्षेत्रों की हुई पहचान : दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में मौजूदा 13 सर्वाधिक प्रदूषित क्षेत्रों के अतिरिक्त आठ और ऐसे ही क्षेत्रों की पहचान की है और प्रदूषण के स्रोत पर अंकुश लगाने के लिए विशेष दल तैनात किए जाएंगे।
 
राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण घटाने के उपायों को प्रभावी तरीके से लागू करने के वास्ते 28 विभागों के साथ हुई एक बैठक के बाद राय ने कहा कि सरकार ने धूल प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए धूल शामक पाउडर का इस्तेमाल करने का फैसला किया है।
 
दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक मई के बाद पहली बार रविवार को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में चला गया था। इसका मुख्य कारण तापमान में गिरावट और हवा की रफ्तार में कमी आना है जिससे प्रदूषक जमा हो जाते हैं।
 
मंत्री ने कहा, दिल्ली में मौजूदा सर्वाधिक प्रदूषित क्षेत्रों के अलावा हम ऐसे आठ और स्थानों पर ध्यान दे रहे हैं जहां एक्यूआई (वायु गुणवत्ता सूचकांक) 300 अंक से ज्यादा है। इन स्थानों में शादीपुर, आईटीओ, मंदिर मार्ग, नेहरू नगर, पटपड़गंज, सोनिया विहार, ध्यानचंद स्टेडियम और मोती बाग शामिल हैं।
 
उन्होंने कहा कि प्रदूषण के स्रोतों की पहचान करने के लिए आठ स्थानों पर विशेष दल तैनात किए जाएंगे और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के सहयोग से सुधारात्मक उपाय किए जाएंगे। राय ने यह भी कहा कि जिलाधिकारियों को 25 अक्टूबर को क्षेत्र निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं और कहा गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि प्रदूषण को कम करने के उपाय सख्ती से लागू हों।
 
उन्होंने कहा, धूल प्रदूषण को रोकने के लिए ‘एंटी-स्मॉग गन’ में धूल शामक पाउडर का इस्तेमाल करने के भी निर्देश दिए गए हैं। धूलरोधी अभियान तेज़ किया जाएगा तथा और क्षेत्रों का निरीक्षण किया जाएगा। राय ने कहा कि डीजल जेनरेटर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और आपातकालीन सेवाओं के लिए इस्तेमाल किए जा रहे डीजल जेनरेटर को इससे छूट दी गई है।
 
मंत्री ने कहा कि दिल्ली यातायात पुलिस को 95 चिन्हित यातायात चौराहों पर भीड़ कम करने के निर्देश जारी किए गए हैं जिससे वाहन प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) और दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) से ट्रेन और बसों के चक्कर बढ़ाने का निर्देश दिया गया है।
 
राय ने इस पर चिंता जताई कि ऐसा लगता है कि कई विभाग प्रमुखों और वरिष्ठ अधिकारियों को वायु की बिगड़ती गुणवत्ता और प्रदूषण से निपटने के लिए उनके विभाग द्वारा लागू किए जा रहे उपायों की जानकारी नहीं है। उन्होंने मुख्य सचिव से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि ये अधिकारी अगले महीने तक लगन से काम करें जब वायु प्रदूषण के चरम पर रहने की आशंका है।
 
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अधिकारियों ने कहा कि तापमान में गिरावट और पराली जलाने से निकलने वाले धुएं के कारण दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता अगले कुछ दिनों तक बहुत खराब रहेगी। केंद्र सरकार की ‘वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए निर्णय समर्थन प्रणाली’ का अनुमान है कि सोमवार से पराली जलाने में बढ़ोतरी हो सकती है।
 
प्रणाली के मुताबिक, पराली जलाने से निकलने वाले धुएं की दिल्ली के पीएम 2.5 प्रदूषण में रविवार को हिस्सेदारी 16 फीसदी थी, जो सोमवार को बढ़कर 30-32 प्रतिशत हो सकती है।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour 
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