1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Taliban gave a big offer to India
Last Modified: शनिवार, 1 नवंबर 2025 (18:36 IST)

तालिबान ने भारत को दिया बड़ा ऑफर! दहशत में आ जाएगा पाकिस्तान

Bagram Airbase
Bagram Airbase News: तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने कुछ समय पहले ही भारत की यात्रा पर आए थे। दोनों देशों के बीच रिश्ते नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। यात्रा के दौरान मुत्ताकी ने पाकिस्तान को भी चेतावनी दी थी। इस बीच, सोशल मीडिया और अलग-अलग डिजिटल प्लेटफॉर्म पर यह खबर तेजी से चल रही है कि अफगानिस्तान ने अपना बगराम एयरबेस भारत को सौंप दिया है। हालांकि भारत की ओर से इसी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है और न ही खंडन सामने आया है। 
 
सोशल मीडिया पर यह चर्चा है कि भारत के ताजिकिस्तान स्थित आयनी एयरबेस को बंद करने के बाद, तालिबान ने 'मास्टरस्ट्रोक' के रूप में बगराम एयरबेस भारत को सौंप दिया है। यदि यह खबर सही तो पाकिस्तान का दहशत में आना स्वाभाविक है। क्योंकि एक तरफ उसके तालिबान से संबंध खराब हैं, दूसरी ओर भारत से उसकी परंपरागत शत्रुता है। यदि बगराम भारत को मिल जाता है तो इससे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी 'तीखी मिर्ची' लगेगी। 
 
हालांकि, इस दावे की न तो भारत सरकार ने और न ही तालिबान ने आधिकारिक तौर पर पुष्टि की है। खास बात यह है कि हाल ही में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बगराम एयरबेस पर पुनः नियंत्रण लेने की इच्छा जताई थी। भारत ने रूस, चीन और पाकिस्तान सहित कई अन्य देशों के साथ मिलकर मॉस्को फॉर्मेट कंसल्टेशन में अमेरिका की इस कोशिश का विरोध किया था। तालिबान ने भी स्पष्ट रूप से कहा था कि वह अफगानिस्तान की एक इंच जमीन भी किसी विदेशी ताकत को सैन्य अड्डे के लिए नहीं सौंपेंगा।
 
विश्व के सबसे बड़े सैन्य अड्डों में से एक : उल्लेखनीय है‍ कि भारत ने साल 2002 से आयनी एयरबेस एयरबेस के डेवलपमेंट और ऑपरेशन में मदद की थी, लेकिन ये एयरबेस अब भारत के हाथ से निकल गया है। हालांकि इसके बंद होने की खबरें हाल ही में सामने आई हैं। बगराम एयरबेस, जो कभी अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना का मुख्य केंद्र था, अगस्त 2021 में अमेरिकी वापसी के बाद तालिबान के नियंत्रण में है। यह विश्व के सबसे बड़े सैन्य अड्डों में से एक है और इसका भू-राजनीतिक महत्व बहुत अधिक है।
 
क्यों खास है बगराम एयरबेस : बगराम एयरबेस अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से लगभग 40 से 60 किलोमीटर उत्तर में परवान प्रांत में स्थित है। यह अफगानिस्तान का सबसे बड़ा सैन्य एयरबेस है।2001 से 2021 तक यह अमेरिकी और नाटो बलों के लिए मुख्य परिचालन केंद्र और लॉजिस्टिक्स हब था। यह C-5 गैलेक्सी जैसे सबसे बड़े कार्गो विमानों और B-52 बॉम्बर्स जैसे भारी बमवर्षक विमानों के उतरने और उड़ान भरने में सक्षम है। अमेरिका ने इसे एक विशाल किले या मिनी-सिटी के रूप में विकसित किया था। यहां 110 से अधिक विमान शेल्टर, ईंधन डिपो, विशाल अस्पताल (ट्रॉमा सेंटर), जेल (परवान डिटेंशन फैसिलिटी) और हजारों सैनिकों के लिए आवास थे। 
 
यह अमेरिका या किसी अन्य शक्ति को चीन की सैन्य गतिविधियों पर निगरानी और खुफिया जानकारी जुटाने के लिए एक अद्वितीय मंच प्रदान करता है। यह एयरबेस चीन के शिनजियांग प्रांत की सीमा से कुछ दूरी पर स्थित है, जहां चीन के संवेदनशील परमाणु और मिसाइल ठिकाने हैं। यहां से पाकिस्तान और ईरान पर भी नजर रखी जा सकती है। यही कारण है कि अमेरिका एक बार फिर इस एयरबेस पर अपना ठिकाना बनाना चाहता है। 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
ये भी पढ़ें
आंध्रप्रदेश के वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में क्यों मची भगदड़? कुछ प्रमुख कारण आए सामने