रविवार, 1 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. supreme court big decision on bulldozer action
Last Updated : बुधवार, 13 नवंबर 2024 (11:15 IST)

बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, गलत कार्रवाई पर अफसर के खिलाफ सख्ती

supreme court
Supreme court on bulldozer action : सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक बड़ा फैसला सुनाते हुए बुलडोजर एक्शन पर गाइडलाइंस जारी की। शीर्ष अदालत ने कहा कि प्रशासन जज नहीं बन सकता है। फैसले सुनाने का काम कोर्ट का है। अवैध कार्रवाई करने वाले अधिकारियों को दंडित किया जाए। जिन लोगों का घर अवैध तरीके से तोड़ा गया है, उन्हें मुआवजा दिया जाना चाहिए। 
 
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोगों को कार्रवाई से पहले समय देना चाहिए, उनका पक्ष सुना जाना चाहिए और उन्हें नोटिस देना चाहिए। नोटिस डाक से भेजें और घर पर भी चिपकाएं। यह भी बताना चाहिए कि मकान का कौन सा हिस्सा अवैध है। 3 माह में पोर्टल बनाकर उस पर सारी जानकारी डाली जाए। नोटिस की जानकारी डीएम को भी दी जानी जाहिए।
 
अदालत ने कहा कि नोटिस के बाद कम से कम 15 दिन का समय देना होगा। डिमोलिशन की कार्रवाई की वीडियोग्राफी होनी चाहिए। कार्रवाई के समय उपस्थित पुलिस अधिकारियों का नाम रिकॉर्ड में दर्ज किया जाना चाहिए। अधिकारियों को भी बताया जाना चाहिए कि बुलडोजर एक्शन में शामिल अधिकारियों पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए। 
 
शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन किया जाना चाहिए। माइट फॉर राइट का सिद्धांत नहीं चल सकता। संविधान में दोषियों को भी अधिकार मिले हुए हैं। अनुच्छेद 21 के तहत सिर पर छत होना भी जीने का अधिकार है।
 
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मकान गिराने की कार्रवाई चुनिंदा नहीं हो सकती। अवैध निर्माण को जुर्माना लगाकर भी नियमित किया जा सकता है। आरोपी का पक्ष सुने बिना कार्रवाई नहीं हो सकती। आरोपी के अपराध की सजा पूरे परिवार को नहीं दी जा सकती। 
Edited by : Nrapendra Gupta 
 
ये भी पढ़ें
विजयपुर में शांति पूर्वक मतदान के लिए कांग्रेस व भाजपा प्रत्याशी नजरबंद, कलेक्टर ने फायरिंग की खबरों को किया खंडन