क्यों बढ़ रहीं आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं, मौसम वैज्ञानिकों ने दिया यह बयान
Statement of meteorologists regarding thunder lightning : जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ती गर्मी के चलते दुनियाभर में गरज के साथ छीटें पड़ने की गतिविधियां बढ़ रही हैं और इसके परिणामस्वरूप आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं भी बढ़ी हैं। उत्तर प्रदेश में आकाशीय बिजली गिरने से बृहस्पतिवार को कम से कम 43 लोगों की मौत हो गई वहीं शुक्रवार को बिहार में 21 लोगों की मौत हो गई।
वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने शनिवार को यह बात कही। उत्तर प्रदेश में आकाशीय बिजली गिरने से बृहस्पतिवार को कम से कम 43 लोगों की मौत हो गई वहीं शुक्रवार को बिहार में 21 लोगों की मौत हो गई। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव माधवन नायर राजीवन ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण संवहनीय या गरज वाले बादलों का बनना बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, यह दर्ज किया गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण भारत सहित हर जगह मेघगर्जन की आवृत्ति बढ़ रही है।
नायर ने कहा, दुर्भाग्य से हमारे पास बिजली चमकने की घटनाओं में वृद्धि की पुष्टि करने के लिए दीर्घकालिक आंकड़े उपलब्ध नहीं है। हालांकि हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि ग्लोबल वार्मिंग से संवहनीय गतिविधि बढ़ जाती है, जिसके परिणामस्वरूप अधिक गरज के साथ बारिश होती है और परिणामस्वरूप अधिक आकाशीय बिजली गिरती है। उन्होंने बताया कि बिजली बड़े ऊर्ध्वाधर विस्तार वाले गहरे बादलों के कारण चमकती है।
नायर ने कहा, जलवायु परिवर्तन के कारण हवा की नमी धारण करने की क्षमता बढ़ रही है, जिससे ऐसे बादल अधिक बन रहे हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के वरिष्ठ वैज्ञानिक डीएस पई ने कहा कि सतह का तापमान जितना अधिक होगा, हवा उतनी ही हल्की होगी और वह उतनी ही ऊपर उठेगी।
उन्होंने कहा, इसलिए उच्च तापमान के साथ संवहनीय गतिविधि या गरज के साथ बारिश होने की संभावना अधिक होती है, जिससे स्वाभाविक रूप से अधिक वज्रपात की आशंका होती है। जलवायु परिवर्तन के कारण ऐसी घटनाओं की आवृति बढ़ रही है।
आईएमडी के पूर्व प्रमुख केजे रमेश ने बताया कि अधिक गर्मी के साथ बादलों का ऊर्ध्वाधर विस्तार बढ़ता है। उन्होंने कहा कि तापमान में एक डिग्री सेल्सियस की वृद्धि से हवा की नमी धारण क्षमता में सात प्रतिशत की वृद्धि होती है और बिजली गिरने की घटनाओं में 12 प्रतिशत की वृद्धि होती है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour