बिहार से किस तरह तमिलनाडु पहुंचा SIR विवाद, चिदंबरम ने चुनाव आयोग से पूछा सवाल
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर जारी विवाद के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने रविवार को आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग राज्यों के चुनावी चरित्र और तरीके को बदलने की कोशिश कर रहा है।
चिदंबरम ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि एक ओर बिहार में 65 लाख मतदाताओं के मताधिकार से वंचित होने का खतरा है, तो दूसरी तरफ तमिलनाडु में 6.5 लाख लोगों को मतदाता के रूप में 'जोड़ने' की खबरें चिंताजनक व स्पष्ट रूप से अवैध हैं। उन्हें 'स्थायी रूप से प्रवासी' कहना प्रवासी श्रमिकों का अपमान है और अपनी पसंद की सरकार चुनने के तमिलनाडु के मतदाताओं के अधिकार में घोर हस्तक्षेप है।
कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि प्रवासी श्रमिक राज्य विधानसभा चुनाव में मतदान करने के लिए बिहार या अपने गृह राज्य क्यों नहीं आ सकते जैसा कि वे हमेशा करते थे। क्या छठ पूजा के समय प्रवासी श्रमिक बिहार नहीं लौटते?
उन्होंने कहा कि मतदाता के रूप में नामांकित होने के लिए किसी व्यक्ति के पास एक निश्चित और स्थायी मकान होना चाहिए। प्रवासी श्रमिक का बिहार (या किसी अन्य राज्य) में ऐसा मकान होता है। वह तमिलनाडु में मतदाता के रूप में कैसे नामांकित हो सकता है? निर्वाचन आयोग अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहा है और राज्यों के चुनावी चरित्र व तरीके को बदलने की कोशिश कर रहा है। शक्तियों के इस दुरुपयोग का राजनीतिक और कानूनी रूप से मुकाबला किया जाना चाहिए।
विपक्ष संसद के दोनों सदनों में एसआईआर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा है और आरोप लगा रहा है कि निर्वाचन आयोग की इस कवायद का मकसद बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं को मताधिकार से वंचित करना है।
edited by : Nrapendra Gupta