चेहरे पर सूजन, कांपती आवाज, पदयात्रा स्थगित, दुखी भक्त प्रेमानंद महाराज के स्वास्थ्य के लिए कर रहे हैं प्रार्थना
Premanand Maharaj health Update: वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज की सेहत इन दिनों कुछ ठीक नहीं चल रही है। हालांकि उनकी दोनों किडनियां खराब है, लेकिन अपनी सकारात्मकता के कारण वे अपने स्वास्थ्य को ठीक रखे हुए हैं। हाल ही में एक वीडियो सामने आया है, जिसमें उनके चेहरे पर सूजन दिखाई दे रही है। उनके चेहरे पर चंदन भी दिखाई नहीं दिया, जो कि वे हमेशा लगाते हैं। उनके भक्तगण और अनुयायी उनकी सेहत को लेकर चिंतित और दुखी हैं। वे महाराज के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।
जो वीडियो अब वायरल हो रहा है, उसमें प्रवचन के दौरान प्रेमानंद महाराज का चेहरा सूजा हुआ और आंखें लाल दिखाई दे रही थीं। वे ठीक से आंखें खोल नहीं पा रहे थे। उनकी आवाज कांप रही थी। खराब स्वास्थ्य के बावजूद, वे अपने भक्तों को प्रवचन देते रहे। उन्होंने वीडियों में कहा कि हम कितने भी कष्ट में क्यों न हों, लेकिन अपना अभ्यास (प्रभु प्रार्थना) नहीं छोड़ सकते।
स्वास्थ्य में पहले से सुधार : हालांकि, महाराज के स्वास्थ्य अपडेट को लेकर एक अन्य वीडियो भी सामने आया है, जिसमें उनके स्वास्थ्य में सुधार के संकेत दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में वे स्वयं बता रहे हैं कि उनके हाथ अब ठीक हैं। वे उनसे काम कर पा रहे हैं, उनकी स्थिति में सुधार हुआ है। उनकी आंखें भी खुल रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रेमानंद जी महाराज केली कुंज आश्रम में आराम कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि अब उनका रोजाना डायलिसिस हो रहा है। वीडियो में उनके शरीर में सूजन दिखाई दे रही है और दोनों हाथों पर पट्टियां बंधी हुई हैं। प्रेमानंद जी महाराज के अनुयायी बड़ी संख्या में हैं। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली और उनकी अभिनेत्री पत्नी अनुष्का शर्मा समेत कई अन्य हस्तियां उनसे नियमित रूप से मिलने वृंदावन जाते रहते हैं।
क्या समस्या है प्रेमानंद महाराज को : प्रेमानंद महाराज 2006 से पॉलीसिस्टिक किडनी रोग से जूझ रहे हैं। उन्हें पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज नामक एक जेनेटिक (आनुवंशिक) बीमारी है, जिसके कारण उनकी दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं। वे लगभग दो दशकों से डायलिसिस पर हैं। पहले यह डायलिसिस हफ्ते में कुछ दिन होती थी, लेकिन अब स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण पिछले कुछ दिनों से रोजाना डायलिसिस हो रही है।
डॉक्टरों ने एक समय उनके जीवन के लिए केवल दो से ढाई साल का समय बताया था, लेकिन उनकी सकारात्मक सोच की ताकत के कारण वे अभी तक जीवित हैं। खराब स्वास्थ्य के कारण उनकी सुबह की नियमित पदयात्रा (जो रात 2 बजे होती थी) अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। उन्हें खान-पान, खासकर पानी पीने में काफी परहेज बरतना होता है और वह बहुत थोड़ी मात्रा में पानी पीते हैं।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala