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Last Modified: शुक्रवार, 16 अप्रैल 2021 (22:47 IST)

भारतीय अर्थव्यवस्था पिछली Corona लहर से बेहतर स्थिति में : सीईए

भारतीय अर्थव्यवस्था पिछली Corona लहर से बेहतर स्थिति में : सीईए - Statement by Chief Economic Advisor KV Subramaniam regarding Indian Economy
नई दिल्ली। मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमणियम ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था पिछली कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 की लहर के मुकाबले इस बार टीका उपलब्ध होने की वजह से बेहतर स्थिति में है।

ई-वाणिज्य क्षेत्र की प्रमुख कंपनी अमेजन के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस बार अनिश्चितता काफी कम है लेकिन लोगों को सतर्कता बरतनी चाहिए। सुबगमणियम ने कहा, कोरोना की दूसरी लहर है इसलिए लोगों को सावधान रहने की जरूरत है, उन्हें सभी नियमों का पालन करना चाहिए।

लेकिन कुल मिलाकर पिछली बार के मुकाबले इस बार हम बेहतर स्थिति में हैं, क्योंकि टीका बन चुका है और टीकाकरण की प्रक्रिया चल रही है। इस लिहाज से अनिश्चितता काफी कम है। पिछले साल कोरोनावायरस महामारी के फैलने के बाद भारत में मार्च 2020 को दुनिया का सबसे कड़ा लॉकडाउन लगाया गया था। इसकी वजह से अर्थव्यवस्था में पिछले साल की पहली तिमाही के दौरान 24 प्रतिशत की जबरदस्त गिरावट आई थी।

इस साल भी मार्च की शुरुआत से कोरोना की दूसरी लहर ने सिर उठाना शुरू किया और इसके बाद मामलों में तेज वृद्धि होने लगी। इसकी वजह से कई राज्‍यों को कोविड-19 की श्रृंखला को तोड़ने के लिए स्थानीय स्‍तर पर प्रतिबंध लगाने पड़े हैं।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोनावायरस के 2,17,353 नए मामले सामने आए हैं। इन्हें मिलाकर कुल संक्रमितों का आंकड़ा एक करोड़ 42 लाख 91 हजार 917 पर पहुंच गया। वहीं सक्रिय मामलों की संख्या पहली बार 15 लाख से ऊपर निकल गई। देश में शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन पिछले 24 घंटे के दौरान दो लाख से अधिक मामले सामने आए हैं।
सुब्रमणियम ने कहा कि महामारी के दौरान जो एक महत्वपूर्ण बात सामने आई है वह है ऑनलाइन सामानों की खरीद-फरोख्त और डिजिटलीकरण, जिसे भारत ने तेजी से अपनाया है। उन्होंने कहा कि भारत में 80 करोड़ लोगों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए आवश्यक वसतुओं की आपूर्ति की गई।

जनधन, आधार मोबाइल (जैम) खातों के जरिए नकद राशि का हस्तांतरण किया गया, जबकि अमेरिका जैसे दुनिया के विकसित देशों में चेक के जरिए वित्तीय सहायता लोगों को दी गई, जिसमें दो माह से अधिक समय लगा। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मझौले उद्यमों को आधुनिक तकनीक को अपनाना चाहिए और अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए नवोन्मेष में निवेश करना चाहिए।(भाषा)
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