नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस परेड में 26 जनवरी को राजपथ पर देश की विराट सैन्य शक्ति और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक के साथ-साथ पहली बार विदेशी सेना फ्रांस का मार्चिंग दस्ता भी भारतीय सैनिकों के साथ कदमताल करता नजर आएगा।
खुफिया एजेंसियों द्वारा आतंकवादी हमलों की चेतावनी जारी किए जाने के मद्देनजर राजधानी दिल्ली में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। परेड स्थल और उसके आस-पास के क्षेत्रों को अभेद्य किले में तब्दील कर दिया गया है। परेड मार्ग और उसके आस-पास के रास्तों को बंद कर दिया जाएगा।
परेड स्थल के निकट के मेट्रो स्टेशनों को भी परेड के दौरान बंद रखा जाएगा। राजपथ से लगने वाले सरकारी कार्यालयों में सोमवार अपराह्न से अवकाश कर दिया गया है और उनके भवनों पर हथियारबंद कमांडो तैनात किये जा रहे हैं। जगह-जगह पर सादे कपड़ों में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। राजधानी में प्रवेश करने वाले वाहनों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है।
फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि होंगे। फ्रांस के राष्ट्राध्यक्ष इससे पहले भी चार बार गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में परेड के शोभा बढ़ा चुके हैं। परेड को रोमांचक तथा एक्शन से भरपूर बनाने के लिए इसमें 26 मिनट की कमी की गई है, जिसके चलते सेना तथा अर्द्धसैनिक बलों के कुछ दस्तों तथा झांकियों में कमी की गई है।
परेड शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, फिर उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी और बाद में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी अमर जवान ज्योति जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे। तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति मुखर्जी के सलामी मंच पर आने के बाद उन्हें 21 तोपों की सलामी दी जाएगी।
सुबह लगभग 9 बजकर 50 मिनट पर परेड कमांडर और सेकंड परेड कमांडर की सलामी के साथ ही परेड शुरू हो जायेगी। इसके बाद फ्रांसीसी सेना का मार्चिंग दस्ता होगा जिनके पीछे तीनों सेनाओं के मार्चिंग दस्ते होंगे। फ्रांसीसी दस्ते को अतिथि देवो भव की भावना को चरितार्थ करते हुए सबसे आगे रखा गया है।
परेड में इस बार कई चीजें पहली बार होंगी, जैसे सेना के घातक हेलिकॉप्टर रुद्र का फ्लाई पास्ट, विदेशी सेना फ्रांस के सैन्य दस्ते का मार्च, पूर्व सैनिकों की झांकी तथा सेना के खोजी श्वानों के दस्ते की 27 वर्ष बाद वापसी। दो आर्मी स्कूलों के दस्तों को भी मार्चिंग के लिए चुना गया है।
लड़ाकू विमानों के हवाई करतब तथा सेना की सिग्नल कोर के जांबाज जवानों के साथ साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की महिला डेयर डेविल्स के मोटरसाइकल पर हैरतअंगेज कारनामे भी परेड का आकर्षण होंगे। वीरता पुरस्कार प्राप्त बच्चे जीपों में राजपथ से गुजरेंगे।
परेड में 123 विदेशी फ्रांसीसी सैनिक भारतीय जवानों के साथ राजपथ पर कदमताल करते नजर आएंगे। हालांकि ये पूरी परेड में हिस्सा नहीं लेंगे। उनके साथ फ्रांसीसी सेना के बैंड का दस्ता भी होगा। फ्रांसीसी टुकड़ी परेड के पहले चरण यानी विजय चौक से मानसिंह रोड तक ही हिस्सा ले रही है। यह पहला मौका है जब कोई विदेशी सेना राजपथ पर कदमताल कर रही है। भारत की तीनों सेनाओं की एक टुकड़ी पांच वर्ष पहले फ्रांस की सैन्य परेड में हिस्सा ले चुकी है।
परेड में मार्चिंग दस्तों के साथ 15 से अधिक बैंड भी भाग लेंगे। इनमें सेना, नौसेना, वायुसेना, सीमा सुरक्षा बल, असम राइफल, तटरक्षक बल, आरपीएफ, दिल्ली पुलिस और एनसीसी के बैंड होंगे। चार स्कूलों के बच्चें भी अपने मनमोहक नृत्य से दर्शकों का मनोरंजन करेंगे। अंत में वायुसेना के मालवाहक विमानों के बाद सुखोई, मिग और जगुआर जैसे लडाकू विमान हवाई करतब दिखाएंगे। (वार्ता)