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Last Updated : सोमवार, 8 जुलाई 2024 (15:19 IST)

राहुल गांधी का असम दौरा, कहा मैं असम के लोगों के साथ और संसद में उनका सिपाही

कहा कि पूर्वोत्तर का एक जल प्रबंधन प्राधिकरण होना चाहिए

rahul gandhi
सिलचर (असम)। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सोमवार को कहा कि वे असम (Assam) के लोगों के साथ हैं और संसद में उनके सिपाही हैं। उन्होंने केंद्र से राज्य को तुरंत हरसंभव सहायता मुहैया कराने का अनुरोध किया। राहुल ने असम में कछार जिले के फुलेर्तल में एक बाढ़ राहत शिविर (Flood relief camps) का दौरा किया।
 
दौरा करने के बाद 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि मैं असम के लोगों के साथ हूं, मैं संसद में उनका सिपाही हूं और मैं केंद्र सरकार से राज्य को तुरंत हरसंभव मदद मुहैया कराने का अनुरोध करता हूं। उन्होंने कहा कि असम को अल्पावधि में व्यापक और दयालु दृष्टि वाली राहत, पुनर्वास और मुआवजे की आवश्यकता है तथा दीर्घावधि में बाढ़ पर नियंत्रण पाने के लिए पूरे पूर्वोत्तर का एक जल प्रबंधन प्राधिकरण चाहिए। असम में बाढ़ से मची अत्यधिक तबाही हृदयविदारक है जिसने 8 वर्षीय अविनाश जैसे मासूम बच्चे को हमसे छीन लिया है।

 
उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में सभी शोक-संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं हैं। अविनाश और उसके पिता गुवाहाटी शहर में एक स्कूटर पर जाते समय एक खुले नाले में गिर गए थे। इस हादसे में उसके पिता तो बच गए लेकिन बच्चे का शव 3 दिन बाद रविवार को 4 किलोमीटर दूर नाले से बरामद किया गया।
 
राहुल ने कहा कि असम कांग्रेस के नेताओं ने उन्हें जमीनी स्थिति से अवगत कराया है कि 24 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, 53,000 तथा उससे अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं और 60 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। यह संख्या भाजपा की 'डबल इंजन' सरकार के घोर और गंभीर कुप्रबंधन को दर्शाती है, जो बाढ़मुक्त असम के वादे के साथ सत्ता में आई थी।

 
कांग्रेस नेता ने पड़ोसी मणिपुर में हिंसा के बाद कछार जिले के थालैन में विस्थापित राज्य के लोगों के एक शिविर का भी दौरा किया और उनसे बातचीत की। इससे पहले यहां कुंभीग्राम हवाई अड्डे पर असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेन बोरा तथा राज्य व जिले के अन्य वरिष्ठ पार्टी नेताओं ने राहुल की अगवानी की। वे असम के बाद मणिपुर के जिरिबाम जिले के दौरे पर गए।
 
बोरा ने राहुल को एक ज्ञापन सौंपते हुए उनसे राज्य में आई विनाशकारी बाढ़ का मुद्दा केंद्र सरकार के समक्ष उठाने का अनुरोध किया ताकि लोगों को पर्याप्त राहत और बाढ़ के कारण हुई गंभीर क्षति के लिए मुआवजा मिल सके। बोरा ने कहा कि हमारी पीड़ा को केंद्र तक पहुंचाने के लिए हम आपके आभारी रहेंगे।
 
उन्होंने कहा कि असम को इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए एक पैकेज मिलना चाहिए, क्योंकि राज्य सरकार केंद्र से पर्याप्त निधि हासिल करने में नाकाम रही है, जो 'डबल इंजन' की सरकार के लिए दोहरी नाकामी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि पिछले 5 वर्ष में भाजपा की 'डबल इंजन' सरकार ने तटबंध की मरम्मत और पुनर्निर्माण को कोई महत्व नहीं दिया है।

 
उन्होंने दावा किया कि इन 5 वर्षों में असम में भाजपा सरकार ने केंद्र सरकार से बाढ़ संबंधी राहत व पुनर्निर्माण के लिए 10,785 करोड़ रुपए देने का अनुरोध किया लेकिन उसे महज 250 करोड़ रुपए मिले। बोरा ने यह भी दावा किया कि असम में बाढ़ की समस्या का समाधान पर्वतों में है और पर्वतीय क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर वनों की कटाई के कारण नदियों में काफी गाद जमा हो जाती है जिससे नदी का तल ऊपर उठ जाता है और असम की नदियों की जलवहन की क्षमता कम हो जाती है।
 
उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान और जलवायु परिवर्तन के कारण अत्यधिक बारिश हो रही है जिससे पानी का बहाव नदियों की वहन क्षमता से अधिक हो गया है। बोरा ने कहा कि इस समस्या का दीर्घकालीन समाधान पूरे पूर्वोत्तर का एक जल प्रबंधन प्राधिकरण बनाना है जिसे संसद द्वारा बाढ़ को नियंत्रण करने के लिए हर आवश्यक अधिकार प्राप्त हो।
 
उन्होंने कहा कि अल्पावधि समाधान तटबंध जैसे मौजूदा बाढ़ प्रबंधन बुनियादी ढांचा मजबूत करना और प्रभावित लोगों को तत्काल राहत एवं पुनर्वास उपलब्ध कराना है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी के नेता, सांसद, विधायक और जिला समिति व अन्य पार्टी संगठन बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे रहे हैं तथा लोगों की मदद कर रहे हैं। राहुल जिरिबाम से सिलचर हवाई अड्डा लौटेंगे और फिर मणिपुर के अगले चरण के दौरे के लिए इंफाल जाएंगे।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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