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Last Updated : सोमवार, 8 जुलाई 2024 (12:48 IST)

रूस दौरे से पहले बोले पीएम मोदी, भारत चाहता है शांतिपूर्ण और स्थिर क्षेत्र के लिए सहयोगात्मक भूमिका निभाना

रूस दौरे से पहले बोले पीएम मोदी, भारत चाहता है शांतिपूर्ण और स्थिर क्षेत्र के लिए सहयोगात्मक भूमिका निभाना - Prime Minister Narendra Modi's visit to Russia
Modi's visit to Russia : यूक्रेन में संघर्ष के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के साथ शिखर वार्ता के लिए रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने सोमवार को कहा कि भारत शांतिपूर्ण और स्थिर क्षेत्र के लिए सहयोगात्मक भूमिका निभाना चाहता है।
 
मोदी और पुतिन मंगलवार को 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में व्यापार, ऊर्जा और रक्षा सहित विविध क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तार देने के तरीकों पर विचार-विमर्श करेंगे।
 
मोदी की रूस की पहली यात्रा : यह 2019 के बाद से मोदी की रूस की पहली यात्रा है। फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की शुरुआत के बाद से भी यह भारतीय प्रधानमंत्री की रूस की पहली यात्रा है। 9 जुलाई को रूस में अपनी यात्रा पूरी करने के बाद मोदी ऑस्ट्रिया के लिए रवाना होंगे। यह 40 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी।

 
मोदी और पुतिन मंगलवार को 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में व्यापार, ऊर्जा और रक्षा सहित विविध क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तार देने के तरीकों पर विचार-विमर्श करेंगे। मोदी ने एक बयान में कहा कि भारत और रूस के बीच विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी पिछले 10 वर्षों में और बढ़ी है जिसमें ऊर्जा, सुरक्षा, व्यापार, निवेश, स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कृति, पर्यटन और लोगों से लोगों का संपर्क आदि क्षेत्र शामिल हैं।
 
ये कहा मोदी ने पुतिन के बारे में : उन्होंने कहा कि मैं, मेरे मित्र राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा करने और विभिन्न क्षेत्रीय एवं वैश्विक मामलों पर दृष्टिकोण साझा करने को लेकर आशान्वित हूं। उन्होंने कहा कि हम शांतिपूर्ण एवं स्थिर क्षेत्र के लिए सहयोगात्मक भूमिका निभाना चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह यात्रा उन्हें रूस में जीवंत भारतीय समुदाय से मिलने का अवसर भी प्रदान करेगी।

 
मोदी ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि अगले 3 दिन मैं रूस और ऑस्ट्रिया में रहूंगा। ये दौरे इन देशों के साथ संबंधों को गहरा करने का एक शानदार अवसर होंगे जिनके साथ भारत की दोस्ती समय की कसौटी पर खरी उतरी है।
 
रूस में अपनी यात्रा पूरी करने के बाद मोदी ऑस्ट्रिया के लिए रवाना होंगे। यह, विगत 40 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की वहां की पहली यात्रा होगी। प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रिया को भारत का 'दृढ़ और विश्वसनीय साझेदार' बताया और कहा कि इस दौरे पर उन्हें राष्ट्रपति एलेक्जेंडर वान डेर बेलन और चांसलर कार्ल नेहमर से मिलने का अवसर मिलेगा।
 
ऑस्ट्रिया हमारा दृढ़ और विश्वसनीय भागीदार : उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रिया हमारा दृढ़ और विश्वसनीय भागीदार है और हम लोकतंत्र और बहुलवाद के आदर्शों को साझा करते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 40 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली यात्रा है। मैं नवाचार, प्रौद्योगिकी और सतत विकास के नए और उभरते क्षेत्रों में हमारी साझेदारी को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए अपनी चर्चाओं को लेकर आशान्वित हूं।

 
मोदी ने कहा कि वह दोनों पक्षों की कारोबारी हस्तियों के साथ विचारों के आदान-प्रदान को लेकर आशान्वित हैं ताकि परस्पर लाभकारी व्यापार एवं निवेश अवसरों की संभावना तलाशी जा सके। उन्होंने कहा कि मैं ऑस्ट्रिया में भारतीय समुदाय से भी बातचीत करूंगा, जो अपने पेशेवर रूख और आचरण के लिए जाने जाते हैं।
 
मोदी की मॉस्को यात्रा से पहले क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा कि एजेंडा 'व्यापक' होगा। भारत के प्रधानमंत्री और रूस के राष्ट्रपति के बीच वार्षिक शिखर सम्मेलन दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी में सर्वोच्च संस्थागत संवाद तंत्र है।

 
वार्षिक शिखर सम्मेलन बारी-बारी से भारत और रूस में आयोजित किए जाते हैं। पिछला शिखर सम्मेलन 6 दिसंबर, 2021 को नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। राष्ट्रपति पुतिन शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत आए थे। शिखर सम्मेलन में दोनों पक्षों ने 'शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए भारत-रूस साझेदारी' नामक एक संयुक्त बयान के अलावा 28 समझौता ज्ञापनों और समझौतों पर मुहर लगाई थी।
 
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने आखिरी बार 16 सितंबर, 2022 को उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन के इतर द्विपक्षीय वार्ता की थी। इस दौरान मोदी ने यूक्रेन में संघर्ष को समाप्त करने के लिए पुतिन पर दबाव डालते हुए कहा था कि आज का युग युद्ध का नहीं है। फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से, मोदी ने पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ टेलीफोन पर कई बार बातचीत की है।
 
रूस के साथ अपनी मजबूत दोस्ती को इंगित करते हुए भारत ने अभी तक यूक्रेन पर मास्को के आक्रमण की निंदा नहीं की है। भारत यह कहता रहा है कि संकट को कूटनीति और बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए। भारत और रूस में अभी तक बारी-बारी से 21 वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित हो चुके हैं।
 
आखिरी शिखर सम्मेलन 6 दिसंबर 2021 को नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। इस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आए थे। जी-7 देशों द्वारा मूल्य सीमा तय किए जाने तथा कई पश्चिमी देशों में खरीद को लेकर बढ़ती बेचैनी के बावजूद भारत द्वारा रूस से सस्ते दाम पर कच्चे तेल के आयात में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta