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Written By Author विकास सिंह
Last Modified: बुधवार, 13 अक्टूबर 2021 (15:50 IST)

खास खबर: लखीमपुर हिंसा पर प्रियंका की पॉवर पॉलिटिक्स से उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को मिलेगी पॉवर?

खास खबर: लखीमपुर हिंसा पर प्रियंका की पॉवर पॉलिटिक्स से उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को मिलेगी पॉवर? - Priyanka power politics will give power to Congress in Uttar Pradesh
प्रियंका गांधी इन दिनों देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में कांग्रेस में नई जान फूंकने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। विधानसभा चुनाव से पहले लखीमपुर हिंसा को लेकर प्रियंका की अगुवाई में कांग्रेस राज्य की भाजपा सरकार पर हमलवार है। लखीमपुर हिंसा में किसानों की मौत मामले को लेकर प्रियंका गांधी योगी सरकार को कठघरे में खड़ा करने का कोई भी मौका हाथ से नहीं जाने देना चाह रही है।

मंगलवार को लखीमपुर हिंसा में मारे गए किसानों के अंतिम अरदास कार्यक्रम में शामिल होने प्रियंका गांधी लखीमपुर पहुंची। यह लखीमपुर हिंसा के बाद प्रियंका गांधी का दूसरा दौरा था, पूरे मामले पर अन्य विपक्षी दलों की तुलना में कांग्रेस काफी अक्रामक नजर आ रही है।
 
प्रियंका लगातार लखीमपुर का दौरा कर किसानों के मुद्दे के सहारे प्रदेश में कांग्रेस को नई ऊर्जा देने की कोशिश में जुटी है। लखीमपुर हिंसा को लेकर केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्ती की मांग को लेकर लखनऊ में प्रियंका गांधी ने तीन घंटे तक मौन धरना भी दिया। 

उत्तर प्रदेश के 2022 के चुनाव कांग्रेस और प्रियंका की राजनीति को लेकर बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे है। प्रियंका गांधी ने पिछले दिनों बनारस से कांग्रेस के चुनाव प्रचार अभियान का शंखनाद कर यह साफ कर दिया है कि कांग्रेस अकेले दम पर उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में उतरने जा रही है। 

उत्तर प्रदेश की राजनीति की करीब से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार रामदत्त त्रिपाठी कहते हैं कि प्रियंका जो कुछ भी कर रही है वह राजनीति में विपक्ष पार्टी होने के नाते पूरी तरह सही है लेकिन प्रियंका की इस कवायद का उत्तरप्रदेश में कांग्रेस के भविष्य पर कोई असर पड़ेगा यह कहना मुश्किल है।

"प्रियंका की टच एंड गो की पॉलिटिक्स से कांग्रेस का चुनाव में कोई भला नहीं होने वाला है। जबतक कांग्रेस जनता से कनेक्ट करने वाले संगठन के निर्माण पर अपना ध्यान नहीं देगी तब तक कांग्रेस चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाएगी"। 
लखीमपुर हिंसा पर प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी की तुलना इंदिरा गांधी से करने के सवाल पर रामदत्त त्रिपाठी कहते हैं कि उस वक्त की कांग्रेस की तुलना आज की कांग्रेस से नहीं की जा सकती है। इंदिरा गांधी के समय कांग्रेस का एक मजबूत संगठन जो आज पूरी तरह बिखर चुका है और नहीं के बराबर है।

वहीं आज कांग्रेस में आज पॉलिसी पैरालिसिस जैसी परिस्थिति है। भविष्य का राजनीति को लेकर कांग्रेस में कोई नीति नजर नहीं आती हैं। कांग्रेस में लंबे समय से राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव नहीं होने से भी कार्यकर्ताओं के मन में एक बड़ा सवाल है। 
 
2107 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत ही फीका था ऐसे में अगर प्रियंका गांधी की अगुवाई में कांग्रेस 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करती है तो कांग्रेस के साथ-साथ देश की रजनीति में प्रियंका की राह आशस उनको कोई नहीं रोक सकता। 
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