डीजीपी लोहिया के हत्यारे की डायरी के पन्ने, जानिए क्या लिखा था यासिर ने..?
जम्मू। जम्मू-कश्मीर के डीजी जेल हेमंत कुमार लोहिया की हत्या मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने मुख्य आरोपी यासिर अहमद को गिरफ्तार भी कर लिया है। पुलिस ने आरंभिक पूछताछ के बाद दावा किया है कि हत्यारा अवसादग्रस्त था। आरोपी ने अपनी डायरी में लिखा है कि मैं अपनी जिंदगी से नफरत करता हूं।
दूसरी ओर, पुलिस ने इस घटना में आतंकी कनेक्शन से साफ इंकार किया है। पुलिस ने बताया कि उससे इस संबंध में पूछताछ की जा रही है। बताया जा रहा है कि आरोपी यासिर जम्मू के काना चक्क में खेत में छिपा था।
अपराध स्थल से काना चक्क की दूरी करीब 12 किलोमीटर है और यह सीमांत क्षेत्र है। ऐसे में हो सकता है कि आरोपी सीमा पार भागने की भी फिराक में हो, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने उसे दबोच लिया।
उधर, पुलिस ने राजीव खजूरिया के दो पीएसओ को भी पूछताछ के लिए सोमवार रात में साथ ले गई थी। इनमें से एक राजीव खजूरिया भाई है। बताया जा रहा है कि दोनों को सुबह छोड़ दिया गया है।
पुलिस के हाथ उसकी एक डायरी भी लगी है। 23 वर्षीय नौकर की डायरी को पढ़कर पुलिस अनुमान लगा रही है कि उसकी मानसिक स्थिति सही नहीं है।
99 फीसदी जीवन गमगीन : डायरी में वह मरने या मारने की बातें लिखा करता था। नौकर के कमरे से मिली डायरी में उसने लिखा है- आरोपी ने लिखा है कि उसका जीवन 99 प्रतिशत गमगीन है, लेकिन फिर भी 100 फीसदी झूठी मुस्कान दिखानी पड़ती है। मैं 10 प्रतिशत खुश हूं। जीवन में प्यार एकदम जीरो फीसदी और 90 फीसदी तनाव है। मैं अपनी जिंदगी से नफरत करता हूं जो केवल दर्द देती है। नए जीवन के लिए मृत्यु की प्रतीक्षा करता हूं। इसके साथ ही डायरी के पन्ने पर मोबाइल फोन की बैटरी का चित्र बनाया गया है, जिसके साथ लिखा है।
डायरी में आगे लिखा गया है- प्रिय मौत, मेरी जिंदगी मे आओ, मुझे अफसोस है कि मेरे दिन, सप्ताह, महीने, साल, जिंदगी सब खराब हैं। हत्या के बाद से डीजीपी का नौकर फरार हो गया था। यासिर अभी छह महीने पहले ही काम पर लगा था। पुलिस नौकर के आतंकी कनेक्शन की जांच भी कर रही है। गिरफ्तारी के बाद से उससे पूछताछ लगातार जारी है।
दोस्त के घर हुई हत्या : पुलिस ने यह भी दावा किया है कि यासिर आक्रामक मिजाज का था और वह अवसाद में था। जेल महानिदेशक हेमंत कुमार लोहिया की हत्या सोमवार रात को जम्मू के उदयवाला स्थित उनके दोस्त के घर में की गई। वह दोस्त के साथ अपने नौकर यासिर को वहां लेकर गए थे। डीजीपी जम्मू कश्मीर दिलबाग सिंह ने अपराध स्थल का दौरा किया। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण मामला है। इसमें मुख्यारोपी डीजीपी लोहिया का हेल्पर यासिर अहमद है।
आतंकी लिंक के सबूत नहीं : वहीं, आतंकी लिकं के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी तक की जांच में कोई आतंकी लिंक के सबूत नहीं मिले हैं। उन्होंने कहा कि आतंकी संगठन बेशर्मी से हर अपराध को अपने नाम करने की कोशिश में रहता है। मामले में अभी जांच जारी है।