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Last Updated : रविवार, 8 अगस्त 2021 (17:46 IST)

‘मंगल की यात्रा’ के लिए NASA मंगा रहा है आवेदन, जाना चाहते हैं तो करना होगा यह काम

‘मंगल की यात्रा’ के लिए NASA मंगा रहा है आवेदन, जाना चाहते हैं तो करना होगा यह काम - NASA, Mars Mission, National Aeronautics
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा  ने एक साल तक लंबे चलने वाले एक खास मिशन के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। जिसके तहत उन लोगों को ट्रेनिंग दी जाएगी, जो मंगल ग्रह की यात्रा करने में दिलचस्पी रखते हैं।

मंगल ग्रह पर भविष्य के मिशन के लिए वास्तविक कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए चार लोगों का चयन किया जाएगा, जिन्हें मंगल ग्रह जैसे वातावरण में रहना होगा। जो सिलेक्‍ट होंगे उन उम्मीदवारों को एक साल तक मार्स ड्यून अल्फा में रहना होगा, जो एक 1700 स्क्वायर फुट का मंगल ग्रह के वातावरण वाला मॉड्यूल है।

मार्स ड्यून अल्फा को ICON 3डी प्रिंटर से तैयार किया गया है, जो टेक्सास के ह्यूस्टन में जॉनसन स्पेस सेंटर की इमारत में रखा है। नासा के अनुसार, ये नकली मिशन 2022 (1 सितंबर-30 नवंबर) में शुरू होगा।

एजेंसी ने एक बयान जारी कर बताया कि मंगल ग्रह पर भविष्य के मिशन की वास्तविक जीवन की चुनौतियों की तैयारी में, नासा ये अध्ययन करेगा कि लोग ऐसे वातावरण में कितने लंबे समय तक रह सकते हैं या उनमें क्या बदलाव दिखाई देते हैं।

नासा ने ट्विटर पर यह जानकारी दी है और बताया है कि मंगल ग्रह से जुड़े एक मिशन के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। ये एक साल तक लंबा चलने वाला मिशन है, जिसमें दूसरी दुनिया में जीवन जैसा अनुकरण किया जाएगा। इसकी शुरुआत 2022 से होगी। चयनित उम्मीदवारों को बिल्कुल वैसी ही चुनौतियों का सामना करना होगा, जो मंगल ग्रह से जुड़ी होंगी। जैसे संसाधनों की कमी, उपकरणों का फेल हो जाना, संचार संबंधित दिक्कतें आना और वातावरण से जुड़े बाकी अवरोधकों का सामना करना।

कौन कर सकता है आवेदन?
मंगल यात्रा के इस मिशन के लिए वही लोग योग्‍य होंगे इन नियमों को पूरा करते होंगे।
उम्‍मीदवार की उम्र 30-55 साल के बीच होनी चाहिए।
आवेदक का अमेरिकी नागरिक होना जरूरी है।
फिजिकल हेल्थ अच्छी हो और धूम्रपान ना करता हो।
STEM विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन पूरी की हो। जैसे इंजीनियरिंग, बायोलॉजिकल साइंस, फिजिकल साइंस, कंप्यूटर साइंस या गणित में मास्टर्स डिग्री होनी चाहिए।
STEM डिसिप्लिन में कम से कम दो साल का प्रोफेशनल अनुभव होना चाहिए या फिर जेट विमान पर कम से कम 1,000 घंटे का पायलट-इन-कमांड का अनुभव हो।