one nation, one election bill : मोदी मंत्रिमंडल ने गुरुवार को एक देश, एक चुनाव को लागू करने संबंधी विधेयकों को मंजूरी दे दी और मसौदा कानून मौजूदा शीतकालीन सत्र में संसद में पेश किए जाने की संभावना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया।
सरकार विधेयकों पर व्यापक विचार-विमर्श करने की इच्छुक है जिन्हें संसदीय समिति को भेजे जाने की संभावना है। बताया जा रहा है कि सरकार समिति के माध्यम से विभिन्न राज्य विधानसभाओं के अध्यक्षों से भी परामर्श करने की इच्छुक है।
सरकार ने एक देश, एक चुनाव योजना पर आगे बढ़ते हुए लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के चुनाव चरणबद्ध तरीके से एक साथ कराने के वास्ते उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को सितंबर में स्वीकार कर लिया था।
सूत्रों ने उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों का हवाला देते हुए कहा था कि प्रस्तावित विधेयकों में से एक में नियत तिथि से संबंधित उप-खंड (1) जोड़कर अनुच्छेद 82ए में संशोधन करने का प्रस्ताव है। इसमें लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के कार्यकाल को एक साथ समाप्त करने से संबंधित अनुच्छेद 82ए में उप-खंड (2) शामिल करने का भी प्रयास किया जाएगा।
इसमें अनुच्छेद 83(2) में संशोधन करने और लोकसभा की अवधि एवं उसे भंग करने से संबंधित नए उप-खंड (3) और (4) सम्मिलित करने का भी प्रस्ताव है। इसमें विधानसभाओं को भंग करने और एक साथ चुनाव शब्द को सम्मिलित करने के लिए अनुच्छेद 327 में संशोधन करने से संबंधित प्रावधान भी हैं। सिफारिश में कहा गया है कि इस विधेयक को कम से कम 50 प्रतिशत राज्यों से अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी।
हालांकि, लोकसभा और राज्य विधानसभाओं को छोड़कर स्थानीय निकाय चुनाव एक साथ कराने के किसी भी कदम के लिए कम से कम 50 प्रतिशत राज्य विधानसभाओं के अनुमोदन की आवश्यकता होगी क्योंकि यह राज्य के मामलों से संबंधित है।
वहीं, एक अन्य विधेयक विधानसभा युक्त केंद्र शासित प्रदेशों-पुडुचेरी, दिल्ली, जम्मू और कश्मीर से संबंधित तीन कानूनों के प्रावधानों में संशोधन करने वाला एक सामान्य विधेयक होगा, ताकि इन सदनों की शर्तों को अन्य विधानसभाओं और लोकसभा के साथ संरेखित किया जा सके जैसा कि पहले संवैधानिक संशोधन विधेयक में प्रस्तावित है।
जिन कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव है, उनमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम-1991, केंद्र शासित प्रदेश सरकार अधिनियम-1963 और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम-2019 शामिल हैं।
उच्चस्तरीय समिति ने तीन अनुच्छेदों में संशोधन, मौजूदा अनुच्छेदों में 12 नए उप-खंडों को शामिल करने और विधानसभा युक्त केंद्र शासित प्रदेशों से संबंधित तीन कानूनों में बदलाव का प्रस्ताव दिया था। संशोधनों और नयी प्रविष्टियों की कुल संख्या 18 है।
आम चुनाव की घोषणा से ठीक पहले मार्च में सरकार को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में समिति ने एक देश, एक चुनाव प्रणाली को दो चरणों में लागू करने की सिफारिश की थी।
Edited by : Nrapendra Gupta