• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Who is George Soros and why is he in the news these days in India
Last Updated : गुरुवार, 12 दिसंबर 2024 (14:55 IST)

George Soros Profile: जॉर्ज सोरोस कौन हैं और भारत में इन दिनों क्यों हैं सुर्खियों में?

George Soros Profile: जॉर्ज सोरोस कौन हैं और भारत में इन दिनों क्यों हैं सुर्खियों में? - Who is George Soros and why is he in the news these days in India
Who is George Soros: अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस एक ऐसा नाम है जो अक्सर वैश्विक राजनीति, सामाजिक आंदोलनों और परोपकारी गतिविधियों से जोड़ा जाता है, भारत में चर्चा का केंद्र बन गया है। उनके बयानों और गतिविधियों को लेकर संसद से लेकर मीडिया और सोशल मीडिया तक बहस जारी है। सोरोस और गांधी परिवार के संबंधों को लेकर भारतीय संसद में इन दिनों जमकर हंगामा हो रहा है। आखिर जॉर्ज सोरोस कौन हैं और वे भारत में क्यों विवादित हो गए हैं।
 
सोरोस ने वैश्विक स्तर पर लोकतांत्रिक आंदोलनों का समर्थन किया है, उनके आलोचकों का दावा है कि उनकी ओपन सोसाइटी फाउंडेशन ने कई देशों में राजनीतिक अस्थिरता को बढ़ावा दिया है। फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में स्विट्जरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में एक भाषण में सोरोस ने राष्ट्रवाद के प्रसार से निपटने के लिए एक नए यूनिवर्सिटी नेटवर्क को फंडिंग करने के लिए 1 अरब डॉलर देने का एलान किया था। उन्होंने मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आलोचना भी की थी। ALSO READ: जॉर्ज सोरोस और नेहरू-गांधी परिवार के बीच है गहरा संबंध, BJP ने कांग्रेस पर बोला हमला
 
ग्लोबल करेंसी मैनिपुलेशन : इसके अलावा सोरोस पर ग्लोबल करेंसी मैनिपुलेशन के आरोप हैं। कहा जाता है कि सोरोस की वजह से 1997 में एशिया के कुछ देशों में वित्तीय संकट खड़ा हो गया था। उन पर मलेशिया और थाइलैंड की करेंसी से छेड़छाड़ करने के आरोप लगे हैं। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट बताती है कि इस करेंसी मैनिपुलेशन की वजह से कई एशियाई देशों में सत्ता बदल गई। साउथ कोरिया में पहली बार किसी किसी विपक्षी उम्मीदवार ने राष्ट्रपति चुनाव जीता था। इंडोनेशिया में तीन दशकों की आर्थिक वृद्धि के बावजूद सुहार्तो को सत्ता गंवानी पड़ी थी। 
 
यूके में सोरोस को बैंक ऑफ इंग्लैंड को 'बर्बाद' करने वाले व्यक्ति के रूप में जाना जाता है। कथित रूप से सोरोस ने पहले पाउंड उधार लिए और फिर उन्हें बेच दिया। इससे यूके की करेंसी कमजोर हो गई थी, इस पूरे लेन-देन से सोरोस को कथित तौर पर एक अरब डॉलर का मुनाफा हुआ था।  ALSO READ: जॉर्ज सोरोस का तीर कांग्रेस ने अब भाजपा पर छोड़ा, क्या है BJP का सोरोस कनेक्शन
 
यह भी हैं सोरोस पर आरोप : सोरोस ने अरब स्प्रिंग के पीछे स्थानीय संगठनों को फंडिंग की थी। 2011 में मध्य पूर्व के कई मुल्कों में विद्रोह की लहर उठी थी, जिनमें ट्यूनीशिया और मिस्र जैसे देशों में तख्तापलट हो गया था। सोरोस पर यह भी आरोप हैं कि उन्होंने पूर्व सोवियत संघ और मध्य एशिया में रंगीन क्रांतियों (Colourful Revolutions) को प्रोत्साहित किया। उन पर यह भी आरोप लगाया जाता है कि वे अपने एजेंडे को लागू करने के लिए वैश्विक मीडिया और संस्थानों पर वित्तीय प्रभाव डालते हैं।
 
भारत में क्यों विवादित हैं सोरोस : इस समय गांधी-नेहरू परिवार और जॉर्ज सोरोस के संबंधों के मामले को सत्ता पक्ष लगातार संसद में उठा रहा है। हालांकि कांग्रेस ने भाजपा पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा के नेताओं के परिवार भी सोरोस की संस्थाओं के लाभार्थी रहे हैं। इसके अलावा भी सोरोस का कई मामलों में नाम आ चुका है। 2020 में किसान आंदोलन के दौरान सोरोस ने भारत में किसानों के विरोध प्रदर्शन को लोकतांत्रिक संघर्ष बताया था और मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए थे। उनके इस बयान ने भारतीय राजनीति में हलचल मचा दी थी। 
 
अदाणी मामले में अमेरिकी एजेंसियों की जांच के बीच, सोरोस ने टिप्पणी की कि यह घटना भारत में लोकतंत्र की स्थिति पर असर डाल सकती है। उनके इस बयान को भाजपा ने भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप बताया है। सोरोस ने भारत में धार्मिक असहिष्णुता और हिंदुत्व की राजनीति पर चिंता व्यक्त कर चुके हैं। इसे लेकर वे दक्षिणपंथी समूहों के निशाने पर हैं। ALSO READ: मोदी-अडानी की काट बनेगा राहुल-जॉर्ज सोरोस का मुद्दा, भाजपा ने सोनिया गांधी को भी घेरा?
 
कौन हैं जॉर्ज सोरोस : 1930 में हंगरी में जन्मे जॉर्ज सोरोस एक यहूदी परिवार से आते हैं। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान उनका परिवार नाजी उत्पीड़न से बचने में सफल रहा। 1947 में वे लंदन पहुंचे और कड़ी मेहनत के बाद लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई पूरी की। 1956 में अमेरिका जाकर उन्होंने वित्त और निवेश की दुनिया में कदम रखा और 1970 में अपना हेज फंड, सोरोस फंड मैनेजमेंट स्थापित किया। वे दुनिया के सबसे सफल निवेशकों में गिने जाते हैं। उनकी संपत्ति का बड़ा हिस्सा उनकी परोपकारी संस्था ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के माध्यम से लोकतंत्र, मानवाधिकार और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए उपयोग किया जाता है।
 
तीन शादियां कीं, किताबें भी लिखीं : जॉर्ज सोरोस ने तीन शादियां की हैं। 1960 में उन्होंने एनालिसे विश्चेक से शादी की थी। एनालिसे जर्मनी की प्रवासी थीं, सोरोस और एनालिसे के तीन बच्चे हैं। ये शादी ज्यादा नहीं चली और एनालिसे से तलाक के बाद 1983 में जॉर्ज सोरोस ने सेन वीबर से शादी की। इनसे उन्हें दो बच्चे हुए। 2005 में सोरोस और सुसेन के तलाक के बाद  सोरोस ने  जापानी अमेरीकी महिला तामिको बोल्टन से तीसरी शादी कर ली। सोरोस की अपनी वेबसाइट के मुताबिक उन्होंने 15 किताबें लिखीं। जिसमें ओपन सोसाइटी, डिफेंडिंग द ओपन सोसाइटी, ओपनिंग द सोवियत सिस्टम, द क्राइसिस ऑफ ग्लोबल केपिटलिज्म : ओपन सोसाइटी एंडेजर्ड शामिल हैं। 
ये भी पढ़ें
ओडिशा के सुंदरगढ़ में बदमाशों ने गर्भवती महिला की गोली मारकर हत्या की