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Last Updated : शनिवार, 9 जुलाई 2022 (22:10 IST)

Amaranth Yatra : हादसे के बाद बाबा बर्फानी के दर्शन किए बिना ही लौट रहे कई श्रद्धालु

Amaranth Yatra : हादसे के बाद बाबा बर्फानी के दर्शन किए बिना ही लौट रहे कई श्रद्धालु - Many pilgrims returning without seeing Baba Amarnath after the accident
बालटाल (जम्मू कश्मीर)। अमरनाथ की पवित्र गुफा में दर्शन करने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे कुछ श्रद्धालुओं के लिए यह 'बिलकुल नजदीक फिर भी दूर' का मामला हो गया, क्योंकि बादल फटने से आई बाढ़ अपने रास्ते में आई हर चीज बहा ले गई। लेकिन इन तीर्थयात्रियों को दक्षिण कश्मीर हिमालय में स्थित बाबा बर्फानी के दर्शन किए बिना ही लौटना पड़ा।

पवित्र गुफा के बाहर बने आधार शिविर तक तीर्थयात्री पहुंच गए थे और शुक्रवार को संध्या आरती के दर्शन के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे, लेकिन शाम साढ़े पांच बजे बादल फट गया। पटना से आए शुभम वर्मा ने बताया, केवल एक व्यक्ति दर्शन कर सका। हम गुफा के बाहर एक टेंट में खड़े थे, इसलिए मैं दर्शन नहीं कर सका। जब पानी आया तब अफरातफरी फैल गई, भूस्खलन हुआ और हम बाहर आ गए।

वर्मा और उनके साथ आए लोग जब टेंट से बाहर निकले तब वहां एक भूस्खलन आ चुका था। उन्होंने कहा, दो मिनट पहले हम वहां से हटे थे जिसके बाद भूस्खलन आया, लेकिन हम बच गए। सामान का नुकसान होने का हमें दुख नहीं है।

एक अन्य तीर्थयात्री राजन सोनी ने कहा कि बचावकर्ताओं ने शिविर से निकलकर सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए उन्हें बेहद कम समय दिया। सोनी ने कहा, हम खुद को संभालते या दूसरों को। हमने अपना सामान वहीं छोड़ दिया। जब हम वापस आए तब सेना के कर्मियों ने कहा कि वहां कुछ नहीं है। सेना ने हमसे कहा कि 20 मिनट में निकलें और सुरक्षित जगह पर पहुंचें। इसलिए हम सुरक्षित स्थान पर चले गए।

श्रद्धालुओं का समूह दर्शन किए बिना लौट रहा है और अगले साल वापस आने के लिए संकल्पित है। कई श्रद्धालुओं ने एक सुर में कहा, हम दर्शन किए बिना घर जा रहे हैं लेकिन जरूर वापस आएंगे। बादल फटने और भूस्खलन होने से कम से कम 16 लोगों की मौत हुई है और कई अन्य घायल हुए हैं, जबकि बहुत से लोग लापता हैं।

पहलगाम और बालटाल के रास्ते से 15 हजार से ज्यादा श्रद्धालु कठिन यात्रा कर 3880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र गुफा के दर्शन करने जा रहे थे, लेकिन अब सभी को आधार शिविर लौटने को कहा गया है। सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस के कर्मी बचाव एवं राहत कार्य चला रहे हैं।(भाषा) 
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