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Written By Author सुरेश एस डुग्गर
Last Updated : सोमवार, 12 दिसंबर 2022 (18:52 IST)

नए साल में वैष्णोदेवी जा रहे हैं तो इस बात का रखें खयाल, अन्यथा बढ़ सकती है मुसीबत

नए साल में वैष्णोदेवी जा रहे हैं तो इस बात का रखें खयाल, अन्यथा बढ़ सकती है मुसीबत - Keep this thing in mind before Vaishnodevi in the new year
जम्मू। अगर आप नववर्ष मनाने के लिए वैष्णोदेवी की यात्रा पर आ रहे हैं तो पहले रहने की व्यवस्था जरूर कर लें वरना भटकना पड़ेगा। ऐसा इसलिए है, क्योंकि वैष्णोदेवी में नववर्ष मनाने की चाहत रखने वालों ने पहले ही जो बुकिंग करवा ली हुई है,  नववर्ष पर नगर के सभी होटल व गेस्ट हाउस भरे रहेंगे।
 
माता वैष्णोदेवी श्राइन बोर्ड से मिली जानकारी के अनुसार 28 दिसंबर से लेकर अगले साल के पहले हफ्ते तक न ही वैष्णोदेवी भवन में कोई कमरा आपको खाली मिलेगा और न ही कटड़ा के बेस कैम्प में व हॉल भी उपलब्ध नहीं है।
 
माता वैष्णोदेवी श्राइन बोर्ड से मिली जानकारी के अनुसार 28 दिसंबर से 5 जनवरी तक वैष्णोदेवी भवन पर कोई भी कमरा व हॉल उपलब्ध नहीं है। इसी तरह कटड़ा होटल व रेस्टॉरेंट एसोसिएशन के प्रधान ने बताया कि नववर्ष के आगमन को लेकर होटल व गेस्ट हाउसों में एडवांस बुकिंग जोरों पर है। नववर्ष पर नगर के सभी होटल व गेस्ट हाउस भरे रहेंगे।
 
गौरतलब है कि आधार शिविर कटड़ा में सामान्य से लेकर 5 सितारा तक करीब 200 होटल सहित करीब 350 गेस्ट हाउस हैं। बोर्ड प्रशासन का आधार शिविर कटड़ा में निहारिका कॉम्प्लेक्स व त्रिकुटा भवन भी है। इसी तरह पर्यटन विभाग द्वारा भी पर्यटन केंद्र सहित यात्री निवास यात्रियों के लिए बनाए गए हैं। कुल मिलाकर कटड़ा में 45 से 55 हजार श्रद्धालुओं के रुकने की व्यवस्था है।
 
जहां एक ओर वैष्णोदेवी भवन पर सभी कमरे भरे हुए हैं, वहीं मां वैष्णोदेवी की दिव्य आरती व प्राचीन गुफा के समक्ष अटका आरती की भी अग्रिम बुकिंग हो चुकी है। श्रद्धालुओं की उमड़ने वाली भारी भीड़ को लेकर बोर्ड प्रशासन ने वैष्णोदेवी भवन व आधार शिविर कटड़ा में उनकी सुविधा के लिए तैयारी शुरू कर दी है।
 
दरअसल, नववर्ष को लेकर हर श्रद्धालु चाहता है कि उसे भवन पर रहने की व्यवस्था मिले, लेकिन सीमित जगह होने के कारण सभी श्रद्धालुओं का भवन पर रहना संभव नहीं है। वहीं कड़ाके की ठंड के चलते माता वैष्णोदेवी श्राइन बोर्ड ने जगह-जगह गर्म पानी, कंबल व अंगीठी का इंतजाम किया है। वैष्णोदेवी यात्रा का इतिहास देखा जाए तो पूरे साल में 31 दिसंबर को ही सर्वाधिक यात्रा का आंकड़ा दर्ज किया जाता है। साल के अंतिम दिन करीब 50 से 60 हजार श्रद्धालु मां वैष्णोदेवी के दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
 
Edited by: Ravindra Gupta
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