शुक्रवार, 29 मार्च 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Karnataka, hijab controversy, hijab issue, karnataka english teacher
Written By
Last Updated : शुक्रवार, 18 फ़रवरी 2022 (15:19 IST)

Hijab Controversy: कर्नाटक में अंग्रेजी की इस लेक्चरर ने आखि‍र क्‍यों दे दिया इस्तीफा?

Hijab Controversy: कर्नाटक में अंग्रेजी की इस लेक्चरर ने आखि‍र क्‍यों दे दिया इस्तीफा? - Karnataka, hijab controversy, hijab issue, karnataka english teacher
कर्नाटक में हिजाब मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब एक कॉलेज की टीचर ने हिजाब मामले में अपनी प्रतिक्र‍िया से लोगों को चौंका दिया है।

दरअसल, कर्नाटक में एक कॉलेज की टीचर ने हिजाब विवाद को लेकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने नौकरी से इस्तीफा देते समय कहा कि वह हिजाब को हटाने में सहज नहीं थीं। जैन पीयू कॉलेज में अंग्रेजी की लेक्चरर चांदिनी नाज ने इसे लेकर 16 फरवरी को पत्र लिखा।
नाज ने अपने पत्र में लिखा,

मैं अंग्रेजी के लेक्चरर के अपने पद से इस्तीफा दे रही हूं, क्योंकि आपने मुझसे मेरा हिजाब हटाने की मांग की, जो मैं आपके कॉलेज में 3 साल पहन रही हूं। धर्म का अधिकार एक संवैधानिक अधिकार है, जिसे कोई भी नकार नहीं सकता। धन्यवाद। मैं आपके अलोकतांत्रिक कृत्य (एसआईसी) की निंदा करती हूं

कॉलेज की प्रिंसिपल मंजूनाथ ने बताया, "वह (नाज) पार्ट-टाइम लेक्चरर हैं और हिजाब पहनकर क्लास में आती थीं। कर्नाटक हाई कोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद, हमने उन्हें स्टाफ रूम में हिजाब हटाने और कक्षा में जाने के लिए कहा, लेकिन वह इसके लिए तैयार नहीं हुईं। इसलिए उन्होंने इस्तीफा दे दिया।"

कर्नाटक हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश उन कॉलेजों के शिक्षकों या छात्रों पर लागू नहीं होता, जिनके पास तय यूनिफॉर्म नहीं है। मंजूनाथ ने कहा, "हम एक निजी कॉलेज हैं।

प्रबंधन जो भी कहे, हमें उसका पालन करना होगा। हम चिंतित थे कि अगर टीचर को हिजाब पहनने और पढ़ाने की अनुमति दी जाती है तो मुस्लिम स्टूडेंट्स भी इसका पालन कर सकते हैं। अब तक, कॉलेज में किसी भी छात्रा को हिजाब पहनने की अनुमति नहीं है।"

28 फरवरी तक धारा 144
मामला बढ़ता देख बेंगलुरु जिला प्रशासन ने 28 फरवरी तक कई इलाकों में धारा 144 बढ़ा दी है। जिला प्रशासन के मुताबिक, हिजाब समर्थक और हिजाब विरोधी प्रदर्शनों की अनुमति नहीं होगी। नारे, गाने और भाषणों को भड़काना सख्त रूप से वर्जित है। खुले स्थानों में 300 से अधिक और बंद स्थानों में 200 लोगों के साथ विवाह समारोह भी प्रतिबंधित हैं।
ये भी पढ़ें
यूक्रेन संकट पर भारत के रुख से रूस खुश, क्यों चिंतित है पश्चिमी देश...