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Last Modified: शुक्रवार, 22 अप्रैल 2022 (23:15 IST)

जॉनसन करेंगे माल्या, मोदी की वापसी में मदद, बोले- हम ऐसे लोगों का स्वागत नहीं करते

जॉनसन करेंगे माल्या, मोदी की वापसी में मदद, बोले- हम ऐसे लोगों का स्वागत नहीं करते - Johnson will help in the return of Mallya and Modi
नई दिल्ली। भारत ने शुक्रवार को ब्रिटेन से कहा कि आर्थिक मामलों में भगोड़ों को वापस लाना और उन्हें न्याय के कटघरे में खड़ा करना सरकार की ‘उच्च प्राथमिकता’ है। वहीं, ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने संकेत दिया कि वह इन चिंताओं को लेकर संवेदनशील हैं।
 
जॉनसन ने कहा कि ब्रिटेन ऐसे लोगों का स्वागत नहीं करता है जो भारतीय कानून से बचने के लिए उसकी कानूनी प्रणाली का इस्तेमाल करना चाहते हैं। गौरतलब है कि भारत ब्रिटेन से विजय माल्या और नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को लेकर दबाव देता रहा है ताकि वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़े मामले में कथित संलिप्तता को लेकर उनके खिलाफ सुनवाई हो सके।
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ समग्र वार्ता के बाद जॉनसन ने कहा कि ब्रिटेन की सरकार ने उनके प्रत्यर्पण का आदेश दिया है और इसमें कुछ कानूनी तकनीकी पक्ष हैं जिससे यह काफी कठिन बन गया है।
 
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने कहा कि हम ऐसे लोगों का स्वागत नहीं करते हैं जो भारतीय कानून से बचने के लिए उसकी कानूनी प्रणाली का इस्तेमाल करना चाहते हैं। मोदी और जॉनसन की वार्ता के बाद विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने कहा कि भारत का मकसद आर्थिक भगोड़ों को वापस लाना है, जो देश में न्याय को लेकर वांछित हैं और यह विषय दोनों नेताओं की बातचीत के दौरान उठा।
 
श्रृंगला ने कहा कि आर्थिक भगोड़ों के मुद्दे पर आपको मालूम है कि पिछले कुछ समय से हम ब्रिटेन के समक्ष कई स्तरों पर इस मामले को उठाते रहे हैं। हमारा मकसद आर्थिक भगोड़ों को वापस लाना है जो देश में न्याय को लेकर वांछित हैं। यह विषय आज चर्चा में उठा। उन्होंने कहा कि भारतीय पक्ष ने बताया कि यह विषय उच्च प्राथमिकता का है।
 
विदेश सचिव ने कहा कि हमारी ओर से उठाये गए विषय पर जॉनसन ने संज्ञान लिया और कहा कि वह भारतीय चिंताओं को लेकर संवेदनशील हैं और देखेंगे कि वह क्या कर सकते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या वार्ता के दौरान खालिस्तानी तत्वों से जुड़ा मुद्दा उठा, श्रृंगला ने कहा कि खालिस्तानी भारत विरोधी कार्यकर्ताओं का मुद्दा उठा जो हमारे लोकतंत्रों द्वारा प्रदत्त स्वतंत्रता का फायदा उठाते हैं और इस विषय को प्रधानमंत्री जॉनसन से ध्यानपूर्वक सुना।
 
श्रृंगला के अनुसार, जॉनसन ने कहा कि वह हमारी चिंताओं को लेकर संवेदनशील हैं और ऐसे लोगों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाता जो ऐसे मुद्दे खड़ा करते हैं जिससे दो देशों के संबंधों पर असर पड़ सकता है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री जॉनसन ने कहा कि ब्रिटेन अपने देश में सक्रिय और किसी दूसरे देश को निशाना बनाने वाले कट्टरपंथी समूहों को बर्दाश्त नहीं करता है।
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