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Last Modified: शुक्रवार, 25 जुलाई 2025 (23:17 IST)

भारत देगा मालदीव को 4850 करोड़ का कर्ज, मोदी ने कहा- भारत मालदीव संबंधों की जड़ें सागर जितनी गहरी

Narendra Modi Maldives visit
Narendra Modi Maldives visit: भारत ने शुक्रवार को मालदीव के लिए 4 हजार 850 करोड़ रुपए की ऋण सुविधा देने की घोषणा की और जल्द ही एक मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने पर सहमति व्यक्त की। साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत को मालदीव का ‘सबसे भरोसेमंद’ मित्र होने पर गर्व है। दो दिवसीय यात्रा पर माले पहुंचने के कुछ घंटों बाद प्रधानमंत्री मोदी ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के साथ व्यापार, रक्षा और समुद्री सुरक्षा समेत कई प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने के लिए व्यापक वार्ता की।
 
6 समझौतों पर हस्ताक्षर : दोनों पक्षों ने मत्स्य पालन और कृषि, मौसम विज्ञान, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, यूपीआई, भारतीय फार्माकोपिया और द्वीप राष्ट्र को भारत की रियायती ऋण सुविधा के क्षेत्र में छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए। मोदी ने अपने मीडिया वक्तव्य में कहा कि हमारे लिए सदैव मित्रता सर्वप्रथम है। उन्होंने कहा कि हमारे संबंधों की जड़ें इतिहास से भी पुरानी हैं तथा सागर जितनी गहरी हैं। द्विपक्षीय संबंधों में यह बदलाव इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि चीन के करीबी माने जाने वाले मुइज्जू नवंबर 2023 में ‘इंडिया आउट’ अभियान के बल पर द्वीपीय राष्ट्र की सत्ता में आए हैं।
 
प्रधानमंत्री ने संबंधों के लिए अपने दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत-मालदीव मित्रता किसी भी परिस्थिति में हमेशा ‘उज्ज्वल और स्पष्ट’ बनी रहेगी। मोदी ने कहा कि हमारी विकास साझेदारी को नई गति देने के लिए हमने मालदीव को 56.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर (4850 करोड़ रुपए) की ऋण सहायता देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि इस राशि का उपयोग मालदीव में बुनियादी ढांचे के विकास से संबंधित परियोजनाओं के लिए, देश के लोगों की प्राथमिकताओं के अनुसार किया जाएगा।
 
चीन पर भी चर्चा की संभावना : विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि वार्ता के बाद हुए एक महत्वपूर्ण समझौते से मालदीव की भारत को वार्षिक ऋण अदायगी में 40 प्रतिशत की कमी आएगी। ऐसा माना जा रहा है कि दोनों पक्षों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में चीन के बढ़ते आक्रामक व्यवहार और क्षेत्रीय सुरक्षा पर इसके प्रभाव पर चर्चा हुई। इस सवाल पर कि क्या क्षेत्र में चीन की गतिविधियों पर चिंताएं वार्ता में शामिल हुईं, मिसरी ने केवल इतना कहा कि भारत मालदीव के साथ ऐसे किसी भी मुद्दे पर मिलकर काम करना जारी रखेगा जो न केवल हमारी सुरक्षा बल्कि क्षेत्र की साझा सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है।
 
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों पक्ष जल्द ही द्विपक्षीय निवेश संधि को अंतिम रूप देने की दिशा में काम करेंगे और मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत पहले ही शुरू हो चुकी है। मोदी और मुइज्जू ने संयुक्त रूप से भारत द्वारा सहायता प्राप्त कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जिनमें माले में रक्षा मंत्रालय का नया भवन, अड्डू शहर में सड़कें और जल निकासी व्यवस्थाएं और हुलहुमाले में 3300 आवास इकाइयां शामिल हैं।
 
प्रधानमंत्री ने मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल के इस्तेमाल के लिए 72 वाहन और उपकरण भी सौंपे। मोदी ने कहा कि रक्षा मंत्रालय का भवन विश्वास की ठोस इमारत है और यह हमारी मजबूत साझेदारी का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भारत मालदीव को उसकी रक्षा क्षमताओं के विकास में सहयोग देना जारी रखेगा। हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि हमारा साझा लक्ष्य है। यह टिप्पणी मालदीव पर अपना प्रभाव बढ़ाने के चीन के प्रयासों को लेकर नई दिल्ली की चिंताओं की पृष्ठभूमि में आई है।
 
भारत के लिए मालदीव अहम : प्रधानमंत्री ने कहा कि मालदीव भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति और महासागर (क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति) दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उन्होंने कहा कि रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में आपसी सहयोग आपसी विश्वास का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा मालदीव की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में उसका समर्थन करेगा। मोदी ने कहा कि भारत को मालदीव का सबसे भरोसेमंद दोस्त होने पर भी गर्व है। चाहे कोई आपदा हो या महामारी, भारत हमेशा ‘सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाले’ के रूप में खड़ा रहा है।
 
प्रधानमंत्री ने पिछले वर्ष अक्टूबर में मुइज्जू की नयी दिल्ली यात्रा के दौरान भारत और मालदीव द्वारा व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी के लिए एक दृष्टिकोण प्रस्तुत किए जाने का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि अब यह वास्तविकता बन रही है। और इसके परिणामस्वरूप, हमारे संबंध नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। मोदी ने मालदीव में भारत की यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) प्रणाली की कार्यप्रणाली पर भी प्रकाश डाला।
 
उन्होंने कहा कि मालदीव में जिस गति से यूपीआई को बढ़ावा दिया जा रहा है, उससे पर्यटन और खुदरा क्षेत्र दोनों को बढ़ावा मिलेगा। मोदी ने कहा कि हमने अपनी आर्थिक साझेदारी को गति देने के लिए कई कदम उठाए हैं। आपसी निवेश में तेजी लाने के लिए, हम जल्द ही द्विपक्षीय निवेश संधि को अंतिम रूप देने की दिशा में काम करेंगे। मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत भी शुरू हो गई है। दोनों नेताओं ने भारत-मालदीव राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ के मौके पर एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया। (भाषा/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
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