क्या Corona Vaccination से बढ़ रहा युवाओं में मौत का खतरा, संसद में स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने दिया यह बयान
Union Health Minister JP Nadda News : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को लोकसभा को बताया कि आईसीएमआर के एक अध्ययन में पाया गया है कि कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 टीकाकरण से भारतीय युवाओं में अचानक मौत होने का जोखिम नहीं बढ़ा है। इसमें कहा गया कि कोविड के दौरान अस्पताल में भर्ती होने, अचानक मृत्यु के पारिवारिक इतिहास और कुछ जीवनशैली संबंधी आदतों के कारण अचानक मृत्यु की आशंका बढ़ गई। नड्डा ने कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने बताया है कि उसने और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) ने अचानक मृत्यु के कारणों की जांच के लिए दो दृष्टिकोणों पर विचार किया।
नड्डा ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने बताया है कि उसने और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) ने अचानक मृत्यु के कारणों की जांच के लिए दो दृष्टिकोणों पर विचार किया। उन्होंने कहा कि पहला दृष्टिकोण अचानक मृत्यु से जुड़े जोखिम कारकों का पता लगाने के लिए एक पूर्वव्यापी केस-कंट्रोल अध्ययन था और अध्ययन का दूसरा दृष्टिकोण वर्चुअल ऑटोप्सी पद्धति का उपयोग करके युवाओं में अचानक मृत्यु की पूर्वव्यापी जांच करना था।
आईसीएमआर-राष्ट्रीय महामारी विज्ञान संस्थान (एनआईई) ने मई-अगस्त 2023 के दौरान 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित 47 तृतीयक देखभाल अस्पतालों में भारत में 18-45 वर्ष की उम्र के वयस्कों में अकारण अचानक मृत्यु से जुड़े कारकों का अध्ययन किया।
नड्डा ने बताया कि ये मामले स्पष्ट रूप से स्वस्थ व्यक्तियों के थे, जिनमें कोई ज्ञात गंभीर बीमारी नहीं थी और जिनकी 1 अक्टूबर, 2021 से 31 मार्च, 2023 के दौरान अचानक (अस्पताल में भर्ती होने के 24 घंटे से कम समय में मौत या जो मृत्यु से 24 घंटे पहले स्पष्ट रूप से स्वस्थ दिखे) अस्पष्ट कारणों से मृत्यु हो गई।
उन्होंने बताया कि मामलों या जिन नियंत्रण समूहों का साक्षात्कार किया गया, उनमें कोविड-19 टीकाकरण/संक्रमण, कोविड के बाद की स्थितियां, अचानक मृत्यु का पारिवारिक इतिहास, धूम्रपान, शराब की आवृत्ति, अत्यधिक शराब पीने और मृत्यु से दो दिन पहले अत्यधिक तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि के बारे में जानकारी एकत्र की गई। विश्लेषण में कुल 729 आकस्मिक मृत्यु के मामले और 2916 नियंत्रण (कंट्रोल) शामिल किए गए।
नड्डा ने बताया कि यह देखा गया कि कोविड टीके की दो खुराक लेने से अस्पष्ट आकस्मिक मृत्यु की संभावना काफी कम हो गई। उन्होंने कहा, इसलिए, अध्ययन में पाया गया कि कोविड-19 टीकाकरण से भारत में युवाओं में अस्पष्ट कारणों से आकस्मिक मृत्यु का जोखिम नहीं बढ़ा। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली द्वारा आईसीएमआर के सहयोग से और वित्त पोषण के साथ किए गए दूसरे अध्ययन का उद्देश्य युवाओं में अचानक मृत्यु के सामान्य कारणों का पता लगाना है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour