जयललिता, शशिकला के बैंक खाते बढ़ते गए
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वर्ष 1991 और 1995 के बीच जे जयललिता और वी के शशिकला के 50 बैंक खातों का तेजी से बढ़ना निचली अदालत के निष्कर्षों को विश्वसनीयता देता है।
न्यायालय ने कहा कि इन खातों का इस्तेमाल उनके बिना हिसाब के रकम का अंतरण करने में किया गया। शीर्ष अदालत ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों को दोषी ठहराया है। न्यायालय ने निचली अदालत के निष्कर्षों का उल्लेख किया और कहा कि मामले में प्रतिवादी उनके बैंक खातों में बड़ी मात्रा में धन जमा होने के संबंध में संतोषजनक उत्तर देने में विफल रहे।
न्यायमूर्ति पी सी घोष और न्यायमूर्ति अमिताभ रॉय की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि निचली अदालत ने जांच की अवधि की शुरुआत के दौरान गौर किया था कि प्रारंभ में जयललिता और शशिकला के नाम पर बमुश्किल 10 से 12 बैंक खाते थे लेकिन उसके बाद बढ़कर 50 खाते हो गए। अदालत ने कहा कि खाते में विभिन्न प्रविष्टियों के जरिए जमा और निकासी एक ही कोष से धन के लेन-देन के गुणन का संकेत देती है। (भाषा)