मंगलवार, 17 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. India became the largest exporter of fuel
Last Updated :नई दिल्ली , रविवार, 10 नवंबर 2024 (14:57 IST)

भारत दे रहा EU को सबसे ज्‍यादा ईंधन, जानिए क्‍या है रूस से कनेक्‍शन

भारत दे रहा EU को सबसे ज्‍यादा ईंधन, जानिए क्‍या है रूस से कनेक्‍शन - India became the largest exporter of fuel
Fuel export Case : वर्ष 2024 की पहली 3 तिमाहियों में भारत से यूरोपीय संघ को डीजल जैसे ईंधन का निर्यात 58 प्रतिशत बढ़ गया। ऐसे में माना जा रहा है कि इसमें रूस से आने वाले कच्चे तेल की बड़ी हिस्सेदारी है, जिसे परिष्कृत करके यूरोप भेजा जा रहा है।
 
एक मासिक निगरानी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। ऐसे में माना जा रहा है कि इसमें रूस से आने वाले कच्चे तेल की बड़ी हिस्सेदारी है, जिसे परिष्कृत करके यूरोप भेजा जा रहा है। दिसंबर 2022 में यूरोपीय संघ और जी7 देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाते हुए उसके कच्चे तेल के आयात पर मूल्य सीमा और प्रतिबंध लगा दिया था।
हालांकि रूस के कच्चे तेल से बने परिष्कृत ईंधन पर नीति में स्पष्टता की कमी का मतलब था कि प्रतिबंध नहीं लगाने वाले देश बड़ी मात्रा में रूसी कच्चे तेल का आयात कर सकते हैं और उन्हें परिष्कृत उत्पादों में बदलकर प्रतिबंध लगाने वाले देशों को कानूनी रूप से निर्यात कर सकते हैं।
 
रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद भारत रूसी कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार बन गया है। देश का रूस से आयात यूक्रेन युद्ध से पहले कुल आयातित तेल के एक प्रतिशत से भी कम था और युद्ध के बाद खरीद बढ़कर लगभग 40 प्रतिशत हो गई है।
 
ऊर्जा और स्वच्छ वायु पर शोध केंद्र (सीआरईए) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि शोधन नियमों में खामियों का लाभ उठाते हुए, भारत अब यूरोपीय संघ को तेल उत्पादों का सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है। रिपोर्ट के मुताबिक 2024 की पहली तीन तिमाहियों में जामनगर, वडिनार (गुजरात) और मैंगलोर रिफाइनरी से यूरोपीय संघ को निर्यात सालाना आधार पर 58 प्रतिशत बढ़ा।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की जामनगर में तेल रिफाइनरियां हैं, जबकि रूस की रोसनेफ्ट समर्थित नायरा एनर्जी की वडिनार में एक इकाई है। मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (एमआरपीएल) सरकारी स्वामित्व वाली ओएनजीसी की सहायक कंपनी है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour
ये भी पढ़ें
कश्मीर में बढ़ा आधुनिक हीटिंग उपकरणों का प्रचलन, घटी कांगड़ी की मांग