कन्हैया कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज, पटना में एम्स के डॉक्टरों पर हमले का आरोप
पटना। जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के खिलाफ पटना स्थित एम्स में एक जूनियर डॉक्टर और एक सुरक्षा गार्ड पर हमले के आरोप में सोमवार को फुलवारीशरीफ थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद सहित अन्य दलों ने इस घटना की निंदा की है।
फुलवारीशरीफ थानाध्यक्ष मोहम्मद कैसर आलम ने बताया कि पटना एम्स चिकित्सक संघ द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि कन्हैया रविवार रात्रि अपने 100 अन्य समर्थकों के साथ उक्त अस्पताल में भर्ती अपने एक पुराने सहयोगी से मिलने पहुंचे। इतने लोगों को लेकर भीतर जाने से रोके जाने पर उन्होंने एक इंटर्न डॉक्टर और एक सुरक्षा गार्ड की पिटाई कर दी।
उन्होंने बताया कि प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि कन्हैया और उनके समर्थकों ने डॉक्टर का मोबाइल फोन भी छीन लिया। इस वारदात को लेकर नाराज डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि यदि पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई और कन्हैया के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कन्हैया द्वारा कथित तौर पर मारपीट किए जाने की निंदा करते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि कन्हैया का यह आचरण न सिर्फ निंदनीय है, बल्कि गुंडागर्दी की पराकाष्ठा है। पांडेय ने आरोप लगाया कि कन्हैया प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद के इशारे पर राज्य में माहौल खराब कर रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार उनसे सख्ती से निपटेगी।
उन्होंने कहा कि कन्हैया की इस हरकत से न सिर्फ एम्स की व्यवस्था पर असर पड़ा है, बल्कि डॉक्टरों में भी रोष है। पांडेय ने कहा कि कन्हैया राज्य में नेता के तौर पर प्रोजेक्ट होने का असफल प्रयास कर रहे हैं। विपक्ष ऐसी मानसिकता वाले लोगों को बतौर बिहार से चुनाव लड़ाने की फिराक में है, लेकिन राज्य की जनता ऐसे लोगों को जगह देने वाली नहीं है।
उन्होंने कहा कि राज्य में विधि व्यवस्था को बिगाड़ने की छूट किसी को नहीं दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि जैसे ही कन्हैया को घटना के समय पता चला कि पुलिस आने वाली है तो वह वहां से भाग निकले, नहीं तो वह गिरफ्तार कर लिए जाते। पांडेय ने कहा कि कन्हैया जिन्हें अपने साथ एम्स लेकर गए थे उनका नाम-पता भी कन्हैया को बताना होगा।
उन्होंने कहा कि राज्य में सुशासन का राज है, लेकिन कन्हैया जैसे तथाकथित नेता अस्पताल में उपद्रव फैलाकर विधि-व्यवस्था में खलल डाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के लिए जेल ही एकमात्र जगह है, जहां वे अपनी गलती का पश्चाताप कर सकें। सरकार एम्स में हुई इस घटना को लेकर गंभीर है और ऐसे उद्दंड लोगों से निपटने में सक्षम है। (भाषा)