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Last Modified: गुरुवार, 3 नवंबर 2022 (20:46 IST)

सांसों का संकट! दिल्ली NCR में डीजल वाहनों पर प्रतिबंध

सांसों का संकट! दिल्ली NCR में डीजल वाहनों पर प्रतिबंध - Diesel vehicles banned in Delhi NCR, poor air quality in delhi
नई दिल्ली। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘अति गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने के करीब है, ऐसे में हालात को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CQM) ने बृहस्पतिवार को दिल्ली और आसपास के एनसीआर जिलों में डीजल से चलने वाले 4 पहिया हल्के मोटर वाहनों (LMV) के चलने और राष्ट्रीय राजधानी में ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया।
 
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के अंतिम चरण के तहत प्रदूषण रोधी उपायों के हिस्से के रूप यह कदम उठाया गया है। सीएक्यूएम द्वारा जारी एक आदेश के मुताबिक, बीएस-6 मानक वाले वाहनों और आवश्यक व आपातकालीन सेवा में इस्तेमाल हो रहे वाहनों को छूट दी गई है।
 
आदेश में कहा गया है कि राज्य सरकार शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने, गैर-आपातकालीन वाणिज्यिक गतिविधियों और ‘सम-विषम’ के आधार पर वाहनों के चलने पर फैसला ले सकती है। केंद्र व राज्य सरकारें घर से काम करने की इजाजत पर फैसला ले सकती हैं।
 
आदेश में कहा गया है कि आवश्यक/आपातकालीन सेवाओं के लिए उपयोग किए जाने वाले वाहनों व बीएस-6 वाहनों को छोड़कर, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और दिल्ली की सीमा से लगे एनसीआर के जिलों में 4 पहिया डीजल एलएमवी के चलने पर प्रतिबंध रहेगा।
 
सीएक्यूएम ने राजधानी में दिल्ली में पंजीकृत डीजल से चलने वाले मध्यम और भारी माल वाहनों पर भी प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया। आवश्यक वस्तुओं को ले जाने और आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले वाहनों को हालांकि छूट दी गई है। इलेक्ट्रिक और सीएनजी से चलने वाले ट्रकों को छोड़कर दिल्ली में अन्य ट्रकों के प्रवेश पर भी प्रतिबंध होगा। आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई कर रहे वाहनों को हालांकि छूट रहेगी।
 
सीएक्यूएम ने क्षेत्र में गैर-स्वच्छ ईंधन पर चलने वाले सभी उद्योगों को बंद करने का भी निर्देश दिया, 'यहां तक ​​कि उन क्षेत्रों में भी जहां पीएनजी का बुनियादी ढांचा और आपूर्ति नहीं है'। दिल्ली में बुधवार को 24 घंटे का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 450 दर्ज किया गया।
 
एक्यूआई अगर 400 से ऊपर हो तो उसे 'गंभीर' माना जाता है और यह स्वस्थ लोगों को प्रभावित कर सकता है तथा मौजूदा बीमारियों से जूझ रहे लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।
 
स्कूल बंद करने पर अलग-अलग राय : दिल्ली में हवा के बद से बदतर होते जाने के बीच कई माता-पिता ने विद्यालय बंद करने के प्रस्ताव का समर्थन किया है, जबकि कई माता-पिता इसके खिलाफ हैं और उन्हें डर है कि कोविड-19 महामारी के कारण पहले से ही प्रभावित पढ़ाई पर एक और मार पड़ सकती है। एनसीपीसीआर ने दिल्ली सरकार से राजधानी में वायु गुणवत्ता के सुधरने तक विद्यालयों को बंद करने के लिए कहा है।
 
कुछ माता-पिता ने दिल्ली सरकार से अनुरोध किया है कि प्रदूषण के मद्देनजर विद्यालय खुलने का समय बढ़ा दिया जाए। दिल्ली अभिभावक संघ (दिल्ली पैरेंट्स एसोसिएशन) प्रमुख अपराजिता गौतम ने कहा कि अधिकतर माता-पिता चाहते हैं कि विद्यालय बंद होने चाहिए क्योंकि बच्चे प्रभावित हो रहे हैं और समय बढ़ाने से भी कोई फायदा नहीं होगा। सरकार को इस बीच प्रदूषण घटाने के लिए कदम उठाना चाहिए। हालांकि, अन्य माता-पिता ने कहा कि विद्यालय बंद होने से बच्चों को समस्या होगी। (एजेंसियां)
Edited by : Vrijendra singh Jhala 
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