सोमवार, 23 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. मंदी की मार झेल रहे बिस्किट से लेकर ऑटो सेक्टर तक की नजर GST काउंसिल की बैठक पर, आज हो सकते हैंं कुछ बड़े ऐलान
Last Updated : शुक्रवार, 20 सितम्बर 2019 (09:12 IST)

मंदी की मार झेल रहे बिस्किट से लेकर ऑटो सेक्टर तक की नजर GST काउंसिल की बैठक पर, आज हो सकते हैंं कुछ बड़े ऐलान

GST Council | मंदी की मार झेल रहे बिस्किट से लेकर ऑटो सेक्टर तक की नजर GST काउंसिल की बैठक पर, आज हो सकते हैंं कुछ बड़े ऐलान
आर्थिक मंदी से जूझ रहे देश के कई बड़े सेक्टरों के लिए आज शुक्रवार का दिन काफी महत्वपूर्ण है। मंदी की चपेट में आए कई सेक्टर, जो पिछले लंबे समय से सरकार की तरफ उम्मीदों से देख रहे हैं, उनकी नजर आज गोवा में होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक पर लगी हुई है। बाजार में फैले सन्नाटे से आर्थिक मंदी की आहट के चलते ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल, बिस्किट और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मंदी से उबारने के लिए जीएसटी काउंसिल कुछ बड़े निर्णय ले सकती है। इसलिए काउंसिल की इस बैठक पर बिस्किट से लेकर डायमंड इंडस्ट्री तक की निगाहें लगी हुई हैं। देश की सबसे बड़ी बिस्किट कंपनी पारले से लेकर गुजरात और महाराष्ट्र का डायमंड उद्योग सरकार से एक सुर में जीएसटी कम करने की मांग कर चुका है।
ऑटो सेक्टर की विशेष नजर : गोवा में होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक पर देश के ऑटो सेक्टर की विशेष निगाह लगी हुई है। भीषण मंदी से जूझ रहे ऑटोमोबाइल उद्योग सरकार से लंबे समय से वाहनों पर लगने वाले 28 फीसदी जीएसटी को कम करके 18 फीसदी करने की मांग कर रहे हैं। पिछले महीने देश में गाड़ियों की बिक्री में रिकॉर्ड गिरावट होने के बाद ऑटो सेक्टर ने सरकार के जीएसटी की दरों को कम करने की मांग की थी। इसके बाद ये कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या ऑटो सेक्टर को मंदी से उबारने के लिए जीएसटी काउंसिल टैक्स में कोई कटौती कर सकती है?
बड़ी राहत की संभावना कम : जीएसटी काउंसिल की इस अहम बैठक से पहले गुरुवार को बिहार के वित्तमंत्री सुशील मोदी के बयान ने ऑटो सेक्टर के लोगों की दिलों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। एक कार्यक्रम में पहुंचे सुशील मोदी ने कहा कि किसी भी सेक्टर से जीएसटी की दरें कम होने की उम्मीदें बहुत कम हैं। उन्होंने कहा कि देश के एक दर्जन राज्यों के वित्तमंत्री से बात हुई है और किसी ने भी भी ऑटो, बिस्किट या मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में जीएसटी की दरें कम करने की सहमति नहीं दी है। उन्होंने कहा कि आम सहमति यह है कि ऑटो सेक्टर में किसी प्रकार की रियायत नहीं दी जाएगी, क्योंकि पहले से ही 45 हजार करोड़ का राजस्व नुकसान है और इसकी भरपाई कौन करेगा?
 
इसके साथ ही जीएसटी काउंसिल की इस बैठक से कोई बड़ी राहत मिलने की संभावना इसलिए भी कम है, क्योंकि सरकार को डर है कि अगर किसी एक सेक्टर में जीएसटी की दरों को कम किया जाता है तो अन्य सेक्टर भी दरें कम करने के लिए दबाव बढ़ा देंगे। ऐसे में अब सबकी निगाहें गोवा में हो रही जीएसटी काउंसिल की बैठक पर लगी हैं कि वह मंदी की चपेट में आई देश की अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के कोई बड़ी घोषणा करती है या धीरे-धीरे इन सेक्टरों पर मंदी की मार और बढ़ती जाएगी?