kargil war: तोलोलिंग व टाइगर हिल की लड़ाई निर्णायक साबित हुई, कारगिल नायकों ने युद्ध की वर्षगांठ पर कहा
26 जुलाई को कारगिल विजय की 25वीं वर्षगांठ
kargil war: सेना में शामिल होने के महज 4 महीने बाद ही युवा लेफ्टिनेंट बलवान सिंह ने कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी घुसपैठियों के हमले में भारतीय सेना की घातक पलटन का नेतृत्व किया और वे 4 जुलाई 1999 को टाइगर हिल पर कब्जा जमाने वाले बहादुर जवानों में से एक थे।
वे अब प्रसिद्ध '18 ग्रेनेडियर्स' के कर्नल हैं। दुश्मन से लड़ते वक्त घायल होने के बावजूद मुकाबला जारी रखने वाले सिंह ने याद किया कि वहां से फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। यह टाइगर हिल पर कब्जे के बाद की जीत थी। उन्हें उनकी बहादुरी के लिए महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था।
'18 ग्रेनेडियर्स' की स्थापना 1976 में हुई और इसने युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस बटालियन को परमवीर चक्र, 2 महावीर चक्र, 6 वीर चक्र, 7 सेना पदक और थल सेनाध्यक्ष से प्रशस्ति पत्र समेत 52 सम्मानों से नवाजा गया है।
बुधवार को कर्नल सिंह तथा बटालियन के कई अन्य कारगिल नायकों ने 'ऑपरेशन विजय' में अपने जांबाजों की वीरता को याद किया। भारतीय सेनाओं के पाकिस्तानी बलों को पीछे हटने के लिए सफलतापूर्वक मजबूर करने के बाद 26 जुलाई 1999 को युद्ध खत्म होने की घोषणा की गई।
ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) कुशाल ठाकुर ने बताया कि 3 जुलाई 1999 की रात को 18 ग्रेनेडियर्स के जवानों ने टाइगर हिल पर कब्जा जमाने के अपने अभियान की शुरुआत की और अगली सुबह तक अपने अभियान में कामयाबी हासिल की। ठाकुर ने तोलोलिंग और टाइगर हिल की अहम लड़ाइयों के दौरान इस बटालियन की कमान संभाली थी।
ब्रिग्रेडियर (सेवानिवृत्त) ठाकुर ने कहा कि 12-13 जून 1999 को हमने तोलोलिंग जीता और यह इस युद्ध में महत्वपूर्ण विजय थी। इसने हमारे सशस्त्र बलों तथा देशवासियों का मनोबल ऊंचा किया और पाकिस्तानी सैनिकों का मनोबल गिराया। एक-एक करके हम मुश्को या बटालिक सेक्टर की चोटियों पर कब्जा करते गए और हमारा अगला लक्ष्य टाइगर हिल था।
उन्होंने कहा कि टाइगर हिल के लिए मेरे पास टोह लेने का पर्याप्त समय था। मेरे पास तोपखाने की बंदूकें, मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर और ऊंचाई पर लड़ने के लिए आवश्यक युद्ध उपकरण थे। तमाम क्षति के बावजूद 18 ग्रेनेडियर्स के हमारे जवानों का मनोबल ऊंचा था और हमारे जांबाज सैनिकों ने टाइगर हिल पर कब्जा जमा लिया, उसकी चोटी पर भारतीय ध्वज फहराया।
26 जुलाई को कारगिल विजय की 25वीं वर्षगांठ : भारतीय सेना 26 जुलाई को कारगिल विजय की 25वीं वर्षगांठ मनाएगी। कारगिल में इस महीने होने वाले मुख्य समारोह से पहले कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। कर्नल सचिन अन्नाराव निम्बालकर को युद्ध के दौरान उनकी वीरता के लिए सेना पदक से सम्मानित किया गया। वे युद्ध के दौरान 18 ग्रेनेडियर्स के कैप्टन के तौर पर काम कर रहे थे तथा उस वक्त करीब 23 वर्ष के थे।
कर्नल निम्बालकर ने भारतीय सेना अकादमी में उनके साथ रहे और टाइगर हिल लड़ाई के नायक कैप्टन मनोज पांडे को उनकी पुण्यतिथि पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि हमारे मन में मिली-जुली भावनाएं हैं। उपलब्धि का एहसास तो है लेकिन इसके लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। आज हम सभी के लिए हमारे नायकों के प्रयासों और बलिदानों को सामूहिक रूप से स्वीकार करने का दिन है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta