बिहार SIR : चुनाव आयोग ने दी बड़ी राहत, 1 माह में जुड़वा सकेंगे वोटर लिस्ट में नाम
Bihar SIR news in hindi : बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं को बड़ी राहत दी है। आयोग ने किसी भी वोटर या राजनीतिक दल को किसी भी पात्र मतदाता का नाम वोटर्स लिस्ट में शामिल करवाने के लिए एक माह का समय दिया है। यह कार्य 1 अगस्त से 1 सितंबर के बीच किया जा सकेगा।
आयोग 1 अगस्त को एसआईआर का प्रथम चरण पूरा होने पर ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी करेगा। यदि प्रारूप वोटर लिस्ट में कोई त्रुटि है तो मतदाता या राजनीतिक दल 1 सितंबर तक उस विधानसभा क्षेत्र के ईआरओ या एईआरओ के समक्ष आपत्ति दर्ज करा सकता है। लिस्ट में पात्र वोटर का नाम नहीं है तो इसे भी दर्ज कराया जा सकता है।
इससे पहले बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं को बड़ी राहत दी है। आयोग ने किसी भी वोटर या राजनीतिक दल को किसी भी पात्र मतदाता का नाम वोटर्स लिस्ट में शामिल करवाने के लिए एक माह का समय दिया है। यह कार्य 1 अगस्त से 1 सितंबर के बीच किया जा सकेगा।
क्या बोले ज्ञानेश कुमार : बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने गुरुवार को कहा कि आयोग किसी प्रभाव में आकर मृतकों, स्थायी रूप से पलायन कर चुके लोगों या कई जगहों पर मतदाता के रूप में दर्ज लोगों के नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं कर सकता।
उनकी यह टिप्पणी विपक्षी दलों द्वारा बिहार की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर आयोग पर बढ़ते हमलों के बीच आई है। विपक्ष का दावा है कि इस कदम से करोड़ों पात्र नागरिक मताधिकार से वंचित हो जाएंगे।
आयोग के अनुसार, उन्होंने कहा कि क्या निर्वाचन आयोग द्वारा पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से तैयार की जा रही शुद्ध मतदाता सूची निष्पक्ष चुनाव और मजबूत लोकतंत्र की नींव नहीं है? उन्होंने कहा कि पहले बिहार में और बाद में पूरे देश में अपात्र लोगों को वोट देने की अनुमति देना संविधान के विरुद्ध है।
उन्होंने रेखांकित किया कि इन सवालों पर, किसी न किसी दिन, हम सभी और भारत के सभी नागरिकों को राजनीतिक विचारधाराओं से परे जाकर गहराई से सोचना होगा।
बिहार में मतदाता सूची के जारी विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत घर-घर जाकर जांच करने पर निर्वाचन अधिकारियों ने अब तक पाया है कि 52 लाख से अधिक मतदाता अपने पते पर मौजूद नहीं थे और 18 लाख मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है।
बहिष्कार का विकल्प खुला : राजद नेता तेजस्वी यादव ने बृहस्पतिवार को कहा कि बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर पैदा विवाद के मद्देनजर उनकी पार्टी के पास आगामी चुनाव का बहिष्कार करने का विकल्प खुला है। समय आने पर, हम गठबंधन सहयोगियों के साथ चर्चा के बाद कोई निर्णय लेंगे। एसआईआर के नाम पर जो कुछ हो रहा है, वह किसी धोखाधड़ी से कम नहीं है।
edited by : Nrapendra Gupta