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Last Modified: गुरुवार, 20 नवंबर 2025 (18:09 IST)

नीतीश कुमार ने रचा कीर्तिमान, सबसे लंबे समय तक मुख्‍यमंत्री रहने का रिकॉर्ड तो किसी और के नाम है दर्ज

Nitish Kumar made a record
Nitish Kumar made a record: बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने 10वीं बार शपथ लेकर एक नया रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। हालांकि इससे पहले भी यह रिकॉर्ड उनके नाम ही था। नीतीश से पहले तमिलनाडु की पूर्व मुख्‍यमंत्री स्व. जयललिता और हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह ने 6-6 बार मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ली थी। सबसे ज्यादा समय तक मुख्‍यमंत्री रहने का रिकॉर्ड अब भी पवन चामलिंग के नाम दर्ज है। 
 
मुख्‍यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार का कार्यकाल 18 साल से अधिक का हो चुका है। नीतीश ने पहली बार 3 मार्च 2000 को मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ली थी, लेकिन बहुमत साबित नहीं कर पाने के कारण उन्हें 7 दिन बाद ही इस्तीफा देना पड़ा था। 24 नवंबर 2005 को नीतीश ने पूर्ण बहुमत के साथ मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ली। 2010 में पूर्ण बहुमत के साथ वे तीसरी बार मुख्‍यमंत्री बने। ALSO READ: बिहार में नीतीश सरकार, रमा निषाद से श्रेयसी सिंह तक जानिए कौन हैं कैबिनेट के नए चेहरे?
 
बिहार में सबसे लंबा शासन : 2014 में लोकसभा चुनाव में हार के बाद नीतीश ने मुख्‍यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और उनके स्थान पर जीतन राम मांझी मुख्‍यमंत्री बने थे। इसके बाद पार्टियों और गठबंधनों को अलट-पलट करते हुए नीतीश मुख्‍यमंत्री पद की कुर्सी से चिपके रहे। नीतीश कुमार यदि यह कार्यकाल पूरा कर लेंगे तो भी सबसे लंबे समय तक मुख्‍यमंत्री रहने का पवन चामलिंग का रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाएंगे। हालांकि नीतीश बिहार में सबसे लंबे समय तक मुख्‍यमंत्री रहने वाले नेता हैं। ALSO READ: बिहार में 10वीं बार नीतीश राज, 2 डिप्टी सीएम, 24 नेताओं ने भी मंत्री पद की शपथ ली
 
भारत में सबसे लंबे समय तक मुख्‍यमंत्री रहने का रिकॉर्ड पवन चामलिंग के नाम दर्ज है, वे दिसंबर 1994 से मई 2019 तक सिक्किम के मुख्‍यमंत्री रहे। उनका कार्यकाल लगभग 24 वर्ष, 165 दिन रहा, जो कि भारत में सबसे अधिक है। दूसरे नंबर पर नवीन पटनायक हैं, जिनका कार्यकाल 24 वर्ष, 99 दिन रहा। वे मार्च 2000 से जून 2024 तक ओडिशा के मुख्‍यमंत्री रहे। इस सूची में तीसरे स्थान पर कॉमरेड ज्योति बसु हैं, जो जून 1977 से नवंबर 2000 तक पश्चिम बंगाल के मुख्‍यमंत्री रहे। उनका कार्यकाल 23 वर्ष, 137 दिन रहा। 
 
नीतीश कुमार का कुल कार्यकाल उनके 10 बार शपथ लेने के बावजूद, बीच-बीच के संक्षिप्त अंतरालों (जैसे 2000 में 7 दिन, 2014-15 में 9 महीने) के कारण पवन कुमार चामलिंग या नवीन पटनायक जितना लंबा नहीं हो पाया है, लेकिन उनकी राजनीतिक स्थिरता और गठबंधन बदलने की क्षमता उन्हें भारतीय राजनीति के सबसे प्रमुख नेताओं में से एक बनाती है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala